शहडोल। अप्रैल का महीना चल रहा है और सूर्य देव की प्रचंड तपिश से लोगों का हाल बेहाल है. दिन प्रति दिन तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही है. ऐसे में इस गर्मी से राहत पाने के लिए लोग ठंडे पानी की तलाश करते हैं और उसके लिए इन दिनों मिट्टी के मटके, मिट्टी के बॉटल की काफी डिमांड हो रही है. खासकर मिट्टी के जो नए-नए तरह के बॉटल तैयार होकर आ रहे हैं. कामकाजी लोग उन्हें बहुत ज्यादा पसंद कर रहे हैं. इनकी काफी डिमांड भी बढ़ रही है.
मिट्टी के बॉटल की खास डिमांड
गर्मी का मौसम चल रहा है और गर्मी के इस मौसम में हर जगह आपको मिट्टी के मटके, मिट्टी के बोतल, सुराही तरह-तरह के मिट्टी से बनी ऐसी वस्तुएं देखने को मिल जाएंगी. जिसमें रखकर पानी को ठंडा किया जा सके. शहडोल संभागीय मुख्यालय में लल्ली प्रजापति ने पिछले कई दिनों से सड़क किनारे अपनी दुकान लगा कर रखी है. लल्ली प्रजापति उमरिया जिले के चंदिया से हैं और वो इस गर्मी में मिट्टी के मटके, मिट्टी की सुराही, मिट्टी का बॉटल बेच रहे हैं. लल्ली प्रजापति कहते हैं कि वो तीन पीढ़ी से ये काम कर रहे हैं. ये तीसरी पीढ़ी उनकी है और बदलते वक्त के साथ अब वो लोग भी अपने काम को बदल रहे हैं. काम तो मिट्टी का ही कर रहे हैं, लेकिन वस्तुएं भी नए-नए तैयार कर रहे हैं.
पिछले कुछ सालों से मिट्टी के बॉटल की डिमांड लोगों के बीच में काफी बढ़ी है. दुकानदार लल्ली प्रजापति बताते हैं कि लोग मटका खरीदने तो आते हैं, लेकिन सबसे पहले पूछते हैं कि क्या मिट्टी का बॉटल आपने रखा है. खासकर जो ऑफिस में बैठते हैं. वो लोग मिट्टी का मटका मिट्टी का बॉटल जरूर मांगते हैं. इसलिए लल्ली प्रजापति कहते हैं कि इस बार वो काफी ज्यादा तादात में मिट्टी के बॉटल लेकर आए हैं. पिछली बार लाए थे, लेकिन जल्दी बिक गया था. इस बार इतना ज्यादा लाए हैं की ज्यादा से ज्यादा पैसे वो कमा सकें, क्योंकि इसकी डिमांड बढ़ रही है.
कामकाजी लोगों के बीच बढ़ा चलन
लल्ली प्रजापति और उनके साथ कई व्यापारी इन दिनों संभागीय मुख्यालय में मिट्टी के बर्तनों का व्यापार करने बाहर से आए हुए हैं. वो बताते हैं कि साल दर साल मिट्टी के बॉटल्स की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ रही है. इसे ऑफिस में काम करने वाले लोग ज्यादा खरीद रहे हैं. वो बताते हैं कि लोग इन्हें अपने आफिस के केबिन, में टेबल पर रख लेते हैं और उसमें ठंडा पानी भर कर रखते हैं. जिससे उन्हें ठंडा पानी पीने को मिल जाता है. नॉर्मल बॉटल्स में जब वो पानी लेकर जाते हैं. उसमें पानी गर्म हो जाता है, लेकिन इसमें ठंडा बना रहता है. साथ ही मिट्टी का है इसलिए साफ स्वच्छ और सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. इसलिए मिट्टी के बॉटल्स की डिमांड बढ़ रही है और ज्यादा से ज्यादा कामकाजी लोग मिट्टी के बॉटल खरीद कर ले जाते हैं.
आजकल आने लगे तरह-तरह के बॉटल
देखा जाए तो बदलते वक्त के साथ अब मिट्टी का काम करने वाला ये वर्ग भी बदल रहा है. लोगों की डिमांड के हिसाब से वस्तुएं लेकर आ रहा है. मिट्टी के बर्तन बनाने वाले राममिलन बताते हैं कि आजकल अब तरह-तरह के मिट्टी के बॉटल आने लग गए हैं. एक तो मिट्टी का बॉटल होता है. जिसमें ऊपर से एक ढक्कन हम रख देते हैं. जिसे आप रूम, टेबल में रख सकते हैं. उसमें पानी भरकर सुरक्षित भी रख सकते हैं. ढकने के लिए एक अलग से मिट्टी का ही बना हुआ ढक्कन दिया जाता है. इसके अलावा थोड़ी और मेहनत की जाए तो ढक्कन भी दूसरे बॉटल की तरह लग जाता है.
