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आज दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी आएंगे पीएम मोदी, करेंगे बनास डेयरी का उद्घाटन

वाराणसी में तैयार हुए अमूल के बनास डेयरी प्लांट से पूर्वांचल में दुग्ध क्रांति का आगाज होगा. प्रधानमंत्री प्लांट का उद्घाटन करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाओं की सौगात देंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 21, 2024, 8:09 PM IST

Updated : Feb 22, 2024, 6:22 AM IST

प्रधानमंत्री करेंगे बनास डेयरी का उद्घाटन. देखें खबर

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 फरवरी को अपने संसदीय क्षेत्र बनारस के 44 वें दौरे पर आ रहे हैं. दो दिवसीय दौरे पर पीएम मोदी 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाओं की सौगात देने वाले हैं. इस परियोजना में 600 करोड़ रुपये से ज्यादा की बनास डेयरी अमूल प्लांट की योजना है, जो बनकर तैयार है. 14 महीने के रिकार्ड समय में बनकर तैयार हुए इस प्रोजेक्ट से पूर्वांचल की छवि बदलने वाली है. क्योंकि लंबे वक्त से दुग्ध क्रांति के लिए प्रयासरत पूर्वांचल इस नए प्रोजेक्ट से श्वेत क्रांति की तरफ अग्रसर होगा. जो सपना 1965 में लाल बहादुर शास्त्री ने अपने गुजरात दौरे के दौरान देखा था.

बनास डेयरी का उद्घाटन आज.
बनास डेयरी का उद्घाटन आज.

622 करोड़ से बना 30 एकड़ में प्लांट : वाराणसी के दो दिवसीय दौरे में 23 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमूल के सबसे बड़े प्लांट बनास डेयरी का उद्घाटन करेंगे. पीएम 22 फरवरी की रात को काशी पहुंच जाएंगे. परियोजना से करीब एक लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. इसके शुरू होने से पूर्वांचल के किसानों व गो पालकों की आय भी दोगुनी होगी. दुग्ध उत्पादकों को वर्ष के अंत में कंपनी अपने लाभांश का कुछ प्रतिशत भुगतान भी करेगी. पूर्वांचल के लोग दूध के साथ मिठाई, आइसक्रीम, पनीर, खोवा, घी और अन्य मिल्क प्रोडक्ट का स्वाद चख सकेंगे. इसमें बनारस का खास लौंगलता और लाल पेड़ा भी होगा. 622 करोड़ की लागत से बने इस प्लांट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 दिसंबर 2021 को किया था. बनास डेयरी अमूल इंडस्ट्रियल एरिया का निर्माण करखियांव, एग्रो पार्क में 30 एकड़ में हुआ है.

बनास डेयरी से पूर्वांचल को लाभ.
बनास डेयरी से पूर्वांचल को लाभ.
वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.
वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.


हर गांव में खुलेगा दूध कलेक्शन सेंटर : काशी से बहने वाली दूध की धारा पूर्वांचल के लगभग 1346 गांवों में रोजगार का प्रवाह लाएगी. इससे अप्रत्यक्ष रूप से करीब एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. इस परियोजना से फैक्ट्री में करीब 750 लोगों को प्लांट में प्रत्यक्ष और करीब 2,350 लोगों को फील्ड में रोजगार मिलेगा. अमूल बनास काशी संकुल परियोजना के चेयरमैन शंकर भाई चौधरी ने बताया कि इस प्लांट में अत्याधुनिक तकनीक के उपकरण लगे हैं. यह पूरी तरह स्वयं संचालित होगा. 5 से 50 किलोमीटर के परिधि में दूध कलेक्शन के लिए पांच चिलिंग सेंटर शुरू हो चुके हैं. पूर्वांचल में कुल 13 चिलिंग सेंटर होंगे. कंपनी हर गांव में दूध कलेक्शन सेंटर खोलेगी. इसके लिए हर गांव में दुग्ध क्रय समिति बनाई जा रही है जो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस के तहत दूध खरीदेगी.

वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.
वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.
वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.
वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.
वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.
वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.


