भोपाल। इंटीरियर डिजायनर नेहा पारेख कहती हैं "कोविड के दौरान लॉकडाउन के समय जब दुनिया चंद कमरों में सिमट गई और छोटी-छोटी चीजों को लोग घर पर ही तैयार करने लगे, ऐसे में इनहाउस मिनी होम थियेटर की डिमांड बढ़ी है." सिनेमा के शौकीन अपने घर के महंगे इंटीरियर में मिनी थियेटर को शामिल करना नहीं भूल रहे हैं. दीवारों से लेकर छत तक साउंड ईको होने से रोकने वाले कास्टिक मटेरियल, रिक्लाइन सोफे, शानदार साउंड सिस्टम और 75 से 90 इंच की स्क्रीन का कांबीनेशन घर की ही मल्टीप्लेक्स का फील करा देता है.
मिनी थियेटर के साथ बार, जिम और रीडिंग रूम
घर में विलासितापूर्ण जीवन बिताने के लिए लोग मिनी थियेटर कम एंटरटेनमेंट जोन भी तैयार करा रहे हैं. इसमें मिनी बार, जिम, रीडिंग कार्नर, जूस काउंटर, बिलियर्ड और स्नूकर टेबिल के साथ अन्य मनोरंजन के साधन शामिल हैं. जहां परिवार के सभी सदस्यों एक साथ बैठकर मनोरंजन कर सकते हैं. घर पर मिनी होम थियेटर बनवाने से लोग अपने समय के अनुसार परिवार का मनोरंजन कर सकते हैं. ऐसे में उनका समय भी बचता है और शहर के ट्रैफिक से भी नहीं गुजरना पड़ता. वहीं ओटीटी प्लेटफार्म पर आने वाली वेब सीरीज के साथ लोग आन डिमांड फिल्में भी देख सकते हैं. इसमें बच्चों के लिए कार्टून मूवी, आनलाइन गेम्स और महिलाओं के सीरियल भी देखने की सुविधा रहती है.
ये खबरें भी पढ़ें... डरिए मत! ये असली बंदर नहीं बहरूपिया है, जानिए आखिर क्या है इस तरह से जीने का कारण उज्जैन में सीएम मोहन यादव ने श्रीराम राहगीरी का किया शुभारंभ, शंख,डमरू बजाकर दिखाई कलाबाजी |
मिनी थियेटर लगाने में खर्च हुए 7 लाख रुपये
नेहा पारेख ने बताया "घर में मिनी थियेटर बनवाने के लिए जरूरी है कि जिस कमरे में बनवा रहे हैं, वहां रोशनी बाहर से प्रवेश ना करे. क्योंकि कांच से साउंड रिफ्लेक्ट होता है. वहीं बाहर से प्रकाश आने पर स्क्रीन की दृश्यता प्रभावित होती है. इसके लिए जरूरी है कि खिड़कियों पर थर्माकोल लगाकर रखें या फिर काले रंग का पेंट करवा लें. इससे साउंड में ईको नहीं होगा. इसलिए जरूरी है कि यह कमरा आइसोलेटेड हो." वहीं, मनीष कटारिया ने बताया "उन्होंने अपने घर पर होम थियेटर लगाया है. इसमें 7 लाख रुपये खर्च हुए हैं. इसमें होम थियेटर के दाएं, बाएं, नीचे और ऊपर-नीचे पांच स्पीकर लगाए गए हैं. इसके अलावा दो सब बूफर भी लगे हैं."