जयपुर: प्रदेश में उपचुनाव का रंग चढ़ने लगा है, उसके साथ ही राजनीतिक दलों के नेताओं के बयान भी तेज हो गए हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भजनलाल सरकार पर युवाओं के साथ धोखे के आरोप लगाए तो पलटवार में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर उतर आए. दिलावर ने कहा कि रीट में चीट करने के जिम्मेदारों को हर जगह खोट ही दिखाई देगा. बड़बोले डोटासरा ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है. इसीलिए उन्हें भजनलाल सरकार द्वारा की जा रही भर्तियों और विकास के काम दिखाई नहीं दे रहे.
युवाओं को खून के आंसू रोने के लिए मजबूर किया : शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा शायद नहीं चाहते कि महिलाओं को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल वन में आरक्षण मिले. इसीलिए इसमें अड़चनें डालना चाह रहे हैं. पहली बार सरकार आगे खाली होने जा रहे पदों की भी गणना कर भर्तियां करने जा रही है. कांग्रेस राज में जो भर्तियां अटकी थीं उनको भी हमने पूरा किया है.
कांग्रेस ने युवाओं की आंखों में धूल झोंकी थी, जिसका परिणाम ये हुआ कि या तो भर्तियां न्यायालय में रुक गईं या पेपर लीक के कारण रद्द की गईं. कांग्रेस ने तो पेपर लीक की सीरीज बनाकर युवाओं को खून के आंसू रोने के लिए मजबूर कर दिया था. मदन दिलावर ने कहा कि भाजपा सरकार ने जो वादा किया है, चाहे वह भर्तियों से संबंधित हो या महिलाओं के आरक्षण से संबंधित हो, हम उसे पूरा करेंगे.
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डोटासरा ने उठाए थे सवाल : बता दें कि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि सरकार की पहली वर्षगांठ पर सीएम कई छोटी-बड़ी योजनाओं का एक साथ शिलान्यास और उद्घाटन वर्चुअल रूप से करने जा रहे हैं. इसके लिए बाकायदा जिला कलेक्टर्स से सूचियां मंगवाई जा रही हैं. उन्होंने इसे गलत परंपरा बताते हुए कहा कि ऐसा कर सीएम जनप्रतिनिधियों के हक पर कुंडली मारने की तैयारी कर रहे हैं. उन्हें उद्घाटन और शिलान्यास करने हैं तो फील्ड में जाकर करना चाहिए.
डोटासरा ने कहा कि कर्मचारी वर्ग को आरजीएचएस का लाभ हमारी सरकार के समय मिल रहा था. भाजपा की सरकार आने के बाद आज इतने महीने से आरजीएचएस का पेमेंट किसी कर्मचारी को नहीं मिल रहा है. जिससे पूरा कर्मचारी वर्ग परेशान है. जहां सरकार लाखों नौकरियां देने के वादे कर रही है. अकेले शिक्षा विभाग में एक लाख से ज्यादा पद रिक्त हैं. साल 2021-22 के बाद से किसी भी वर्ग की पदोन्नति और डीपीसी नहीं हो रही है. अध्यापक से लेकर प्रधानाचार्य के पदों पर भर्ती भी नहीं हो रही है.