मिलावटखोरों पर भी लगेगी लगाम : एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ब्रिगेडियर विनोद बाजिया ने बताया कि भविष्य में अच्छी नस्लों के पशुओं के लिए कंपनी में कृत्रिम गर्भाधान की भी व्यवस्था है. जिससे अधिक दुग्ध उत्पादन हो सके. कंपनी की ओर से दुग्ध उत्पादकों को उच्च गुणवत्ता वाला पशु आहार भी उपलब्ध कराया जाएगा. प्लांट के खुलने से पूर्वांचल में दूध व दूध के उत्पादों की कमी नहीं होगी और मिलावटखोरों पर भी लगाम लगेगा. डेयरी प्लांट की प्रसंस्करण क्षमता 10 लाख लीटर प्रतिदिन की है. जिसे बढ़ाकर 15 लाख लीटर किया जा सकता है.

4,600 गांवों में फैला बनास डेरी की पहुंचः वर्तमान में यूपी में बनास डेरी का दूध का कारोबार 47 जिलों (7 पूर्वाचल में) के 4,600 गांवों में फैला हुआ है. यह दूध संग्रहण अगले साल तक 70 जिलों के 7,000 गांवों तक विस्तारित हो जाएगा. इसमें पूर्वाचल में 15 नए जिलों का विस्तार भी शामिल है. पूर्वांचल में 600 से ज्यादा समितियां चालू हैं. इनकी संख्या वर्ष के अंत तक बढ़कर 2,600 हो जाएगी. बनास डेरी मौजूदा समय में यूपी में 3.5 लाख दूध उत्पादकों के साथ काम कर रही है. इनमें से 58 हजार दूध उत्पादक पूर्वांचल एंव वाराणसी के हैं. गांवों में व्यापक काम करके, बनास डेरी यूपी में 2 लाख अतिरिक्त दुग्ध उत्पादक परिवारों को जोड़ेगी. इनमें से 1 लाख पूर्वांचल और वाराणसी के अन्य जिलों से आएंगे.

यह भी पढ़ें : पूर्वांचल में दुग्ध क्रांति लाएगी बनास डेरी, 5.50 लाख दूध उत्पादक परिवारों को होगा फायदा होगा

यह भी पढ़ें : पीएम मोदी ने बनास डेयरी परिसर का किया उद्घाटन, बोले- दुग्ध उत्पादन में भारत विश्व में अव्वल

प्रधानमंत्री करेंगे बनास डेयरी का उद्घाटन. देखें खबर

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 फरवरी को अपने संसदीय क्षेत्र बनारस के 44 वें दौरे पर आ रहे हैं. दो दिवसीय दौरे पर पीएम मोदी 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाओं की सौगात देने वाले हैं. इस परियोजना में 600 करोड़ रुपये से ज्यादा की बनास डेयरी अमूल प्लांट की योजना है, जो बनकर तैयार है. 14 महीने के रिकार्ड समय में बनकर तैयार हुए इस प्रोजेक्ट से पूर्वांचल की छवि बदलने वाली है. क्योंकि लंबे वक्त से दुग्ध क्रांति के लिए प्रयासरत पूर्वांचल इस नए प्रोजेक्ट से श्वेत क्रांति की तरफ अग्रसर होगा. जो सपना 1965 में लाल बहादुर शास्त्री ने अपने गुजरात दौरे के दौरान देखा था.

बनास डेयरी का उद्घाटन आज.
बनास डेयरी का उद्घाटन आज.

622 करोड़ से बना 30 एकड़ में प्लांट : वाराणसी के दो दिवसीय दौरे में 23 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमूल के सबसे बड़े प्लांट बनास डेयरी का उद्घाटन करेंगे. पीएम 22 फरवरी की रात को काशी पहुंच जाएंगे. परियोजना से करीब एक लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. इसके शुरू होने से पूर्वांचल के किसानों व गो पालकों की आय भी दोगुनी होगी. दुग्ध उत्पादकों को वर्ष के अंत में कंपनी अपने लाभांश का कुछ प्रतिशत भुगतान भी करेगी. पूर्वांचल के लोग दूध के साथ मिठाई, आइसक्रीम, पनीर, खोवा, घी और अन्य मिल्क प्रोडक्ट का स्वाद चख सकेंगे. इसमें बनारस का खास लौंगलता और लाल पेड़ा भी होगा. 622 करोड़ की लागत से बने इस प्लांट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 दिसंबर 2021 को किया था. बनास डेयरी अमूल इंडस्ट्रियल एरिया का निर्माण करखियांव, एग्रो पार्क में 30 एकड़ में हुआ है.

