जींद: दुग्ध उत्पादक उपभोक्ताओं ने पेमेंट जारी करवाने की मांग को लेकर वीटा प्लांट पर ताला जड़कर प्रदर्शन किया. दुग्ध उत्पादक उपभोक्ताओं का कहना है कि सीईओ मिल्क प्लांट ने एक फरवरी से दस फरवरी तक दूध की पेमेंट देने का आश्वासन दिया था, लेकिन 15 फरवरी हो गई है. किसी को कोई पेमेंट नहीं की गई है. इसलिए वो अपने साथ गैस सिलेंडर, गैस चूल्हा तथा बर्तन आदि भी लेकर आए हैं.
दुग्ध समिति संचालकों का प्रदर्शन: गौरतलब है कि जींद वीटा मिल्क प्लांट में दुग्ध उत्पादक उपभोक्ताओं का लगभग 80 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है. पेमेंट के भुगतान को लेकर एक फरवरी को भी दुग्ध उत्पादक उपभोक्ताओं ने वीटा प्लांट के सामने विरोध जताया था और पेमेंट जारी करवाने की मांग की थी. तब आश्वासन मिला था कि दस फरवरी तक पेमेंट का भुगतान हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. जिस पर दुग्ध उत्पादक उपभोक्ता वीटा प्लांट के सामने पहुंचे और ताला जड़ कर प्रदर्शन किया.
जींद वीटा मिल्क प्लांट में प्रतिदिन लगभग ढाई लाख लीटर दुग्ध उपभोक्ताओं से खरीदा जाता है. जिसका पेमेंट बकाया है. दुग्ध उत्पादकों की मांग है कि उनकी पेमेंट जल्द जारी करवाई जाए. गौरतलब है कि वीटा प्लांट द्वारा समय से उपभोक्ताओं के रुपये जारी करने में आंगनबाड़ी सेंटर व मिड-डे मील की सप्लाई बाधा बनी हुई है. इन दोनों में हर माह करोड़ों रुपये का दुध व अन्य उत्पादन भेजा जाता है, लेकिन इनकी पेमेंट लंबे समय बाद भी वीटा को नहीं दी जा रही.
जींद वीटा मिल्क प्लांट के उत्पादनों की पेमेंट लगभग 80 करोड़ रुपये तो आंगनबाड़ी केंद्रों की तरफ बकाया है. जो कि जनवरी 2022 से अब तक की है. इसके अलावा 54 करोड़ रुपये की राशि मिड-डे मील की तरफ बकाया है. इसमें मिड डे मील की तरफ जुलाई 2022 से अब तक की है. इन दोनों के कारण वीटा के दुग्ध उत्पादक उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वीटा मिल्क प्लांट के सीईओ नरेंद्र धानिया ने बताया कि दूध बेचने वाले उपभोक्ताओं की पेमेंट को लेकर भरसक प्रयास किए जा रहे हैं. विभागों से पेमेंट लेनी है. पेमेंट मिलते ही खाते में डाल दी जाएगी.
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