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दुमका-पाकुड़ सीमा पर नक्सली एरिया में अवैध खदानों से हो रहा कोयला का उत्खनन, प्रशासन ने कई खदानों और सुरंग को किया ध्वस्त

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 31, 2024, 9:06 PM IST

Illegal coal mining on Dumka Pakur border. दुमका और पाकुड़ जिले के बॉर्डर एरिया में अवैध खदानों से कोयले का खनन किया जा रहा है. इस सूचना पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए कई खदानों और सुरंग को ध्वस्त किया है.

Illegal coal mining on Dumka Pakur border
Illegal coal mining on Dumka Pakur border

दुमका: नक्सलवाद प्रभावित माने जाने वाले दुमका-पाकुड़ जिले की सीमा पर स्थित गोपीकांदर प्रखंड क्षेत्र में कोयला माफियाओं द्वारा अवैध खदानों से कोयले का उत्खनन किया जा रहा है. बुधवार को जब इसकी जानकारी प्रशासन को हुई तो माइनिंग टास्क फोर्स की टीम मौके पर पहुंची और कई खदानों को डोजिंग करा कर बंद कर दिया. हालांकि करीब दो महीने पहले भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी, लेकिन कोयला माफिया प्रशासन के शांत होने का इंतजार कर रहे थे और जब देखा कि कार्रवाई रुक गई है तो उन्होंने फिर से अवैध उत्खनन शुरू कर दिया.

क्या है पूरा मामला?: बुधवार को एक बार फिर गोपीकांदर थाना क्षेत्र के ओड़मो-डहारटोला में अवैध कोयला खदानों में डोजरिंग की गयी. लगभग दो माह में यह दूसरी बार है जब जिला खनन टास्क फोर्स की टीम ने अवैध कोयला खदानों में डोजरिंग की है. इससे पहले भी इन खदानों में डोजरिंग की जा चुकी है. यहां प्रशासन को सूचना मिली कि फिर से अवैध तरीके से कोयला निकाला जा रहा है.

सूचना मिलने के बाद आज बुधवार को प्रशिक्षु आईएएस प्रांजल ढांढा के नेतृत्व में जिला खनन टास्क फोर्स की टीम जिला खनन पदाधिकारी व अन्य अधिकारियों के साथ ओड़मो पंचायत के डहारटोला गांव पहुंची. हालांकि, कोयला उत्खनन स्थल पर सन्नाटा था, लेकिन अधिकारियों की टीम ने चार जेसीबी मशीनों की मदद से एक-एक कर कई खदानों को ध्वस्त कर मिट्टी भरना शुरू कर दिया. टीम जेसीबी मशीन के साथ अमडीहा गांव पहुंची. अमडीहा में भी जिस खदान से कोयला निकाला जा रहा था, वह मिट्टी से भर गया. हालांकि टीम को बरामदगी में कुछ नहीं मिला. डहारटोला गांव में करीब आधा दर्जन खदानों को डोजराइज किया गया. इस टीम में एसडीएम कौशल कुमार समेत पुलिस और वन विभाग के अधिकारी भी शामिल थे.

माफिया अपनी आदत से नहीं आ रहे बाज: आपको बता दें कि दुमका जिले के शिकारीपाड़ा और गोपीकांदर ब्लॉक में जमीन के नीचे कोयले के भंडार हैं. इधर, सरकार की ओर से कई कंपनियों को कॉल ब्लॉक भी आवंटित किया गया है, जिसमें कंपनी के द्वारा कोयला निकालने के लिए आवश्यक कागजात तैयार किये जा रहे हैं, लेकिन इस बीच कोयला माफिया अवैध रूप से जमीन खुदाई कर कोयला खदान और सुरंग का निर्माण कर उससे कोयला निकाल रहे हैं. इसे रोकने के लिए प्रशासन ने कई बार कार्रवाई की, लेकिन माफिया मौका मिलते ही इस अवैध कारोबार में शामिल हो जाते हैं.

दुमका: नक्सलवाद प्रभावित माने जाने वाले दुमका-पाकुड़ जिले की सीमा पर स्थित गोपीकांदर प्रखंड क्षेत्र में कोयला माफियाओं द्वारा अवैध खदानों से कोयले का उत्खनन किया जा रहा है. बुधवार को जब इसकी जानकारी प्रशासन को हुई तो माइनिंग टास्क फोर्स की टीम मौके पर पहुंची और कई खदानों को डोजिंग करा कर बंद कर दिया. हालांकि करीब दो महीने पहले भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी, लेकिन कोयला माफिया प्रशासन के शांत होने का इंतजार कर रहे थे और जब देखा कि कार्रवाई रुक गई है तो उन्होंने फिर से अवैध उत्खनन शुरू कर दिया.

क्या है पूरा मामला?: बुधवार को एक बार फिर गोपीकांदर थाना क्षेत्र के ओड़मो-डहारटोला में अवैध कोयला खदानों में डोजरिंग की गयी. लगभग दो माह में यह दूसरी बार है जब जिला खनन टास्क फोर्स की टीम ने अवैध कोयला खदानों में डोजरिंग की है. इससे पहले भी इन खदानों में डोजरिंग की जा चुकी है. यहां प्रशासन को सूचना मिली कि फिर से अवैध तरीके से कोयला निकाला जा रहा है.

सूचना मिलने के बाद आज बुधवार को प्रशिक्षु आईएएस प्रांजल ढांढा के नेतृत्व में जिला खनन टास्क फोर्स की टीम जिला खनन पदाधिकारी व अन्य अधिकारियों के साथ ओड़मो पंचायत के डहारटोला गांव पहुंची. हालांकि, कोयला उत्खनन स्थल पर सन्नाटा था, लेकिन अधिकारियों की टीम ने चार जेसीबी मशीनों की मदद से एक-एक कर कई खदानों को ध्वस्त कर मिट्टी भरना शुरू कर दिया. टीम जेसीबी मशीन के साथ अमडीहा गांव पहुंची. अमडीहा में भी जिस खदान से कोयला निकाला जा रहा था, वह मिट्टी से भर गया. हालांकि टीम को बरामदगी में कुछ नहीं मिला. डहारटोला गांव में करीब आधा दर्जन खदानों को डोजराइज किया गया. इस टीम में एसडीएम कौशल कुमार समेत पुलिस और वन विभाग के अधिकारी भी शामिल थे.

माफिया अपनी आदत से नहीं आ रहे बाज: आपको बता दें कि दुमका जिले के शिकारीपाड़ा और गोपीकांदर ब्लॉक में जमीन के नीचे कोयले के भंडार हैं. इधर, सरकार की ओर से कई कंपनियों को कॉल ब्लॉक भी आवंटित किया गया है, जिसमें कंपनी के द्वारा कोयला निकालने के लिए आवश्यक कागजात तैयार किये जा रहे हैं, लेकिन इस बीच कोयला माफिया अवैध रूप से जमीन खुदाई कर कोयला खदान और सुरंग का निर्माण कर उससे कोयला निकाल रहे हैं. इसे रोकने के लिए प्रशासन ने कई बार कार्रवाई की, लेकिन माफिया मौका मिलते ही इस अवैध कारोबार में शामिल हो जाते हैं.

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