बनास डेयरी से पूर्वांचल को लाभ.
बनास डेयरी से पूर्वांचल को लाभ.
वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.
वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.


हर गांव में खुलेगा दूध कलेक्शन सेंटर : काशी से बहने वाली दूध की धारा पूर्वांचल के लगभग 1346 गांवों में रोजगार का प्रवाह लाएगी. इससे अप्रत्यक्ष रूप से करीब एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. इस परियोजना से फैक्ट्री में करीब 750 लोगों को प्लांट में प्रत्यक्ष और करीब 2,350 लोगों को फील्ड में रोजगार मिलेगा. अमूल बनास काशी संकुल परियोजना के चेयरमैन शंकर भाई चौधरी ने बताया कि इस प्लांट में अत्याधुनिक तकनीक के उपकरण लगे हैं. यह पूरी तरह स्वयं संचालित होगा. 5 से 50 किलोमीटर के परिधि में दूध कलेक्शन के लिए पांच चिलिंग सेंटर शुरू हो चुके हैं. पूर्वांचल में कुल 13 चिलिंग सेंटर होंगे. कंपनी हर गांव में दूध कलेक्शन सेंटर खोलेगी. इसके लिए हर गांव में दुग्ध क्रय समिति बनाई जा रही है जो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस के तहत दूध खरीदेगी.

वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.
वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.
वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.
वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.
वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.
वाराणसी का बनास डेयरी अमूल प्लांट.


मिलावटखोरों पर भी लगेगी लगाम : एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ब्रिगेडियर विनोद बाजिया ने बताया कि भविष्य में अच्छी नस्लों के पशुओं के लिए कंपनी में कृत्रिम गर्भाधान की भी व्यवस्था है. जिससे अधिक दुग्ध उत्पादन हो सके. कंपनी की ओर से दुग्ध उत्पादकों को उच्च गुणवत्ता वाला पशु आहार भी उपलब्ध कराया जाएगा. प्लांट के खुलने से पूर्वांचल में दूध व दूध के उत्पादों की कमी नहीं होगी और मिलावटखोरों पर भी लगाम लगेगा. डेयरी प्लांट की प्रसंस्करण क्षमता 10 लाख लीटर प्रतिदिन की है. जिसे बढ़ाकर 15 लाख लीटर किया जा सकता है.

4,600 गांवों में फैला बनास डेरी की पहुंचः वर्तमान में यूपी में बनास डेरी का दूध का कारोबार 47 जिलों (7 पूर्वाचल में) के 4,600 गांवों में फैला हुआ है. यह दूध संग्रहण अगले साल तक 70 जिलों के 7,000 गांवों तक विस्तारित हो जाएगा. इसमें पूर्वाचल में 15 नए जिलों का विस्तार भी शामिल है. पूर्वांचल में 600 से ज्यादा समितियां चालू हैं. इनकी संख्या वर्ष के अंत तक बढ़कर 2,600 हो जाएगी. बनास डेरी मौजूदा समय में यूपी में 3.5 लाख दूध उत्पादकों के साथ काम कर रही है. इनमें से 58 हजार दूध उत्पादक पूर्वांचल एंव वाराणसी के हैं. गांवों में व्यापक काम करके, बनास डेरी यूपी में 2 लाख अतिरिक्त दुग्ध उत्पादक परिवारों को जोड़ेगी. इनमें से 1 लाख पूर्वांचल और वाराणसी के अन्य जिलों से आएंगे.

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यह भी पढ़ें : पीएम मोदी ने बनास डेयरी परिसर का किया उद्घाटन, बोले- दुग्ध उत्पादन में भारत विश्व में अव्वल

Last Updated : Feb 22, 2024, 6:22 AM IST
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