बाड़मेर: जिला कलेक्टर टीना डाबी ने देसी उत्पादकों को बढ़ावा देने और गांव की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है. उन्होंने हाल ही में घोषणा की कि जिले के सरकारी कार्यालयों में अब गांव की महिला समूहों द्वारा बनाए गए देसी बिस्किट, नमकीन और अन्य उत्पादों का ही नाश्ते के रूप में उपयोग किया जाएगा.
जिले के आटी गांव निवासी जोगमाया बेकरी की पप्पूदेवी ने बताया कि गांव की 200 महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई है. घर पर देसी बाजरे, घी और शक्कर आदि से देसी तरीके से बिस्किट, केक, लाडू, नमकीन आदि कई उत्पाद पिछले एक साल से बनाए जा रहे हैं. इनमें किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं है. जिले में कई महिलाएं अपने घरों में छोटे- छोटे व्यवसाय चला रही हैं, लेकिन उचित मंच नहीं होने के चलते उन्हें अपने उत्पादों को बाजार में लाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने बताया कि इस मामले में जिला कलेक्टर ने भरोसा दिलाया है कि अब सरकारी कार्यालय में बाहरी कंपनियों के बिस्कुट नमकीन आदि का उपयोग नहीं करके महिलाओं की ओर से बनाए जा रहे देसी बिस्किट, नमकीन और अन्य उत्पादों का उपयोग किया जाएगा, ताकि स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहन मिल सके.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में एक जिलास्तरीय कार्यक्रम में जिला कलेक्टर टीना डाबी ने ग्रामीण महिलाओं के बनाए उत्पादों की प्रदर्शनी देखी थी. यहां पर महिलाओं द्वारा देसी बाजरी से बनाए गए बिस्कुट और नमकीन आदि देखकर कलेक्टर ने इसकी काफी प्रशंसा की. इस दौरान महिलाओं ने बताया कि उन्हें उचित मंच नहीं मिल रहा. इसके कारण उनके देशी उत्पाद बाजार में बिक नहीं रहे. इसके बाद कलेक्टर ने कहा कि अब से जिले के सरकारी कार्यालयों में महिलाओं की ओर से बनाए गए देसी बिस्किट, नमकीन और अन्य उत्पादों का उपयोग किया जाएगा. इस संबंध में आदेश भी जारी किया जाएगा.