मिर्जापुर : नारायनपुर विकासखंड में रिटायर्ड बीएसएफ का जवान गांव के खेतों में खिलाड़ियों की पौध तैयार कर रहा है. गांव के खाली पड़े खेतों में ग्रामीण युवक और युवतियों को फ्री में ट्रेनिंग दी जा रही है. युवा कड़ी मेहनत कर खेलकूद में अपना करियर बना रहे हैं. बिना किसी संसाधन के ये खिलाड़ी नेशनल और स्टेट लेवल के खिलाड़ियों को भी टक्कर देने का माद्दा रखते हैं. ये कई मेडल भी जीत चुके हैं.
बीएसएफ के रिटायर्ड जवान सुरेश कुमार जिले के नारायनपुर विकासखंड के घरवासपुर गांव के रहने वाले हैं. रिटायरमेंट के बाद वह गांव के खाली खेतों में पिछले 10 साल से युवाओं में निशुल्क ट्रेनिंग दे रहे हैं. उबड़ खाबड़ खेतों में पगडंडियों के माध्यम से बच्चे पहुंचकर खेल रहे हैं. उबड़ खाबड़ मैदान में घंटों पसीना बहाने वाले खिलाड़ी नेशनल प्रतियोगिताओं में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं. 5 वर्षों से लगातार यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना दम दिखा रहे हैं.
सुरेश कुमार ने बताया कि साल 2014 में तीन बच्चों को प्रशिक्षण देना प्रारंभ किया था. आज गांव के कुल 42 बच्चों को एथलेटिक्स, बॉलीबॉल और अन्य खेलों का वह निशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं. प्रतिदिन सुबह-शाम खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देते हैं. इसका परिणाम भी काफी सार्थक आ रहा है. इस वर्ष भी विभिन्न खेलों में 13 खिलाड़ी प्रदेशीय प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं.
युवाओं ने बताया कि गांव में कोई स्टेडियम न होने से खेतों में खेलना पड़ता है. बारिश हो जाने पर खेत गीला हो जाता है. इससे खेल नहीं पाते. स्टेडियम और मैदान बन जाए तो हम भी अच्छा खेल सकते हैं. जो खेत खाली रहता है उसी में हमें प्रशिक्षण दिया जाता है. रिटायर्ड बीएसएफ जवान सुरेश कुमार ने बताया कि वह 1989 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे. 2013 में रिटायर होने के एक साल बाद 2014 से वह बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं.
कई बच्चे नेशनल और स्टेट लेवल तक चयनित भी हो चुके हैं. अगर सरकार इन गांव के खिलाड़ियों को स्टेडियम जैसी सुविधाएं मुहैया कराए तो बच्चे अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकते हैं.
ये खिलाड़ी खेले चुके नेशनल : ज्योति वॉलीबॉल में नेशनल लेवल पर खेल चुकी हैं. गोला थ्रो एवं भाला फेंक में कनिका 2 बार नेशनल लेवल पर खेलकर सिल्वर मेडल हासिल कर चुकी हैं. ऊंची कूद/6सौ मीटर रेस में सुनैना, लंबी/ऊंची कूद में शिवानी, गोला फेंक में पूर्णिमा मौर्या, दौड़/भाला फेंक में शिवा कुमार नेशनल खेलकर अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं.
2024 में स्टेट के लिए चयनित खिलाड़ी : घरवासपुर गांव के गढ्ढा युक्त खेतों में तैयारी कराने वाले सुरेश कुमार की मेहनत इस वर्ष भी रंग लाई. यहां तैयारी करने वाले 13 बच्चे इस वर्ष भी प्रदेशीय स्कूल गेम्स के लिए चयनित किए गए हैं. इनमें सुनैना, कनिका, प्रियांशी, अमृता, अपराजिता, चांदनी, राजनंदनी, पायल, आंचल, आकांक्षा, ममता आकांक्षा, किशन स्टेट के लिए चयनित किए गए हैं.
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