दौसा : जिले के लालसोट विधायक रामविलास मीना पिछले दिनों राज्य सरकार के एक मंत्री से हुई बहस के बाद अपने तीखे तेवरों को लेकर एक बार फिर से चर्चाओं में आ गए हैं. बुधवार को लालसोट क्षेत्र में चल रही जनसुनवाई के दौरान विधायक ने वन विभाग के कर्मचारी को धमकी दे डाली.
बता दें कि, बुधवार को लालसोट विधानसभा क्षेत्र में जनसुनवाई चल रही थी, जिसमें विधानसभा क्षेत्र के अधिकारियों सहित विधायक रामविलास मीना भी मौजूद थे. इस दौरान जनसुनवाई में आए एक व्यक्ति ने वन विभाग के अधिकारियों पर ग्रामीणों के खिलाफ एससी-एसटी के झूठे मुकदमे दर्ज करवाने को लेकर शिकायत की. इसपर विधायक रामविलास मीना ने वन विभाग के कर्मचारियों को ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले को वापस लेने की बात कही. मामला वापस नहीं लेने पर तिलक लगाकर ऑफिस से विदाई करने की धमकी दे डाली.
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क्या है और मामला : दौसा उप वन संरक्षक अजित उचोई ने बताया कि बीते दिनों अवैध खनन की शिकायत पर वन विभाग की टीम लालसोट क्षेत्र में पहुंची थी.यहां अवैध खनन कर रहे लोग वन विभाग की टीम के सामने ट्रैक्टरों में भरे पत्थरों को खाली कर मौके से भाग गए थे. इसके संबंध में लालसोट थाने में अवैध खनन का मामला दर्ज कराया था. वहीं, लालसोट क्षेत्र में वन विभाग की ओर से एनएचआई का प्लांटेशन लगवाया था, जिसमें कई पौधे लगाकर तारबंदी करवाई गई थी. कुछ ग्रामीणों ने ट्रैक्टर से तारबंदी तोड़कर प्लांटेशन को नष्ट कर दिया.
विधायक ने ग्रामीणों से पेड़ लगाने की बात कही : उप वन संरक्षक उचोई ने बताया कि प्लांटेशन को नष्ट करने को लेकर विभागीय अधिकारियों ने ग्रामीणों से बात कर प्लांटेसन में पौधे लगवाने की बात कही थी. इसपर लालसोट विधायक ने भी वनकर्मियों और ग्रामीणों के बीच सुलह कराते हुए ग्रामीणों को पौधे लगाने के लिए कहा, लेकिन बाद में ग्रामीण एनएचआई के प्लांटेशन में पौधे लगाने की बात से मुकर गए. इसके बाद लालसोट थाने में ग्रामीणों के खिलाफ एक और मामला दर्ज कराया गया था, लेकिन वनकर्मियों की ओर से ग्रामीणों के खिलाफ एससी-एसटी का झूठा मामला दर्ज कराने की बात जानकारी में नहीं है. मामला पुलिस के पास है, अगर वनकर्मियों की ओर से दर्ज कराया गया मामला झूठा है तो पुलिस अपने हिसाब से कार्रवाई करेगी.
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किसी को आपत्ति है तो अपना ट्रांसफर करवा ले : ग्रामीणों पर झूठे मुकदमा लगाने की शिकायत मिलने पर विधायक रामविलास मीना वन विभाग के कर्मचारियों पर भड़क गए. उन्होंने कहा कि 'नौकरी करनी है तो पूर्व में दर्ज कराए दोनों मुकदमे वापस ले लेना नहीं तो मैं ऑफिस में आकर तुमको विदा कर दूंगा.' जनसुनवाई के दौरान विधायक रामविलास मीना ने वन विभाग के अफसर से कहा कि कल तक दोनों मुकदमे वापस हो जाने चाहिए, कैसे होंगे यह आप लोग जानो. जिस भी कर्मचारी को आपत्ति है वो अपना ट्रांसफर करवा लें. कल तक मुकदमे वापस नहीं हुए तो परसों मैं खुद ऑफिस आऊंगा और तिलक लगाकर साफा पहनाकर विदा कर दूंगा.
मंत्री को बताया बूढ़ा और खापट : दरअसल, विधायक रामविलास मीना पहले भी राज्य सरकार के एक मंत्री से हुई तीखी नोंकझोंक के बाद सुर्खियों में आए थे. मामला सितंबर माह का है, जब विधायक रामविलास मीना अपने क्षेत्र में ट्रांसफर को लेकर सचिवालय में मंत्री झाबर सिंह खर्रा से मिले थे, लेकिन किसी बात को लेकर दोनों के बीच तीखी नोंकझोंक हो गई. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए विधायक ने कहा था कि हमारी सरकार में ऐसे मंत्री बैठे है, जो बूढ़े-खापट हो गए हैं, इसलिए उनका दिमाग खिसक गया है. इसके बाद मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने विधायक को मंदबुद्धि करार दिया था.