पलामूः कांग्रेस में विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे में अल्पसंख्यक और ओबीसी ने अपना हक मांगा है. यह मांग पलामू में आयोजित कांग्रेस के संवाद कार्यक्रम में उठाई गई है. बुधवार को पलामू में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की अध्यक्षता में संवाद कार्यक्रम रखा गया था. इस कार्यक्रम में संबोधन के दौरान कई नेताओं ने तल्ख टिप्पणी की है. दरअसल, कार्यक्रम घंटों चलने के बावजूद अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सह प्रदेश प्रवक्ता डॉ. एम तौसीफ को मंच से बोलने का मौका नहीं दिया गया था. इसके बाद डॉ. एम तौसीफ ने प्रदेश अध्यक्ष से बात की, जिसके बाद उन्हें बोलने का मौका दिया गया.
अल्पसंख्यकों के लिए मांगा हक
मंच से बोलते हुए डॉक्टर एम तौसीफ ने कहा कि वह कभी अल्पसंख्यक की राजनीति नहीं करते हैं, लेकिन मजबूर होकर आज उन्हें बोलना पड़ा है. उन्होंने कहा कि पलामू लोकसभा क्षेत्र में 18.5 प्रतिशत वोटर अल्पसंख्यक हैं. ऐसे में अल्पसंख्यकों के हक और अधिकार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कांग्रेस का कोई पहला वोटर है तो वह अल्पसंख्यक है. इसलिए इस बार हक देना होगा, इस बार कोई माफी नहीं मिलेगी. पलामू में टिकट बंटवारे का इतिहास देखा जाए.
ओबीसी को टिकट देने की मांग
कांग्रेस के संवाद कार्यक्रम में मंच से ओबीसी नेताओं ने भी टिकट लेकर अपनी आवाज उठाई. ओबीसी के नेताओं ने भी पलामू में राजनीतिक समीकरण के तहत ओबीसी के लिए दो सीट देने की मांग की. कांग्रेस नेता शैलेश चंद्रवंशी ने मंच से कहा कि पार्टी कम से कम दो ओबीसी के नेताओं को टिकट दें. पार्टी अगर ओबीसी के नेताओं को टिकट नहीं देती है तो परिणाम पुराने जैसे रहेंगे, जैसा 2019 में हुआ था.
मौका नहीं मिला तो भावुक हुईं महिला नेत्री पूर्णिमा पांडेय
कांग्रेस के संवाद कार्यक्रम में विश्रामपुर विधानसभा सीट से दावेदारी करने वाली पूर्णिमा पांडेय को बोलने का मौका नहीं दिया गया. इस पर वह नाराज होकर कार्यक्रम से जाने लगी, लेकिन पार्टी के नेताओं ने उन्हें मनाया. वापस लौटने पर वह भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि पार्टी में महिलाओं की अनदेखी हो रही है. वहीं यूथ कांग्रेस के मणिकांत सिंह और अभिषेक तिवारी ने भी कहा कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया है. पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में यूथ कांग्रेस को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता है.
ये भी पढ़ें-