अलवर : सरिस्का टाइगर रिजर्व से बाहर निकले तीनों बाघों को वापस सरिस्का के जंगल में लाने की तैयारी है. सरिस्का प्रशासन बाघों को ट्रेंकुलाइज कर वापस लाने के प्रयास में जुटा है. सरिस्का के तीन बाघ इन दिनों जयपुर, राजगढ़ वन और हरियाणा के झाबुआ के जंगलों में घूम रहे हें.
बाघ को वापस लाने की पुरजोर कोशिश : सरिस्का में अभी 43 टाइगर एवं शावक हैं, इनमें से तीन युवा टाइगर सरिस्का के जंगलों से बाहर घूम रहे हैं. इनमें एक टाइगर लंबे समय से जयपुर वन में घूम रहा है. वहीं, एक अन्य बाघ इन दिनों हरियाणा के झाबुआ के जंगल में हैं. वहीं, एक टाइगर अभी राजगढ़ वन क्षेत्र में है. कुछ समय पहले इस टाइगर के पगमार्क राजगढ़ वन क्षेत्र में दिखाई दिए थे. इसकी मॉनिटरिंग के लिए सरिस्का वनकर्मियों की टीम लगाई गई. ये बाघ अब सरिस्का प्रशासन की चिंता का कारण बने हैं. सरिस्का प्रशासन ने तीनों ही युवा बाघों को वापस लाने के प्रयास भी किए, लेकिन वह सफल नहीं हो सका है. अब सरिस्का प्रशासन इन बाघों में से एक झाबुआ में घूम रहे बाघ को वापस लाने की पुरजोर कोशिश में लगा हुआ है.
पढ़ें. Rajasthan: बाघ 2305 का राजगढ़ वन क्षेत्र में मिला पगमार्क, पिछले ढाई महीने से था लापता
सरिस्का के सीसीएफ संग्राम सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीमें सरिस्का के जंगल से बाहर घूम रहे बाघों की हर गतिविधि पर नजर रख रही हैं. जयपुर वन क्षेत्र के जमवारामगढ़ के जंगल में घूम रहा बाघ सुरक्षित है, जबकि झाबुआ पहुंचे बाघ को जल्द ही ट्रेंकुलाइज कर सरिस्का वापस लाने की कोशिश की जा रही है. झाबुआ में बाघ को बड़ा क्षेत्र मिल रहा है, वहीं पर्याप्त मात्रा में भोजन की सुविधा भी है. उन्होंने बताया कि बाघ एक समझदार जीव की श्रेणी में आता है. वनकर्मियों की ओर से कई बार कोशिश की गई, लेकिन बाघ को ट्रेंकुलाइज नहीं कर पाए. कारण है कि बाघ भी समझ जाता है कि उसके लिए कोई ट्रैप है, लेकिन सरिस्का प्रशासन के प्रयास है कि जल्द से जल्द इस बाघ को ट्रेंकुलाइज कर एक बार फिर अपने वन क्षेत्र में लेकर आया जाए.
क्यों जा रहे बाहर : सरिस्का टाइगर रिजर्व से बाहर 3 युवा बाघ विचरण कर रहे हैं. इसके पीछे का कारण है कि युवा बाघ अपनी टेरिटरी बनाने के लिए आसपास की जंगलों में निकलते हैं. जमवारामगढ़ का जंगल सरिस्का से मिला हुआ है. सरिस्का की अजबगढ़ रेंज जयपुर का जमवारामगढ़ के जंगल से मिली हुई है, जहां पहले भी सरिस्का के टाइगर आते-जाते रहे हैं. वहीं, अलवर बफर के जंगल से किशनगढ़, कोटकासिम होते हुए बाघों को सुरक्षित जंगल मिल जाता है, जिसके चलते बाघ हरियाणा की ओर कुच कर जाते हैं. वर्तमान सरिस्का रिजर्व में 43 बाघ हैं, जबकि बाघों की संख्या को देखते हुए यहां क्षेत्र बढ़ाने की जरुरत है, इसके लिए सरिस्का प्रशासन के प्रयास जारी हैं.