पटना : बिहार विधानसभा में जब वोटिंग की बारी आयी तो विपक्ष के विधायक बाहर निकल गए. विधानसभा से वॉकआउट करने के बाद भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में कोई नई बात नहीं कह रहे थे. पुरानी बातों को दोहरा रहे थे.
''हम लोगों ने जो सवाल पूछा था उसका जवाब नहीं मिल रहा था. 17 महीने की सरकार जब नौकरी दे रही थी, सब कुछ सही था तो क्या कारण हुआ कि पाला बदल दिए. इस बात पर नीतीश कुमार कुछ नहीं बोल रहे थे तो अंततः वॉक आउट करना पड़ा.''- मनोज मंजिल, विधायक, भाकपा माले
'गरीबों के लिए कोई बात नहीं हुई' : मनोज मंजिल ने कहा कि हमलोगों को उम्मीद थी कि जातीय गणना की जो रिपोर्ट आयी है उस पर कुछ बात करेंगे. 64 फीसदी आबादी जो गरीबी रेखा के नीचे है, उसके लिए कुछ कल्याणकारी कार्य किए जाएंगे. लेकिन इन सब बातों पर कोई बात नहीं हुई.
''कई लोग खेल होने की बात कह रहे थे लेकिन हमलोगों की पार्टी लोकतंत्र के हिसाब से सोचती है और बात करती है. संविधान के अनुसार जो सही होता है उसकी बात करते हैं. एनडीए के पास संख्या बल पहले से ही था लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के लिए जो मतदान हुआ है उसमें एनडीए की नाराजगी दिख गई है.''- मनोज मंजिल, विधायक, भाकपा माले
संघर्ष की लड़ाई करते रहेंगे : मनोज मंजिल ने कहा कि जदयू और भाजपा के कुछ विधायक शामिल नहीं हुए. क्योंकि जदयू के कई विधायक नीतीश कुमार के इस पाला बदलने के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. हालांकि महागठबंधन के भी कुछ विधायकों ने गद्दारी की है. जहां तक उनकी पार्टी का सवाल है तो, सड़क से संघर्ष की लड़ाई शुरू से वह करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. गरीब गुरबा के उदय को लेकर वह सदन में अपनी आवाज उठाते रहेंगे.
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