लखनऊ : अखिलेश यादव की सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की राजधानी स्थित 4 बेनामी संपत्ति इनकम टैक्स की ओर से जब्त की जाएगी. आईटी की बेनामी संपत्ति निषेध इकाई ने इन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने के लिए राजधानी के सभी रजिस्ट्री ऑफिस को पत्र भेजा है. विभिन्न एजेंसियों की जांच में पता चला है कि ये संपत्तियां गायत्री प्रजापति ने खनन घोटाले से कमाई गई रकम से अपने करीबियों के नाम खरीदी थी.
आयकर विभाग की बेनामी निषेध इकाई के मुताबिक गायत्री प्रसाद प्रजापति ने वर्ष 2018 और 2019 में जेल में बंद रहने के दौरान ही अपने कुछ करीबियों और नौकरों के नाम पर मोहनलाल गंज, आशियाना और गोमती नगर में संपत्ति खरीदी थी. एजेंसी के मुताबिक ये संपत्तियों आवासीय भूखंड हैं. इनकी वर्तमान बाजारू कीमत करीब 10 करोड़ रुपये है. अब इन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त गैरकानूनी मानी जाएगी.
दरअसल, इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की करीब 50 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की संपत्तियों को जब्त कर चुकी है. इसके अलावा इनकम टैक्स विभाग भी गायत्री की कंपनियों के नाम पर खरीदी गई संपत्तियों पर भी कार्रवाई कर सकता है. जांच में सामने आया था कि, गायत्री और उनके बेटों ने कई फर्जी कंपनिया खोलने के बाद मुंबई, पुणे में कीमती विला और फ्लैट खरीदे थे.
अवैध खनन घोटाला का यह मामला साल 2012 से 2016 के बीच का है. उस दौरान सूबे में सपा की सरकार थी. यह घोटाला करीब 100 करोड़ का था. सीबीआई ने भी मामले की जांच की थी. इस घोटाले में कई आईएएस अफसर भी जांच के दायरे में आ गए थे. खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव से भी जांच एजेंसियों ने पूछताछ की थी.
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