मिर्जापुर : नवरात्र के मद्देनजर मां विंध्यवासिनी धाम में पूरे 9 दिनों तक श्रद्धालु मां का चरण स्पर्श नहीं कर पाएंगे. वहीं दो अक्टूबर से मेला की समाप्ति तक भारी वाहन भी मंदिर की ओर नहीं आ सकेंगे. ऐसे वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से गुजारा जाएगा. हर साल नवरात्र पर मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ जुटती है. इंतजामों को बेहतर बनाए रखने के लिए कई निर्णय लिए गए हैं.
श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी के अनुसार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है. श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी के गर्भगृह में दर्शन पूजन के लिए न्यू वीआईपी लेन से लाइन लगाकर गणेश द्वारा से प्रवेश करेंगे. द्वितीय प्रवेश द्वार से जयपुरिया गली और पक्के घाट के श्रद्धालु पहुंचेंगे. कोतवाली मार्ग पर लाइन लगाने वाले श्रद्धालु केवल झांकी से दर्शन करेंगे.
शारदीय नवरात्र मेला में यातायात विभाग की तरफ से 2 अक्तूबर की सुबह 6 बजे से रूट डायवर्जन रहेगा. यह नवरात्र मेला समाप्ति तक जारी रहेगा. विंध्याचल रास्ते से भारी वाहन नहीं जा पाएंगे. भारी वाहनों को नटवा तिराहे से विंध्याचल की तरफ व गैपुरा चौराहा से विंध्याचल धाम की तरफ दूसरे मार्ग से भेजा जाएगा. केवल पेट्रोलियम पदार्थ, गैस, अग्निशमन इमरजेंसी वाहन ही यादव चौराहा बरकछा होते हुए शहर में प्रवेश कर सकेंगे. ऐसे भारी वाहन जिन्हें शहर क्षेत्र में आना है और अनुमति प्राप्त वाहन नहीं है, वे रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक यादव चौराहा बरकछा से आवागमन कर सकेंगे.
व्यापारियों के लिए चील्ह पिकेट से छह पहिया माल वाहन को रात 12 बजे से 2 बजे तक प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई है. ये वाहन शहर में आने के बाद बरकछा होते हुए बाहर निकलेंगे. डायवर्जन में यह छूट केवल खाद्य आपूर्ति व अन्य आवश्यक खाद्य सामग्रियों को ले जाने वाले वाहनों के लिए रहेगी. सिटी से बाहर जाने वाले भारी वाहनों को रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक यादव चौराहा बरकछा से होकर वाराणसी रीवा हाईवे से आवागमन करने की अनुमति होगी.