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जल गंगा संवर्धन अभियान के कार्यक्रम में शामिल हुए मंत्री तुलसी सिलावट, कर दी बड़ी घोषणा - Sehore jal ganga samvardhan abhiyan

सीहोर जिले के कांकरखेड़ा में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा पहुंचे. इस कार्यक्रम में दोनों मंत्रियों ने लोगों से जल संचय करने की अपील की.

SEHORE JAL GANGA SAMVARDHAN ABHIYAN
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 12, 2024, 9:44 PM IST

सीहोर। जिले के इछावर जनपद क्षेत्र में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट शामिल हुए. इस दौरान उनके साथ मंत्री करण सिंह वर्मा भी मौजूद रहे. यहां मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि जल ही जीवन का आधार है. पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. जल के इसी महत्व को देखते हुए भारतीय संस्कृति में जल की पूजा होती आ रही है. आने वाले कल के लिए जल संरक्षण महती आवश्यकता है.

जल गंगा संवर्धन अभियान के कार्यक्रम में शामिल होने सीहोर पहुंचे मंत्री तुलसीराम सिलावट (Etv Bharat)

मंत्री ने लोगों से की जल संचय करने की अपील

मंत्री सिलावट ने कहा कि ''जल गंगा संवर्धन अभियान समय की सबसे बड़ी जरूरत है. इस अभियान से जहां एक ओर जल के संरक्षण और संवर्धन में मदद मिलेगी. वहीं दूसरी ओर पर्यावरण में भी सुधार आएगा. इस अभियान के अंतर्गत नदी, तालाब, कुओं, बावड़ी सहित अन्य जल सरचनाओं का जीर्णाद्धार और नवीनीकरण कर उन्हें उपयोगी बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पहल पर शुरू किया गया जल गंगा संवर्धन अभियान पूरे प्रदेश का अभियान है. पूरे समाज का अभियान है. इस अभियान में प्रत्येक नागरिक की भागीदारी जरूरी है. हमारी अर्थव्यवस्था 70 प्रतिशत कृषि पर आधारित है और पानी के बिना खेती किसानी संभव नहीं है. हम इतना पानी का संचय कर लें कि हर गावं, हर शहर पानी के लिए आत्मनिर्भर हो जाए.''

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मंत्री सिलावट ने आगे कहा कि ''हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में तेजी से विकास हो रहा है. वर्ष 2006 में प्रदेश की सिंचाई का रकबा सात लाख हेक्टेयर था, जो बढ़कर आज 47 लाख हेक्टेयर हो गया है. साल 2025 में खेती का रकबा 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है.'' कांकरखेड़ा में आयोजित कार्यक्रम में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने भी लोगों से जल संचय करने का आग्रह किया. जल संसाधन मंत्री इस दौरान कांकरखेड़ जलाशय की क्षतिग्रस्त नहर का सुधार, पाल पर झाड़ियों की सफाई व पिचिंग रिसेटिंग का कार्य सहित कई निर्देश दिए.

सीहोर। जिले के इछावर जनपद क्षेत्र में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट शामिल हुए. इस दौरान उनके साथ मंत्री करण सिंह वर्मा भी मौजूद रहे. यहां मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि जल ही जीवन का आधार है. पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. जल के इसी महत्व को देखते हुए भारतीय संस्कृति में जल की पूजा होती आ रही है. आने वाले कल के लिए जल संरक्षण महती आवश्यकता है.

जल गंगा संवर्धन अभियान के कार्यक्रम में शामिल होने सीहोर पहुंचे मंत्री तुलसीराम सिलावट (Etv Bharat)

मंत्री ने लोगों से की जल संचय करने की अपील

मंत्री सिलावट ने कहा कि ''जल गंगा संवर्धन अभियान समय की सबसे बड़ी जरूरत है. इस अभियान से जहां एक ओर जल के संरक्षण और संवर्धन में मदद मिलेगी. वहीं दूसरी ओर पर्यावरण में भी सुधार आएगा. इस अभियान के अंतर्गत नदी, तालाब, कुओं, बावड़ी सहित अन्य जल सरचनाओं का जीर्णाद्धार और नवीनीकरण कर उन्हें उपयोगी बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पहल पर शुरू किया गया जल गंगा संवर्धन अभियान पूरे प्रदेश का अभियान है. पूरे समाज का अभियान है. इस अभियान में प्रत्येक नागरिक की भागीदारी जरूरी है. हमारी अर्थव्यवस्था 70 प्रतिशत कृषि पर आधारित है और पानी के बिना खेती किसानी संभव नहीं है. हम इतना पानी का संचय कर लें कि हर गावं, हर शहर पानी के लिए आत्मनिर्भर हो जाए.''

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मंत्री सिलावट ने आगे कहा कि ''हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में तेजी से विकास हो रहा है. वर्ष 2006 में प्रदेश की सिंचाई का रकबा सात लाख हेक्टेयर था, जो बढ़कर आज 47 लाख हेक्टेयर हो गया है. साल 2025 में खेती का रकबा 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है.'' कांकरखेड़ा में आयोजित कार्यक्रम में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने भी लोगों से जल संचय करने का आग्रह किया. जल संसाधन मंत्री इस दौरान कांकरखेड़ जलाशय की क्षतिग्रस्त नहर का सुधार, पाल पर झाड़ियों की सफाई व पिचिंग रिसेटिंग का कार्य सहित कई निर्देश दिए.

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