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खनन घोटाला मामले में गायत्री प्रजापति और पूर्व IAS गुरदीप सिंह को उप लोकायुक्त ने ठहराया दोषी, संपत्ति की जांच के आदेश - Mining Scam in UP

सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की याचिका पर चल रही सुनवाई में उप लोकायुक्त ने खनन घोटाले (Mining Scam in UP) में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति व पूर्व IAS गुरदीप सिंह को दोषी माना है. उप लोकायुक्त ने दोनों की संपत्ति की जांच उच्च स्तरीय समिति से कराने का आदेश दिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 19, 2024, 3:29 PM IST

लखनऊ : खनन घोटाला मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और मुश्किलों में घिर गए हैं. यूपी के उप लोकायुक्त ने खनन घोटाले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा दायर परिवाद पर गायत्री प्रजापति और पूर्व आईएएस अफसर गुरदीप सिंह को दोषी पाया है. उप लोकायुक्त ने शासन से दोनों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच करवा कर विधिक कार्रवाई करने के लिए कहा है.





सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने उप लोकायुक्त में परिवाद दायर किया था. आरोप है कि खनन विभाग के तत्कालीन अधिकारियों द्वारा नियमों को ताक पर रख कर उदयपुर, राजस्थान के एक व्यावसायिक समूह को सोनभद्र में मुख्य खनिज चाइना क्ले का प्रोस्पेसिंग लाइसेंस और चित्रकूट में पोटाश खनिजों के लिए रिकोनेयसेन्स परमिट दिए जाने की बात कही थी. साथ ही उन्होंने खनन विभाग द्वारा तैयार तीन करोड़ रुपये की अन्वेषण रिपोर्ट को ख़रीदे जाने की शर्त भी इन कंपनियों से मिलीभगत कर माफ़ करने की बात कही थी. जिस पर उप लोकायुक्त ने अपने स्तर पर जांच करवाई और सभी दस्तावेजों को खंगाला था.


उप लोकायुक्त ने पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और तत्कालीन प्रमुख सचिव खनन के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. साथ ही आरोपी लोक सेवकों द्वारा अर्जित अनुचित आर्थिक लाभ से अर्जित संपत्तियों के संबंध में उच्चीकृत और विशेषज्ञ समिति से जांच कराए जाने का आदेश दिया है. इसके लिए लोकायुक्त ने तीन माह में कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए हैं.


लखनऊ : खनन घोटाला मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और मुश्किलों में घिर गए हैं. यूपी के उप लोकायुक्त ने खनन घोटाले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा दायर परिवाद पर गायत्री प्रजापति और पूर्व आईएएस अफसर गुरदीप सिंह को दोषी पाया है. उप लोकायुक्त ने शासन से दोनों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच करवा कर विधिक कार्रवाई करने के लिए कहा है.





सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने उप लोकायुक्त में परिवाद दायर किया था. आरोप है कि खनन विभाग के तत्कालीन अधिकारियों द्वारा नियमों को ताक पर रख कर उदयपुर, राजस्थान के एक व्यावसायिक समूह को सोनभद्र में मुख्य खनिज चाइना क्ले का प्रोस्पेसिंग लाइसेंस और चित्रकूट में पोटाश खनिजों के लिए रिकोनेयसेन्स परमिट दिए जाने की बात कही थी. साथ ही उन्होंने खनन विभाग द्वारा तैयार तीन करोड़ रुपये की अन्वेषण रिपोर्ट को ख़रीदे जाने की शर्त भी इन कंपनियों से मिलीभगत कर माफ़ करने की बात कही थी. जिस पर उप लोकायुक्त ने अपने स्तर पर जांच करवाई और सभी दस्तावेजों को खंगाला था.


उप लोकायुक्त ने पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और तत्कालीन प्रमुख सचिव खनन के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. साथ ही आरोपी लोक सेवकों द्वारा अर्जित अनुचित आर्थिक लाभ से अर्जित संपत्तियों के संबंध में उच्चीकृत और विशेषज्ञ समिति से जांच कराए जाने का आदेश दिया है. इसके लिए लोकायुक्त ने तीन माह में कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए हैं.


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