रांची: झारखंड हाई कोर्ट द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति देने की मांग वाली याचिका खारिज होने के बाद मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि उनके पास इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला है.
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प अभी भी मौजूद है. आलमगीर आलम ने कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए कहा कि इससे पहले भी न्यायिक हिरासत में बंद विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने का मौका मिलता रहा है. हाल ही में खुद हेमंत सोरेन को यह मौका मिला है.
हत्या का आरोपी विधायक भी सदन की कार्यवाही में लेता है हिस्सा
इस सवाल के जवाब में कि क्या वह हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, आलमगीर आलम ने कहा कि हम सभी न्यायिक व्यवस्था में विश्वास करते हैं और निचली अदालत से राहत नहीं मिलने पर यह चैनल बनाया गया है कि हम ऊपरी अदालत में जाते हैं. इसी क्रम में उन्होंने यह भी कहा कि हमने देखा है कि हत्या का आरोपी विधायक भी सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेता है. इस मामले को लेकर जब सीएम चंपई सोरेन की प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने पूछा कि कोर्ट के फैसले पर क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए?
क्या है पूरा मामला
जमीन घोटाला मामले में ईडी की कार्रवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन न्यायिक हिरासत में हैं. उन्होंने बजट सत्र में शामिल होने के लिए पीएमएलए कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन उन्हें बजट सत्र की कार्यवाही में शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई. जिसके बाद उन्होंने पीएमएलए कोर्ट के इस फैसले को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी. लेकिन हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका खारिज कर दी.
यह भी पढ़ें: झारखंड हाईकोर्ट से हेमंत सोरेन को झटका, बजट सत्र में भाग लेने की नहीं मिली अनुमति
यह भी पढ़ें: ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई पूरी, हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
यह भी पढ़ें: WATCH: हेमंत सोरेन की रिहाई के लिए जेएमएम कार्यकर्ताओं ने की ईष्ट देव की पूजा, निकाली न्याय यात्रा