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राज्य के सबसे बड़े अस्पताल का हाल, रिम्स के टूटे फर्श बढ़ा रहे मरीजों की पीड़ा, प्रबंधन बेपरवाह - Mismanagement In RIMS

RIMS building in bad condition.रिम्स में मरीजों का दर्द कम होने की बजाय बढ़ रहा है. इसकी वजह रिम्स अस्पताल परिसर के टूटे फर्श हैं. रिम्स प्रबंधन पुरानी बिल्डिंग के रख-रखाव पर ध्यान नहीं दे रहा है.

Mismanagement In RIMS
रिम्स अस्पताल के टूटे फर्श. (कोलाज इमेज-(ईटीवी भारत))
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 18, 2024, 1:34 PM IST

रांची: कुव्यवस्था के कारण राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है. इस बार रिम्स अस्पताल परिसर के टूटे फर्श चर्चा का विषय बना हुआ है. रिम्स के इंडोर विभाग, ओपीडी और आईसीयू में अधिकांश फर्श टूट गए हैं. फर्श पर टाइल्स लगा था और अब टाइल्स टूट गए हैं. इस कारण स्ट्रेचर पर और व्हीलचेयर पर मरीजों को लाने और ले जाने में परेशानी होती है.

रिम्स अस्पताल में कुव्यवस्था पर रिपोर्ट और जानकारी देते संवाददात हितेश कुमार. (वीडियो-ईटीवी भारत)

टूटे फर्श में कई बार फंस जाते हैं स्ट्रेचर और व्हीलचेयर के पहिए

कई बार तो टूटे फर्श में स्ट्रेचर और व्हीलचेयर का चक्का फंस जाता है. ऐसे में मरीजों का दर्द अधिक बढ़ जाता है. वहीं ट्रॉली मैन और वार्ड ब्वॉय के लिए इन गड्ढों और टूटे फर्श से बचाकर स्ट्रेचर और व्हीलचेयर निकालकर ले जाना किसी चुनौती से कम नहीं होती है.

मरीजों के परिजनों ने साझा की परेशानी

रिम्स के इंडोर विभाग में अपने मरीज को ले जा रहे परिजन शंकर बेदिया बताते हैं कि फर्श टूटने के कारण कई बार मरीज को ले जाने में काफी मुसीबत होती है. टूटे फर्श में स्ट्रेचर का पहिया फंस जाने से गंभीर मरीजों को चोट लगने की भी संभावना बढ़ जाती है. वहीं आईसीयू में भर्ती एक मरीज के परिजन ने कहा कि रिम्स प्रबंधन यदि चाहे तो यह काम मिनटों में करवा सकता है. लेकिन इसपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

रिम्स के ट्रॉली मैन और वार्ड ब्वॉय को भी होती है परेशानी

मरीजों के परिजनों ने बताया कि यदि टूटे फर्श के स्थान को सीमेंट से भरवा दिया जाए तो स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर जाने वाले मरीजों को झटके से राहत मिल सकती है. फर्श टूटने की वजह से होने वाली परेशानियों के संबंध में रिम्स में काम करने वाले कर्मचारी बताते हैं कि टूटे-फूटे फर्श पर स्ट्रेचर ले जाने से आवाज उत्पन्न होती है. जिससे गंभीर मरीजों को परेशानी होती है.

जल्द रिम्स की पुरानी बिल्डिंग को रिनोवेट कराया जाएगाः डॉ राजीव रंजन

इस संबंध में रिम्स प्रबंधन की तरफ से जनसंपर्क पदाधिकारी डॉक्टर राजीव रंजन ने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में इंडोर और ओपीडी के लिए नई बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाएगी. लेकिन उससे पहले पुरानी बिल्डिंग में चल रहे विभागों को रिनोवेट कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि नए निदेशक डॉ राजकुमार ने भी रिम्स में पुराने भवन की मरम्मत कराने का निर्देश दिया है.

गौरतलब है कि रिम्स के टूटे फर्श मरीजों की परेशानी बढ़ा सकती है. ऐसे में जरूरी है रिम्स प्रबंधन टूटे फर्श की जल्द मरम्मत कराए, ताकि रिम्स में आने वाले मजबूर और लाचार मरीजों के जख्म इन गड्ढों की वजह से बढ़ सके.

