पटना : बिहार सरकार ने पर्यावरण को संरक्षित और संतुलित बनाए रखने के लिए जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की थी. 2020 में नीतीश कुमार की सरकार बनने के बाद सरकार ने वन एवं पर्यावरण को लेकर विशेष योजना बनाई थी. राज्य सरकार द्वारा अगले पांच वर्षों के लिए आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय -2 के अंतर्गत सात लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसमें पर्यावरण सरंक्षण हेतु गांवों एवं शहरों को स्वच्छ बनाने संबंधी एक लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
'राजधानी पटना में पेड़ों की होगी गिनती' : राजधानी पटना को स्वच्छ बनाने के लिए बिहार सरकार का वन एवं पर्यावरण विभाग वृक्षारोपण करवा रहा है. इसके अलावा बिहार सरकार राजधानी पटना में पेड़ों की गिनती भी करवा रही है. राजधानी पटना में 50 साल पुराने पेड़ों का जियो सर्वे होगा. इसमें उन पेड़ों की उम्र, प्रजाति, ऊंचाई, मोटाई व अवस्थिति का जियो टैग फोटो के साथ विवरण दर्ज किया जायेगा. फिर उन्हें हेरिटेज वृक्ष का दर्जा मिलेगा. इन हेरिटेज वृक्षों की एक सूची 15 अगस्त को जारी किया जाएगा.
'4 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य' : बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रेम कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि यह बिहार सरकार का बहुत अच्छा प्रयास है. पेड़ों की गिनती करवाई जा रही है, ताकि लोगों को यह पता चल सके कि पेड़ों से कितना लोगों को लाभ हो रहा है. प्रेम कुमार ने कहा कि पूरे बिहार के 38 जिलों में सभी जिला मुख्यालय से गांव तक 4 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है. बिहार सरकार मानसून आने का इंतजार कर रहा था, अब मानसून आ चुका है तो वृक्षारोपण का कार्यक्रम अब युद्ध स्तर पर चलाया जाएगा. आज से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद वृक्षारोपण योजना की शुरुआत की है.
'अवैध कटाई करने वालों पर कार्रवाई' : अवैध रूप से पेड़ों की कटाई के मामले पर पर्यावरण मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि इसके लिए कानून में प्रावधान है. यदि कोई नियम के विरुद्ध पेड़ों की कटाई करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है. कहीं यदि पर काटा जाता है तो उसके लिए सरकार के द्वारा एक कानून बनाया गया है. यदि कोई अवैध रूप से पेड़ों को काटते हुए पकड़ा जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि एक पेड़ लगने में वर्षों लग जाते हैं, इसीलिए पेड़ों के संरक्षण को लेकर सरकार संकल्पित है.
पहाड़ी क्षेत्र के लिए भी सरकार की योजना : दक्षिण बिहार के अनेक जिलों में वन क्षेत्र है. दक्षिण बिहार के इन वन क्षेत्र के लिए भी सरकार योजना बनाई है. वन पर्यावरण मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बांका, मुंगेर, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद के पहाड़ों को हरा-भरा करने की भी सरकार की योजना है. पहाड़ों पर वर्षा के पानी को संरक्षित करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि वहां पानी का स्टोरेज हो और पेड़ों को पानी मिल सके. आने वाले दिनों में बिहार सरकार का यह प्रयास रंग लाएगा और इन पहाड़ों पर भी फिर से हरियाली नजर आने लगेगी.
कैसे होता है पेड़ों का जियो सर्वे : पेड़ों का जियो टैगिंग का प्रयोग पेड़ों विभिन्न प्रजातियों का मानचित्रण, आकलन और विश्लेषण करने के लिए किया जाता है. इसमें उन पेड़ों की उम्र, प्रजाति, ऊंचाई, मोटाई व अवस्थिति का जियो टैग फोटो के साथ विवरण दर्ज किया जाता है. पेड़ किसने लगाया है और इसकी अनुमानित लंबाई और गोलाई कितनी है और ये किस काम आता है? ये सम्पूर्ण जानकारी एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज होती जाएगी. इसके बाद उसके उम्र का पता लगने के बाद उन्हें हेरिटेज वृक्ष का दर्जा मिलता है.
पौधारोपण अभियान की शुरूआत : बिहार सरकार के साथ निश्चय पार्ट-2 में पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए योजना बनाई गई. प्रतिवर्ष इस पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं. नीतीश कुमार ने अपने पार्टी के द्वारा भी वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की थी. एक बार फिर से बिहार सरकार पर्यावरण को संतुलित करने के लिए 4 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखी है. लेकिन सवाल यह उठता है कि सिर्फ पेड़ लगाने से नहीं पेड़ को सुरक्षित कैसे रखा जाए इस पर काम करने की जरूरत है.
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