चित्तौड़गढ़. जिला प्रमुख ने जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक सदस्यों की संख्या को देखते हुए स्थगित कर दी. लेकिन कुछ समय तक चली बैठक के दौरान कपासन विधायक अर्जुन लाल जीनगर ने एक पत्र दिखाकर हड़कंप मचा दिया. ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा 5% कमीशन मांगे जाने संबंधी सरपंचों का पत्र जैसे ही सदन के पटल पर रखा, अधिकारियों में खलबली मच गई. इस पत्र पर लगभग आधा दर्जन से अधिक सरपंचों के साइन थे. पत्र में सरपंचों का आरोप था कि नरेगा सहित केंद्र सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के पेटे ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा 5% कमिशन की मांग की जा रही है. जबकि पिछले कई सालों से सामग्री का पैसा तक अटका हुआ है और सरपंच इधर-उधर से सामग्री जुटा कर नरेगा के कार्यों को चला रहे हैं.
प्रधानमंत्री द्वारा मंडफिया के वाटर लेजर शो के वर्चुअल लोकार्पण के साथ 12 मार्च को निंबाहेड़ा में मुख्यमंत्री और वित्त राज्य मंत्री के आगमन की तैयारियों को देखते हुए आज दोपहर बाद जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक रखी गई थी. जिला प्रमुख भूपेंद्र सिंह बडोली, चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति प्रधान देवेंद्र कुंवर सहित आधा दर्जन सदस्य बैठक में पहुंच गए. विधायक अर्जुन लाल जीनगर भी पहुंचे. विधायक जीनगर ने एक पत्र जिला प्रमुख बडोली और जिला परिषद के अधिकारियों को दिखाते हुए कपासन क्षेत्र के सरपंचों की पीड़ा बैठक में रखी.
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उन्होंने आरोप लगाया कि ग्राम विकास अधिकारियों की कमीशनखोरी के चलते क्षेत्र के सरपंच दुखी होकर उनके पास पहुंचे और उन्हें लिखित में यह शिकायत की. पत्र में सरपंचों ने खुलेआम आरोप लगाया कि उनके ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा नरेगा और केंद्र सरकार की अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ के बदले पांच-पांच प्रतिशत कमीशन मांगा जा रहा है. जैसे ही विधायक ने यह पत्र दिखाया, जिला परिषद के अधिकारी भी भौच्चके रह गए.
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विधायक ने चेतावनी दी कि अब सरकार बदल चुकी है और ऐसे भ्रष्ट लोगों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने मामले की जांच करवा कर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत बताई. जिला प्रमुख ने बताया कि पार्टी के कार्यक्रमों में अधिकांश सदस्यों की व्यस्तता के कारण बैठक में सदस्यों की संख्या कम रही. इस कारण बैठक स्थगित करते हुए अगले सोमवार को रखी गई है. इस बैठक में ग्राम विकास अधिकारियों की कमीशनखोरी पर चर्चा कर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.