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बिजली अव्यवस्था का ठीकरा ऊर्जा मंत्री ने गहलोत सरकार पर फोड़ा, कहा- उनके कुप्रबंधन के कारण महंगी दामों में खरीद रहे बिजली - Electricity prices may increase

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 5, 2024, 4:18 PM IST

राजस्थान में फ्यूल सरचार्ज के रूप में बिजली के दाम और बढ़ सकते हैं. ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने पूर्ववर्ती सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन के कारण प्रदेश की बिजली व्यवस्था गड़बड़ाई है. आने वाले समय मे आम उपभोक्ताओं को फ्यूल सरचार्ज के रूप में भार उठाना पड़ सकता है.

राजस्थान में महंगी होगी बिजली
राजस्थान में महंगी होगी बिजली (ETV Bharat GFX)
ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर : प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को जल्द बिजली के बिलों में झटका लग सकता है. प्रदेश की भजनलाल सरकार आने वाले समय में बिजली फ्यूल सर चार्ज बढ़ा सकती है. इसके संकेत आज एक निजी होटल में ऊर्जा विभाग की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने दिए. उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनके कुप्रबंधन की वजह से पूर्व सरचार्ज आने वाले समय में और बढ़ सकता है. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश में उत्पन्न हुए बिजली संकट को लेकर भी कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया. इसके साथ नागर ने 2027 तक राजस्थान को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का दावा भी किया.

पिछली सरकार ने ऊर्जा विभाग की उपेक्षा की : ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि पिछली सरकार ने ऊर्जा विभाग जो आम जनता से सीधा जुड़ा हुआ है, उस महत्वपूर्ण विभाग की उपेक्षा की गई. प्रदेश बीजली, कोयले के लिए परेशान होता रहा, लेकिन कांग्रेस सरकार सभी आवश्यक स्वीकृतियां होने के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार से कोयला ब्लॉक चालू नही करा पाई. पूर्ववर्ती सरकार के कुप्रबंधन का परिणाम रहा कि महंगे दामों पर बीजली खरीदनी पड़ रही है. हीरालाल नागर ने कहा कि फ्यूल चार्ज के लिए पूर्ववर्ती सरकार जिम्मेदार है. कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन का परिणाम रहा कि आज भी प्रदेश की जनता को बिजली कटौती और फ्यूल सरचार्ज के रूप में भुगतना पड़ रहा है. आने वाले समय में भी फ्यूल सर चार्ज बढ़ता है तो उसके लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के उस समय लिए गए निर्णय होंगे. टीवी पर देख कर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बिजली जैसे आम जनता से जुड़े मुद्दों पर गुमराह कर रहे हैं. प्रदेश की भजनलाल सरकार हर दिन जब कुछ अच्छा करने के लिए निर्णय ले रही है, उस की तारीफ करने की बजाए, खामियां निकाल रहे हैं. नागर ने कहा कि जब कुछ अच्छा हो रहा हो, तो आम जनता के मुद्दे पर गुमराह नहीं करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें- भजनलाल कैबिनेट ने लिए बड़े फैसले, ज्‍वाइंट वेंचर से मिलेगी बिजली, 2027 तक आत्मनिर्भर होगा राज्य - Bhajanlal Cabinet Big Decision

राजनीति कर रहे हैं : नागर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय घटिया कोयले के कारण राज्य के थर्मल बिजलीघर अपनी स्थापित क्षमता 7 हजार 580 मेगावाट के मात्र 50 प्रतिशत पर ही उत्पादन करते रहे. गुणवत्ताहीन कोयले में राख की मात्रा अधिक होने के कारण उत्पादन निगम की थर्मल यूनिटें बार-बार ठप होती रहीं. उन्हें बार-बार मेंटेंनेंस से गुजरना पड़ा. पर्याप्त कोयला नहीं मिलने के कारण निर्धारित क्षमता से कम पर चलाना पड़ा. वर्ष 2013 से 2018 के दौरान हमारी ही पार्टी की सरकार ने जिन बिजली कंपनियों के 62 हजार 400 करोड़ रुपए का ऋणभार उदय योजना में अपने ऊपर लेते हुए उन्हें ऋणभार से मुक्ति दिला दी थी और हमनें 2607 करोड़ के वित्तीय लाभ में उनको सुपुर्द किया था. उन्हीं कंपनियों पर गहलोत सरकार के कुप्रबंधन के कारण कर्ज बढ़कर मात्र 5 साल में 1 लाख 39 हजार 200 करोड़ रूपए हो गया. कंपनियां दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई.

