लाहौल स्पीति: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भू धंसाव की समस्या होने से गांवों पर खतरा मंडरा है. लाहौल स्पीति जिले की ग्राम पंचायत गोहरमा के लिंडूर गांव में भू धंसाव की समस्या बढ़ते ही जा रही है. गांव में करीब 40 बीघा से ज्यादा जमीन धंस चुकी है. ऐसे में क्षेत्रीय विधायक अनुराधा राणा लिंडूर गांव पहुंची और स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया.
रविवार को विधायक अनुराधा राणा गांव भू धंसाव से प्रभावित लिंडूर गांव पहुंचीं, जहां उन्होंने ग्रामीणों के दर्द को सुना. इस दौरान उन्होंने भूस्खलन क्षेत्र सहित घरों और जमीनों में आई दरारों आदि तमाम समस्याओं को लेकर ग्रामीणों से बातचीत की. साथ ही उन्होंने ग्रामीणों को परिस्थितियों से निपटने के लिए हर संभव सहायता करने का भी आश्वासन दिया. वहीं, आपात स्थिति में प्रभावितों के लिए प्री-फेब्रिकेटेड शेड लगाने के लिए गांव में ही किसी सुरक्षित स्थान चिन्हित कर उन्हें अवगत कराने को भी कहा. इस पर ग्रामीणों ने हामी भरी और कहा कि इसके लिए वे बैठक कर सुरक्षित जगह चिन्हित कर उन्हें अवगत करवाएंगे.
गौरतलब है कि पिछले तीन सालों से जाहलमा नाले की वजह से हो रहे भूस्खलन से लिंडूर गांव की तकरीबन 40 बीघा से अधिक जमीन धंस चुकी है. बीते साल सात-आठ मकानों में दरारें, एक परिवार के दो मंजिला मकान के एक कमरे का दीवार भी ढह गई थी. अभी भी जमीन में भूस्खलन जारी है. जाहलमा नाले की वजह से क्षेत्र के गांव हालिंग, जसरथ, जोबरंग के लोग भी परेशान हैं. उनकी कई बीघा जमीन चिनाव नदी का बहाव बढ़ जाने से बह गई है.
विधायक लाहौल-स्पीति अनुराधा राणा ने कहा, "लिंडूर गांव से नीचे हो रहा भूस्खलन चिंता का विषय है. ग्रामीणों की हर संभव सहायता की जाएगी. आपात स्थिति के लिए प्री-फेब्रिकेटिड शेड को लेकर लिंडूर गांव के लोगों से किसी सुरक्षित जगह चिह्नित करने को कहा है".
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