सागर। इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम की नाम वापसी के बाद सियासत तेज हो गयी है. खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद राजपूत ने कांग्रेस और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि 'जब भी कोई कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल होता है, तो जीतू पटवारी कहते हैं कि बिक गया, सौदेबाजी हो गयी, लेकिन अब वह ऐसा नहीं कह रहे हैं, क्योंकि उन्होंने ही अक्षय बम को टिकट दिलाया था, जबकि कांग्रेस के कई नेता इसके खिलाफ थे. अब मैं जीतू पटवारी से पूछना चाहता हूं कि क्या अक्षय बम उनकी सहमति से गए हैं और अगर सहमति से गए हैं, तो कितने में सौदा हुआ है.' वहीं गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि 'जिस तरीके से पूरे देश में कांग्रेसी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं. कहीं ऐसा ना हो कि 7 मई तक जीतू पटवारी ही भाजपा में शामिल हो जाएं.'
क्या कहा गोविंद सिंह राजपूत
मोहन यादव सरकार में खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि 'मेरे पूरे राजनीतिक जीवन में पहली बार ऐसा देख रहा हूं कि लोकसभा के प्रत्याशी नामांकन वापस ले रहे हैं. कांग्रेस को छोड़ रहे हैं और भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी को समर्थन दे रहे हैं. जहां तक मध्य प्रदेश की बात है तो प्रदेश की इंदौर में जो हुआ है, वह देखने लायक है. इंदौर के कांग्रेस प्रत्याशी पूरी तरह से जीतू पटवारी का प्रत्याशी था. जहां तक मैंने सुना है कि कांग्रेस के कई लोगों ने मना किया था कि अक्षय बम को टिकट मत दो, लेकिन जीतू पटवारी ने अपनी जिद पर उसको टिकट दिलाया. आज जब उसने कांग्रेस प्रत्याशी का पद छोड़ दिया है, तो जीतू पटवारी चुप हैं.'
कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि जीतू पटवारी हमेशा आरोप लगाते हैं, जो भी कांग्रेस से भाजपा में गया, तो बोलते हैं कि बिक गया. अगर अक्षय बम कांग्रेस से भाजपा में आए हैं, तो बिकने का सौदा क्या जीतू पटवारी की सहमति से हुआ है. आज जीतू पटवारी को बताना चाहिए, लेकिन उन्होंने बिकने वाली बात बोलना बंद कर दिया है. मुझे तो लगता है कि पूरे देश में आज लाखों कांग्रेसी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ रहे हैं. यह क्रम इसी तरह चलता रहा, तो वह दिन दूर नहीं कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी भाजपा में ना आ जाएं.'
मंत्री का उभरा दर्द
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं. दरअसल, गोविंद सिंह राजपूत ने जब सिंधिया के साथ कांग्रेस से बगावत की थी, तो कांग्रेस ने विधायकों पर सौदेबाजी के आरोप लगाए थे. उपचुनाव के समय तो कांग्रेस ने सभी सिंधिया समर्थकों पर एक-एक वोट की सौदेबाजी को लेकर पोस्टर जारी किया था. तब सभी सिंधिया समर्थक विधायकों ने कोर्ट में केस किया था, लेकिन चुनाव हो जाने के बाद सभी सिंधिया समर्थकों ने केस वापस भी ले लिया था. जीतू पटवारी पर उनके बयान को लेकर माना जा रहा है कि उन पर लगे सौदेबाजी के आरोपों का आज उन्हें जवाब देने का मौका मिल गया है.