हीरालाल नागर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों पर कर्ज 88 हजार 700 करोड़ रुपए पहुंच गया. समय पर ऋण ना चुका पाने के कारण करोड़ों की पेनल्टी भी लगाई गई. उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में रबी सीजन की मांग को पूरा करने के लिए कांग्रेस सरकार ने अन्य राज्यों से बैंकिंग के जरिए बिजली उधार ले ली. उनकी इस गलती का खामियाजा हमारे प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे समय में जबकि एक-एक यूनिट उपभोक्ताओं को हम दे सकते थे. हमारी सरकार इस विषम परिस्थिति में भी इस कर्ज को स्वयं के राज्य की बिजली काट कर लौटा रही है. प्रदेश के उपभोक्ताओं को हीट वेव के दौरान और भी बेहतर बिजली आपूर्ति कर सकते थे, यदि हमें बिजली लौटानी नहीं पड़ती. हम नहीं चाहते थे कि विद्युत कटौती हो. जनता को जो असुविधा हुई उसकी मुझे भी पीड़ा है. पूर्व सरकार के कुप्रबंधन से यह सब हुआ. जब तक प्रस्तावित नए प्लांट स्थापित नहीं हो जाते, तब तक हम पूर्व में स्थापित प्लांट्स के प्लांट लोड फैक्टर को उच्चतम स्तर पर रखने की कोशिश करेंगे और डेफिसिट बिजली की शॉर्ट टर्म और मीडियम खरीद की व्यवस्था करेंगे और जरूरत पड़ने पर एक्सचेंज से भी खरीद कर पूर्ति करेंगे.

इसे भी पढ़ें- राजस्थान में बिजली का बिल मारेगा ज्यादा करंट, फ्यूल सरचार्ज के बाद अब फिक्स चार्ज बढ़े - Electricity Rate in Rajasthan

मॉनेटाइजेशन की योजना : हीरालाल नागर ने कहा कि राजस्थान में बढ़ती बिजली की मांग की पूर्ति के लिए प्रसारण तंत्र का सुदृढ़ होना भी बेहद आवश्यक है. इसके लिए पावर ग्रिड और राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के बीच ज्वाइंट वेंचर कम्पनी की स्थापना की जाएगी, जिससे प्रसारण तंत्र का विकास हो सकेगा. यह संयुक्त उद्यम कंपनी (निर्माण, स्वामित्व, संचालन एवं रखरखाव) आधार पर ट्रांसमिशन सिस्टम का संचालन करेगी. इस पर 10 हजार करोड़ का निवेश होगा. हमारी सरकार दूरदर्शी सोच के साथ राजस्थान को ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है, क्योंकि हम एक साथ उत्पादन और प्रसारण का काम समानान्तर रूप से करने जा रहे हैं. आरडीएसएस, कृषि कनेक्शन, स्मार्ट मीटर और कुसुम योजनाओं से तुरंत लाभ देने की प्रक्रिया आरंभ की है. इस कार्य में हमें केन्द्र सरकार का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है. भारत सरकार ने हाल ही में आरडीएसएस योजना में 7,896 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. इससे फीडरों के सेग्रीगेशन के महत्वपूर्ण काम को गति मिलेगी. हमारी सरकार आने वाले समय में 1 लाख 45 हजार कृषि कनेक्शन देगी. साथ ही प्रसारण तंत्र को मजबूत करने के लिए 112 नए ग्रिड सब स्टेशन बनाए जाएंगे.

ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर : प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को जल्द बिजली के बिलों में झटका लग सकता है. प्रदेश की भजनलाल सरकार आने वाले समय में बिजली फ्यूल सर चार्ज बढ़ा सकती है. इसके संकेत आज एक निजी होटल में ऊर्जा विभाग की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने दिए. उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनके कुप्रबंधन की वजह से पूर्व सरचार्ज आने वाले समय में और बढ़ सकता है. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश में उत्पन्न हुए बिजली संकट को लेकर भी कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया. इसके साथ नागर ने 2027 तक राजस्थान को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का दावा भी किया.

पिछली सरकार ने ऊर्जा विभाग की उपेक्षा की : ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि पिछली सरकार ने ऊर्जा विभाग जो आम जनता से सीधा जुड़ा हुआ है, उस महत्वपूर्ण विभाग की उपेक्षा की गई. प्रदेश बीजली, कोयले के लिए परेशान होता रहा, लेकिन कांग्रेस सरकार सभी आवश्यक स्वीकृतियां होने के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार से कोयला ब्लॉक चालू नही करा पाई. पूर्ववर्ती सरकार के कुप्रबंधन का परिणाम रहा कि महंगे दामों पर बीजली खरीदनी पड़ रही है. हीरालाल नागर ने कहा कि फ्यूल चार्ज के लिए पूर्ववर्ती सरकार जिम्मेदार है. कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन का परिणाम रहा कि आज भी प्रदेश की जनता को बिजली कटौती और फ्यूल सरचार्ज के रूप में भुगतना पड़ रहा है. आने वाले समय में भी फ्यूल सर चार्ज बढ़ता है तो उसके लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के उस समय लिए गए निर्णय होंगे. टीवी पर देख कर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बिजली जैसे आम जनता से जुड़े मुद्दों पर गुमराह कर रहे हैं. प्रदेश की भजनलाल सरकार हर दिन जब कुछ अच्छा करने के लिए निर्णय ले रही है, उस की तारीफ करने की बजाए, खामियां निकाल रहे हैं. नागर ने कहा कि जब कुछ अच्छा हो रहा हो, तो आम जनता के मुद्दे पर गुमराह नहीं करना चाहिए.

