नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने बुधवार को कहा कि सांसद रविशंकर प्रसाद नागरिकता संशोधन कानून पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तर्क को गलत ठहरा रहे हैं, लेकिन उन्होंने यह जवाब नहीं दिया कि वह भारत के युवाओं की नौकरियां पाकिस्तान की युवाओं को क्यों देना चाहते हैं. साथ ही इस सवाल का जवाब भी नहीं दिया कि बेरोजगारी चरम पर है. इसमें युवाओं की बेरोजगारी का स्तर 25 प्रतिशत है, जबकि ग्रेजुएट लोगों की बेरोजगारी का स्तर 42 प्रतिशत है. जो थोड़ी बहुत नौकरियां हैं, वे उसे पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान के लोगों को क्यों देना चाहते हैं.
मंत्री आतिशी ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या करीब तीन से चार करोड़ है. मैं भाजपा से पूछना चाहती हूं कि अगर इन देशों से 1.5 करोड़ लोग यहां आ जाते हैं तो वह कहां रहेंगे. क्या वह कॉलोनियों में झुग्गी डालकर रहेंगे या फिर बीजेपी के पास उन्हें देने के लिए इतने घर हैं. जाहिर है ये लोग दिल्ली, मुंबई आदि शहरों में झुग्गियां डालकर रहेंगे. वहीं, अगर उन्हें नौकरी दी जाती है तो हमारे देश के युवाओं की हिस्से की नौकरी पर संकट आ जाएगा और अगर उन्हें नौकरी नहीं दी गई तो लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति खराब हो जाएगी. मैं पूछना चाहती हूं कि जब व्यवस्था ही नहीं है तो बीजेपी दूसरे देश से लोगों को क्यों लाना चाहती है.
उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं है, जो दूसरे देश के गरीबों को अपने देश में आकर बसने की अनुमति देती है. मोदी सरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत क्यों लाना चाहती है. मैं बीजेपी से पूछना चाहती हूं कि जो उद्योगपति भारत छोड़कर विदेश चले गए हैं. उन्हें वापस लाने के लिए प्रयास क्यों नहीं किया जा रहा है. बीजेपी को लोगों की अपने वोट बैंक की चिंता है न की भारत के युवाओं की.
आतिशी ने कहा कि अगर भारत ने विदेशी अल्पसंख्यकों को भारत में आने का रास्ता खोल दिया तो वह भारत में आने लगेंगे और उन्हें लगेगा कि आज नहीं तो कल उनको भी भारत की नागरिकता मिल ही जाएगी. अभी 2014 तक भारत में आए लोगों को नागरिकता देने की बात कही जा रही है, लेकिन बाद में यह तारीख 2019 और फिर 2024 कर दी जाएगी. ये तीनों देश गरीब हैं और यह स्वभाविक है कि वहां से अगर कोई देश छोड़कर आ रहा है तो वह भी गरीब ही होगा. इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि भाजपा को देश के लोगों की चिंता नहीं है.
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