ऐसे भी बॉटल आने लग गए हैं, जिस तरह से प्लास्टिक के बॉटल में ढक्कन लगते हैं. ठीक उसी तरह से मिट्टी के बॉटल में भी ढक्कन लग जाते हैं. उसकी भी डिमांड बढ़ी है, लेकिन जिस मिट्टी के बॉटल में अलग से मिट्टी का ही ढक्कन हम दे रहे हैं, उसे लोग ज्यादा खरीद और पसंद कर रहे हैं, क्योंकि इसका ढक्कन भी मिट्टी का ही आ रहा है. जिसमें प्लास्टिक के बॉटल की तरह जिसमें ढक्कन लगा रहे हैं. उसमें ढक्कन प्लास्टिक का रहता है इसलिए ज्यादातर लोग मिट्टी से ढकने वाले बॉटल को ही ले रहे हैं.
कितने में मिल रहे बॉटल
मिट्टी के इन बॉटल्स के दाम की बात करें तो इसमें कलाकारी होती है. इसे बनाने में समय लगता है. मिट्टी लाना उसे बनाना, सुखाना, पकाना, कलर करना और फिर बाजार में लेकर आना और बेचना समझ सकते हैं की कितनी मेहनत लगती होगी. प्लास्टिक के बॉटल से थोड़ी ज्यादा होती है, लेकिन मिट्टी के बॉटल्स सेहत के लिए बेहतर होता है. पानी को भी अच्छे से ठंडा करता है और गर्मी में इसका पानी नुकसान भी नहीं करता है. व्यापारी लल्ली प्रजापति बताते हैं कि उनके दुकान में जो मिट्टी के बोतल हैं 90 से ₹100 के बीच में मिल रहे हैं. कोई ₹90 का बोतल है कोई ₹100 का बॉटल है, लेकिन इससे ज्यादा महंगे नहीं हैं.
घड़े में अलग-अलग सुविधा
कुछ मटका व्यापारी बताते हैं कि समय बदल रहा है दुनिया 21वीं सदी में पहुंच चुकी है. हर क्षेत्र में लोगों को सुविधाएं देने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में मिट्टी के काम करने वाले ये लोग भी अपने मिट्टी के बर्तनों में तरह-तरह की सुविधा जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. इसी के तहत अब जो मिट्टी के मटके आ रहे हैं. उसमें नल लगाया जा रहा है, हालांकि उसका दाम ₹50 ज्यादा लिया जा रहा है, लेकिन नल की सुविधा दी जा रही है. व्यापारियों का कहना है कि कई लोग आते हैं वो कहते हैं कि उन्हें ऐसा मटका चाहिए, जिसमें पानी को अंदर से ना निकालना पड़े, बल्कि नल चालू करो और पानी निकाल लो. जिससे पानी गंदा ना होगा. इसलिए नल वाले मटके भी ला रहे हैं. इसके अलावा सुराही जो काफी सालों से चला आ रहा है. उसकी भी डिमांड आज भी बनी हुई है. सुराही के पानी पीने के लिए लोग स्पेशली सुराही लेकर जाते हैं. मिट्टी के मटको के व्यापारी बताते हैं उनके दुकानों में ₹100 के मिट्टी के मटके मिल रहे हैं. इसके अलावा डेढ़ सौ रुपए में नल वाले मटके मिल रहे हैं, सुराही भी ₹100 में दे रहे हैं.
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मिट्टी के बर्तन सेहत के लिए भी फायदेमंद
देखा जाए तो ज्यादातर लोग गर्मी के समय में पानी पीने के लिए मिट्टी के ही बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं. खासकर मिट्टी के घड़े, सुराही, मिट्टी का बॉटल लोग घरों पर ले जाते हैं. उसकी एक वजह यह भी है कि फ्रिज का पानी डायरेक्ट पीने से नुकसान करता है. सर्दी-खांसी जुकाम होने की संभावना बनी रहती है. सर्द गर्म होने की संभावना बनी रहती है, लेकिन मिट्टी के मटके में जो पानी ठंडा होता है. उसका टेंपरेचर नार्मल होता है. इतना होता है कि आपके शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाएगा. इसके अलावा जानकार ये भी बताते हैं की मिट्टी के बर्तन में जो पानी रखा होता है, वो सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. इसलिए मिट्टी के बर्तनों की डिमांड अक्सर बनी रहती है.