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सबसे अधिक युवा आबादी वाले बिहार के लिए पलायन नासूर, लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट न्यूनतम स्तर पर - World Youth Skills Day - WORLD YOUTH SKILLS DAY

15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य युवाओं को कौशल विकास के प्रति जागरूक करना है. उन्हें काम या रोजगार के लिए जरूरी कौशल प्रदान करना है. बिहार सबसे अधिक युवा आबादी वाला राज्य है, लेकिन पलायन राज्य के लिए बड़ी समस्या है. बिहार सरकार के लिए पलायन को रोकना चुनौती बनी हुई है.

पलायन.
पलायन.(सांकेतिक तस्वीर) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 15, 2024, 4:23 PM IST

पटना: बिहार देश का सबसे अधिक युवा आबादी वाला राज्य है. बिहार में 57.02% आबादी युवाओं की है. इस श्रेणी में 25 साल से कम उम्र के युवा आते हैं. राज्य की युवा आबादी बेहतर शिक्षा नौकरी और स्किल डेवलपमेंट के लिए दूसरे राज्यों में की ओर मुखातिब है. बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के मुताबिक बिहार में 15 से 59 साल तक के लोगों की अनुमानित संख्या 7 करोड़ 23 लाख है. 2036 तक इसमें इजाफा होने की उम्मीद है और तीन प्रतिशत का इजाफा होना तय माना जा रहा है.

क्या कहता है आंकड़ाः इस हिसाब से 60% से अधिक आबादी युवाओं की हो जाएगी. विकास दर के मामले में बिहार टॉप पर है लेकिन ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स के मामले में बिहार निचले पायदान पर है 2011-12 में ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स के मामले में बिहार 36 वें पायदान पर था और 2017-18 में भी बिहार 36 वे स्थान पर रहा. राज्य के अंदर रूरल वर्कफोर्स भी काम है. पीएलएफएस के आंकड़े के मुताबिक बिहार में 25% वर्कफोर्स लो स्किल है.

युवाओं को हुनरमंद बनाने का प्रयासः बिहार में कुशल युवा प्रोग्राम की शुरुआत 16 दिसंबर 2016 में की गई थी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा बिहार के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए राज्य के सभी प्रखंडों में कौशल विकास केंद्र खोला गया था, ताकि बिहार के युवा कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान प्राप्त कर सके. युवाओं को किस तरह से हुनरमंद बनाया जाए, इस दिशा में प्रयास करते हुए कुशल युवा प्रोग्राम के 5 साल हो गए हैं.

उच्च शिक्षा में सुधार की जरूरत: अर्थशास्त्री डॉक्टर अविरल पांडे का मानना है कि बिहार की लिटरेसी में सुधार तो हुआ है लेकिन हायर और टेक्निकल एजुकेशन में सुधार की जरूरत है. ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स के मामले में भी बिहार निचले पायदान पर है. इस क्षेत्र में भी सरकार को कम करने की जरूरत है. बिहार में 25% से ज्यादा लो स्किल वर्कफोर्स हैं. कास्ट सर्वे के मुताबिक बिहार के अंदर टेक्निकल वर्कफोर्स काम है चार्टर एकाउंटेंट, डॉक्टर, इंजीनियर की संख्या कम है और उच्च शिक्षा में ड्रॉप आउट लगातार बढ़ रहा है.

"उच्च शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकार को प्रयास करने चाहिए स्किल डेवलपमेंट के लिए नए मॉडल बनाने की जरूरत है. वोकेशनल ट्रेनिंग और डिप्लोमा स्किल सर्टिफिकेशन पर ध्यान देने की जरूरत है. खास तौर पर ग्रामीण इलाके को टारगेट करना जरूरी है. ऑन जॉब ट्रेनिंग की सुविधा बहाल की जानी चाहिए."- डॉक्टर विद्यार्थी विकास, अर्थशास्त्री

क्यों बढ़ता है पलायनः डॉ विद्यार्थी विकास का कहना है कि बिहार में फीमेल एलएफपीआर और भी काम है. यह आंकड़ा 9.36% था बिहार की 10% महिला ही काम कर रही हैं या फिर काम की तलाश में हैं. जरूर इस बात की है कि महिला शिक्षा पर ध्यान दी जाए और शिक्षा के क्षेत्र में जो इंफ्रास्ट्रक्चर है उसमें सुधार किए जाएं स्किल डेवलपमेंट के लिए पहल किए जाने की जरूरत है. स्थानीय उत्पादन पर आधारित माइक्रो इंटरप्राइजेज को बढ़ावा देने की जरूरत है कई बार भ्रष्टाचार और विधि व्यवस्था को लेकर भी पलायन बढ़ता है.

