लखनऊ: यूपी के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत हुई है. यह शिकायत पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने प्राविधिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत कॉलेजों में मानकों की अनदेखी कर 177 अध्यापकों को विभागाध्यक्ष बनाने और 531 कॉलेजों की मान्यता देने को लेकर की है.
इसको लेकर मंत्री आशीष पटेल ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. लिखा कि, मीडिया ट्रायल रोकने के लिए सीएम तत्काल मेरी व पत्नी अनुप्रिया पटेल के खिलाफ सीबीआई जांच करवाएं. इसके अलावा यदि उनके साथ कोई दुर्घटना होती है तो उसकी जिम्मेदार यूपी एसटीएफ होगी.
अमिताभ ठाकुर की ओर से शिकायत में कहा गया है कि प्राविधिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 2021 का उल्लंघन कर 9 दिसंबर को 177 अध्यापकों को विभागाध्यक्ष पद पर प्रमोशन दिया गया.
इसी तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद डीफार्मा कॉलेजों का भौतिक परीक्षण किए जाने पर पाया गया कि 531 कॉलेजों को एनओसी न मिलने के बाद भी मान्यता दे दी गई, जिनमें 94 कॉलेज में किसी अन्य विषय के शिक्षण कार्य हो रहे हैं, जबकि, 19 मामलों में भूमि और भवन तक भौतिक परीक्षण में नहीं पाए गए.
दरअसल, बीते दिनों सिराथू विधायक पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया था कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के पदों पर मंत्री आशीष पटेल ने सीधी भर्ती नहीं कराई है. जबकि उन्होंने रिश्वत लेकर प्रमोशन के जरिए इन पदों को भरा, जिसमें आरक्षण के मानकों की जमकर अनदेखी भी की गई.
मंत्री बोले, सूचना विभाग क्यों नहीं रोक रहा मीडिया ट्रायल: मंत्री आशीष पटेल ने सोशल मीडिया पर एक बार फिर से सख्त तेवर दिखाते हुए यूपी सूचना विभाग पर नाराजगी जाहिर करते हुए खुद व अपनी पत्नी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की संपत्ति जांच और सीबीआई जांच करवाने की बात कही है.
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि उत्तर प्रदेश के सबसे ईमानदार आईएएस अधिकारी व तत्कालीन प्रमुख सचिव, प्राविधिक शिक्षा एम देवराज की अध्यक्षता में हुई विभागीय पदोन्नति समिति की संस्तुति और शीर्ष स्तर पर सहमति के आधार पर हुई पदोन्नति के बावजूद राजनीतिक चरित्र हनन के लिए लगातार मीडिया ट्रायल अस्वीकार्य है. उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक को झूठ, फरेब व मीडिया ट्रायल का यह खेल आगे बढ़कर बन्द कराना चाहिए. यदि यह विभागीय पदोन्नति गलत है तो सूचना विभाग की तरफ से स्पष्टीकरण देना चाहिए.
सीबीआई जांच करवा CM लगवाए मीडिया ट्रायल पर रोक: आशीष पटेल ने लिखा कि, मैंने पहले भी कहा है और एक बार फिर कह रहा हूं कि मुख्यमंत्री यदि उचित समझें तो बार-बार के मीडिया ट्रायल, झूठ और फरेब के जरिए किए जा रहे मेरे राजनीतिक चरित्र हनन के इस दुष्प्रयास पर स्थायी विराम के लिए बतौर मंत्री मेरे द्वारा अब तक लिए गए सभी फैसलों की सीबीआई जांच करा सकते हैं.
इतना ही नहीं मैं तो यहां तक कहता हूं कि लगे हाथ अगर उचित समझा जाए तो स्वयं मेरी और मेरी पत्नी और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री माननीय अनुप्रिया पटेल के सांसद-विधान परिषद सदस्य बनने के बाद अर्जित की गई संपत्ति की भी जांच करा ली जाए.
मुझे कुछ हुआ तो STF होगी जिम्मेदार: मंत्री ने लिखा है, पर्दे के पीछे सामाजिक न्याय की आवाज को कुचलने का खेल जारी है. वास्तव में पदोन्नति के इस मामले में कुछ लोगों के कलेजे में कांटा लगने का कारण उन ओबीसी और वंचित वर्ग को लाभ मिलना है, जिनके अधिकारों की सालों से हकमारी की जा रही थी.
पोस्ट के साथ संलग्न पदोन्नति की वर्गवार सूची देंखेंगे तो इसका अंदाजा हो जाएगा. ऐसे लोगों को मैं बताना चाहता हूं कि इनके कलेजे में भविष्य में भी कांटा चुभता रहेगा. वह इसलिए कि इन झूठे तथ्यों, अफवाहों और मीडिया ट्रायल से अपना दल (एस) की सामाजिक न्याय की लड़ाई बंद नहीं होने वाली.
हम अब पहले से भी अधिक शक्ति के साथ सामाजिक न्याय की आवाज बुलंद करते रहेंगे. मैंने पहले भी कहा है कि लौहपुरुष सरदार पटेल का वंशज आशीष पटेल डरने वालों में नहीं बल्कि लड़ने वालों में से है. यदि सामाजिक न्याय की इस जंग में मेरे साथ किसी प्रकार का षड्यंत्र/ दुर्घटना हुई तो इसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स की होगी.
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