ये भी पढ़ें-

अस्वस्थ अस्पताल! रिम्स में जांच के लिए दर-दर भटक रहे मरीज, कहीं मशीन खराब तो कहीं लंबी लाइन से परेशान हैं लोग - Mismanagement in RIMS

रिम्स के सर्जरी वार्ड में अचानक बजने लगा सायरन, मच गई अफरा-तफरी, जानिए क्या है वजह - Siren In RIMS

रिम्स में डॉक्टर और मरीज के परिजनों के बीच मारपीट, इलाज में लापरवाही का आरोप

रांची: कुव्यवस्था के कारण राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है. इस बार रिम्स अस्पताल परिसर के टूटे फर्श चर्चा का विषय बना हुआ है. रिम्स के इंडोर विभाग, ओपीडी और आईसीयू में अधिकांश फर्श टूट गए हैं. फर्श पर टाइल्स लगा था और अब टाइल्स टूट गए हैं. इस कारण स्ट्रेचर पर और व्हीलचेयर पर मरीजों को लाने और ले जाने में परेशानी होती है.

रिम्स अस्पताल में कुव्यवस्था पर रिपोर्ट और जानकारी देते संवाददात हितेश कुमार. (वीडियो-ईटीवी भारत)

टूटे फर्श में कई बार फंस जाते हैं स्ट्रेचर और व्हीलचेयर के पहिए

कई बार तो टूटे फर्श में स्ट्रेचर और व्हीलचेयर का चक्का फंस जाता है. ऐसे में मरीजों का दर्द अधिक बढ़ जाता है. वहीं ट्रॉली मैन और वार्ड ब्वॉय के लिए इन गड्ढों और टूटे फर्श से बचाकर स्ट्रेचर और व्हीलचेयर निकालकर ले जाना किसी चुनौती से कम नहीं होती है.

मरीजों के परिजनों ने साझा की परेशानी

रिम्स के इंडोर विभाग में अपने मरीज को ले जा रहे परिजन शंकर बेदिया बताते हैं कि फर्श टूटने के कारण कई बार मरीज को ले जाने में काफी मुसीबत होती है. टूटे फर्श में स्ट्रेचर का पहिया फंस जाने से गंभीर मरीजों को चोट लगने की भी संभावना बढ़ जाती है. वहीं आईसीयू में भर्ती एक मरीज के परिजन ने कहा कि रिम्स प्रबंधन यदि चाहे तो यह काम मिनटों में करवा सकता है. लेकिन इसपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

रिम्स के ट्रॉली मैन और वार्ड ब्वॉय को भी होती है परेशानी

मरीजों के परिजनों ने बताया कि यदि टूटे फर्श के स्थान को सीमेंट से भरवा दिया जाए तो स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर जाने वाले मरीजों को झटके से राहत मिल सकती है. फर्श टूटने की वजह से होने वाली परेशानियों के संबंध में रिम्स में काम करने वाले कर्मचारी बताते हैं कि टूटे-फूटे फर्श पर स्ट्रेचर ले जाने से आवाज उत्पन्न होती है. जिससे गंभीर मरीजों को परेशानी होती है.

जल्द रिम्स की पुरानी बिल्डिंग को रिनोवेट कराया जाएगाः डॉ राजीव रंजन

इस संबंध में रिम्स प्रबंधन की तरफ से जनसंपर्क पदाधिकारी डॉक्टर राजीव रंजन ने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में इंडोर और ओपीडी के लिए नई बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाएगी. लेकिन उससे पहले पुरानी बिल्डिंग में चल रहे विभागों को रिनोवेट कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि नए निदेशक डॉ राजकुमार ने भी रिम्स में पुराने भवन की मरम्मत कराने का निर्देश दिया है.

गौरतलब है कि रिम्स के टूटे फर्श मरीजों की परेशानी बढ़ा सकती है. ऐसे में जरूरी है रिम्स प्रबंधन टूटे फर्श की जल्द मरम्मत कराए, ताकि रिम्स में आने वाले मजबूर और लाचार मरीजों के जख्म इन गड्ढों की वजह से बढ़ सके.

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