चुनाव का मुद्दा है रोजगारः सरकार विधि व्यवस्था की स्थिति ठीक रखें और भ्रष्टाचार काबू में रहे तो पलायन पर रोक लगा सकती है. कृषि में संस्थागत सुधार और एमएससपी कानून को शक्ति से लागू किया जाना चाहिए. युवा आबादी राजनीतिक दलों के लिए भी प्राथमिकता में ऊपर है, रोजगार चुनाव के दौरान मुद्दा भी बनता है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था और अब नीतीश सरकार ने आगे बढ़कर 12 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया है.

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पटना: बिहार देश का सबसे अधिक युवा आबादी वाला राज्य है. बिहार में 57.02% आबादी युवाओं की है. इस श्रेणी में 25 साल से कम उम्र के युवा आते हैं. राज्य की युवा आबादी बेहतर शिक्षा नौकरी और स्किल डेवलपमेंट के लिए दूसरे राज्यों में की ओर मुखातिब है. बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के मुताबिक बिहार में 15 से 59 साल तक के लोगों की अनुमानित संख्या 7 करोड़ 23 लाख है. 2036 तक इसमें इजाफा होने की उम्मीद है और तीन प्रतिशत का इजाफा होना तय माना जा रहा है.

क्या कहता है आंकड़ाः इस हिसाब से 60% से अधिक आबादी युवाओं की हो जाएगी. विकास दर के मामले में बिहार टॉप पर है लेकिन ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स के मामले में बिहार निचले पायदान पर है 2011-12 में ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स के मामले में बिहार 36 वें पायदान पर था और 2017-18 में भी बिहार 36 वे स्थान पर रहा. राज्य के अंदर रूरल वर्कफोर्स भी काम है. पीएलएफएस के आंकड़े के मुताबिक बिहार में 25% वर्कफोर्स लो स्किल है.

युवाओं को हुनरमंद बनाने का प्रयासः बिहार में कुशल युवा प्रोग्राम की शुरुआत 16 दिसंबर 2016 में की गई थी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा बिहार के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए राज्य के सभी प्रखंडों में कौशल विकास केंद्र खोला गया था, ताकि बिहार के युवा कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान प्राप्त कर सके. युवाओं को किस तरह से हुनरमंद बनाया जाए, इस दिशा में प्रयास करते हुए कुशल युवा प्रोग्राम के 5 साल हो गए हैं.

उच्च शिक्षा में सुधार की जरूरत: अर्थशास्त्री डॉक्टर अविरल पांडे का मानना है कि बिहार की लिटरेसी में सुधार तो हुआ है लेकिन हायर और टेक्निकल एजुकेशन में सुधार की जरूरत है. ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स के मामले में भी बिहार निचले पायदान पर है. इस क्षेत्र में भी सरकार को कम करने की जरूरत है. बिहार में 25% से ज्यादा लो स्किल वर्कफोर्स हैं. कास्ट सर्वे के मुताबिक बिहार के अंदर टेक्निकल वर्कफोर्स काम है चार्टर एकाउंटेंट, डॉक्टर, इंजीनियर की संख्या कम है और उच्च शिक्षा में ड्रॉप आउट लगातार बढ़ रहा है.

"उच्च शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकार को प्रयास करने चाहिए स्किल डेवलपमेंट के लिए नए मॉडल बनाने की जरूरत है. वोकेशनल ट्रेनिंग और डिप्लोमा स्किल सर्टिफिकेशन पर ध्यान देने की जरूरत है. खास तौर पर ग्रामीण इलाके को टारगेट करना जरूरी है. ऑन जॉब ट्रेनिंग की सुविधा बहाल की जानी चाहिए."- डॉक्टर विद्यार्थी विकास, अर्थशास्त्री

क्यों बढ़ता है पलायनः डॉ विद्यार्थी विकास का कहना है कि बिहार में फीमेल एलएफपीआर और भी काम है. यह आंकड़ा 9.36% था बिहार की 10% महिला ही काम कर रही हैं या फिर काम की तलाश में हैं. जरूर इस बात की है कि महिला शिक्षा पर ध्यान दी जाए और शिक्षा के क्षेत्र में जो इंफ्रास्ट्रक्चर है उसमें सुधार किए जाएं स्किल डेवलपमेंट के लिए पहल किए जाने की जरूरत है. स्थानीय उत्पादन पर आधारित माइक्रो इंटरप्राइजेज को बढ़ावा देने की जरूरत है कई बार भ्रष्टाचार और विधि व्यवस्था को लेकर भी पलायन बढ़ता है.

चुनाव का मुद्दा है रोजगारः सरकार विधि व्यवस्था की स्थिति ठीक रखें और भ्रष्टाचार काबू में रहे तो पलायन पर रोक लगा सकती है. कृषि में संस्थागत सुधार और एमएससपी कानून को शक्ति से लागू किया जाना चाहिए. युवा आबादी राजनीतिक दलों के लिए भी प्राथमिकता में ऊपर है, रोजगार चुनाव के दौरान मुद्दा भी बनता है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था और अब नीतीश सरकार ने आगे बढ़कर 12 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया है.

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