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राजनीति कर रहे हैं : नागर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय घटिया कोयले के कारण राज्य के थर्मल बिजलीघर अपनी स्थापित क्षमता 7 हजार 580 मेगावाट के मात्र 50 प्रतिशत पर ही उत्पादन करते रहे. गुणवत्ताहीन कोयले में राख की मात्रा अधिक होने के कारण उत्पादन निगम की थर्मल यूनिटें बार-बार ठप होती रहीं. उन्हें बार-बार मेंटेंनेंस से गुजरना पड़ा. पर्याप्त कोयला नहीं मिलने के कारण निर्धारित क्षमता से कम पर चलाना पड़ा. वर्ष 2013 से 2018 के दौरान हमारी ही पार्टी की सरकार ने जिन बिजली कंपनियों के 62 हजार 400 करोड़ रुपए का ऋणभार उदय योजना में अपने ऊपर लेते हुए उन्हें ऋणभार से मुक्ति दिला दी थी और हमनें 2607 करोड़ के वित्तीय लाभ में उनको सुपुर्द किया था. उन्हीं कंपनियों पर गहलोत सरकार के कुप्रबंधन के कारण कर्ज बढ़कर मात्र 5 साल में 1 लाख 39 हजार 200 करोड़ रूपए हो गया. कंपनियां दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई.

हीरालाल नागर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों पर कर्ज 88 हजार 700 करोड़ रुपए पहुंच गया. समय पर ऋण ना चुका पाने के कारण करोड़ों की पेनल्टी भी लगाई गई. उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में रबी सीजन की मांग को पूरा करने के लिए कांग्रेस सरकार ने अन्य राज्यों से बैंकिंग के जरिए बिजली उधार ले ली. उनकी इस गलती का खामियाजा हमारे प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे समय में जबकि एक-एक यूनिट उपभोक्ताओं को हम दे सकते थे. हमारी सरकार इस विषम परिस्थिति में भी इस कर्ज को स्वयं के राज्य की बिजली काट कर लौटा रही है. प्रदेश के उपभोक्ताओं को हीट वेव के दौरान और भी बेहतर बिजली आपूर्ति कर सकते थे, यदि हमें बिजली लौटानी नहीं पड़ती. हम नहीं चाहते थे कि विद्युत कटौती हो. जनता को जो असुविधा हुई उसकी मुझे भी पीड़ा है. पूर्व सरकार के कुप्रबंधन से यह सब हुआ. जब तक प्रस्तावित नए प्लांट स्थापित नहीं हो जाते, तब तक हम पूर्व में स्थापित प्लांट्स के प्लांट लोड फैक्टर को उच्चतम स्तर पर रखने की कोशिश करेंगे और डेफिसिट बिजली की शॉर्ट टर्म और मीडियम खरीद की व्यवस्था करेंगे और जरूरत पड़ने पर एक्सचेंज से भी खरीद कर पूर्ति करेंगे.

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मॉनेटाइजेशन की योजना : हीरालाल नागर ने कहा कि राजस्थान में बढ़ती बिजली की मांग की पूर्ति के लिए प्रसारण तंत्र का सुदृढ़ होना भी बेहद आवश्यक है. इसके लिए पावर ग्रिड और राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के बीच ज्वाइंट वेंचर कम्पनी की स्थापना की जाएगी, जिससे प्रसारण तंत्र का विकास हो सकेगा. यह संयुक्त उद्यम कंपनी (निर्माण, स्वामित्व, संचालन एवं रखरखाव) आधार पर ट्रांसमिशन सिस्टम का संचालन करेगी. इस पर 10 हजार करोड़ का निवेश होगा. हमारी सरकार दूरदर्शी सोच के साथ राजस्थान को ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है, क्योंकि हम एक साथ उत्पादन और प्रसारण का काम समानान्तर रूप से करने जा रहे हैं. आरडीएसएस, कृषि कनेक्शन, स्मार्ट मीटर और कुसुम योजनाओं से तुरंत लाभ देने की प्रक्रिया आरंभ की है. इस कार्य में हमें केन्द्र सरकार का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है. भारत सरकार ने हाल ही में आरडीएसएस योजना में 7,896 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. इससे फीडरों के सेग्रीगेशन के महत्वपूर्ण काम को गति मिलेगी. हमारी सरकार आने वाले समय में 1 लाख 45 हजार कृषि कनेक्शन देगी. साथ ही प्रसारण तंत्र को मजबूत करने के लिए 112 नए ग्रिड सब स्टेशन बनाए जाएंगे.

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