ETV Bharat / state

पलामू में पलायन है बड़ा चुनावी मुद्दा! किनकी नीति से प्रभावित होंगे प्रवासी मजदूर ये है बड़ा सवाल - Lok Sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Election issue in Palamu. पलामू लोकसभा क्षेत्र में पलायन और रोजनगार बड़ा चुनावी मुद्दा है. सभी उम्मीदवार इसे लेकर लोगों से बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि प्रवासी मजदूर किनके वादों पर भरोसा करेंगे?

Election issue in Palamu
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 9, 2024, 3:56 PM IST

पलामू: पलामू के पड़वा प्रखंड के चिल्ही मतदान केंद्र पर 743 मतदाता है. 743 मतदाता में से 86 मतदाता पलायन कर चुके हैं. यह कहानी सिर्फ एक मतदान केंद्र की नहीं है. पलामू लोकसभा क्षेत्र में कई ऐसे मतदान केंद्र हैं जहां से मतदाता पलायन कर गए हैं. पलायन करने वाले मतदाताओं की संख्या हजारो में है.

फिलहाल मतदान के लिए घर-घर निमंत्रण बांटा जा रहा है. वापस होने वाले पर्ची के आकलन के बाद पलायन करने वाले वास्तविक मतदाताओं की संख्या पता चल पाएगा. पलामू में 13 मई को मतदान होना है. 2024 के लोकसभा चुनाव में पलायन एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना है. भाजपा और इंडी गठबंधन दोनों पलायन को बड़ा मुद्दा बना रहे हैं.

चुनावी जनसभा में पलायन को लेकर की जा रही है घोषणा

लोकसभा चुनाव को लेकर पलामू के इलाके में राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है भारतीय जनता पार्टी और इंडी गठबंधन के नेता लगातार जनसभाओं में कई घोषणा कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विष्णुदयाल राम कई जनसभा में पलायन रोकने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठान की स्थापना करने की बात बोल रहे हैं. विष्णुदयाल राम का कहना है कि उनकी प्राथमिकता है कि इलाके में औधोगिक प्रतिष्ठान की स्थापना हो. वहीं राजद प्रत्याशी ममता भुइयां पलायन को लेकर लगातार जनसभा में घोषणा कर रहीं हैं. जनसभाओं में ममता भुइयां बोल रही हैं कि यह दुखद है कि लोगों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है उनकी प्राथमिकता होगी पलायन को रोकना.

वोटरों का पलायन कई राजनीतिक दलों के रणनीति को करेगी प्रभावित

पलामू के इलाके में पलायन एक बड़ी समस्या रही है. कोविड-19 काल में आधिकारिक तौर पर पलामू में 53 हजार प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा रिकॉर्ड किया गया था. पलामू लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गढ़वा के इलाकों में प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा 30 हजार के करीब था. मजदूर नेता राजीव कुमार का कहना है कि पलायन करने वाले मजदूरों का आंकड़ा कहीं अधिक है. तीन लाख से अधिक मजदूर पलायन कर गए हैं. कोविड 19 काल के बाद पलायन करने वाली आबादी की संख्या बढ़ी है. राजीव कुमार ने बताया कि तीन लाख के करीब मजदूरों ने पलायन की है. यह मजदूर वोटर के अधिकार से वंचित हो गए हैं.

ये भी पढ़ें-

प्रवासी मजदूरों को मतदान कराने की कोशिश में जुटा दुमका जिला प्रशासन, की गई है विशेष तैयारी - Lok Sabha Election 2024

पलामू: पलामू के पड़वा प्रखंड के चिल्ही मतदान केंद्र पर 743 मतदाता है. 743 मतदाता में से 86 मतदाता पलायन कर चुके हैं. यह कहानी सिर्फ एक मतदान केंद्र की नहीं है. पलामू लोकसभा क्षेत्र में कई ऐसे मतदान केंद्र हैं जहां से मतदाता पलायन कर गए हैं. पलायन करने वाले मतदाताओं की संख्या हजारो में है.

फिलहाल मतदान के लिए घर-घर निमंत्रण बांटा जा रहा है. वापस होने वाले पर्ची के आकलन के बाद पलायन करने वाले वास्तविक मतदाताओं की संख्या पता चल पाएगा. पलामू में 13 मई को मतदान होना है. 2024 के लोकसभा चुनाव में पलायन एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना है. भाजपा और इंडी गठबंधन दोनों पलायन को बड़ा मुद्दा बना रहे हैं.

चुनावी जनसभा में पलायन को लेकर की जा रही है घोषणा

लोकसभा चुनाव को लेकर पलामू के इलाके में राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है भारतीय जनता पार्टी और इंडी गठबंधन के नेता लगातार जनसभाओं में कई घोषणा कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विष्णुदयाल राम कई जनसभा में पलायन रोकने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठान की स्थापना करने की बात बोल रहे हैं. विष्णुदयाल राम का कहना है कि उनकी प्राथमिकता है कि इलाके में औधोगिक प्रतिष्ठान की स्थापना हो. वहीं राजद प्रत्याशी ममता भुइयां पलायन को लेकर लगातार जनसभा में घोषणा कर रहीं हैं. जनसभाओं में ममता भुइयां बोल रही हैं कि यह दुखद है कि लोगों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है उनकी प्राथमिकता होगी पलायन को रोकना.

वोटरों का पलायन कई राजनीतिक दलों के रणनीति को करेगी प्रभावित

पलामू के इलाके में पलायन एक बड़ी समस्या रही है. कोविड-19 काल में आधिकारिक तौर पर पलामू में 53 हजार प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा रिकॉर्ड किया गया था. पलामू लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गढ़वा के इलाकों में प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा 30 हजार के करीब था. मजदूर नेता राजीव कुमार का कहना है कि पलायन करने वाले मजदूरों का आंकड़ा कहीं अधिक है. तीन लाख से अधिक मजदूर पलायन कर गए हैं. कोविड 19 काल के बाद पलायन करने वाली आबादी की संख्या बढ़ी है. राजीव कुमार ने बताया कि तीन लाख के करीब मजदूरों ने पलायन की है. यह मजदूर वोटर के अधिकार से वंचित हो गए हैं.

ये भी पढ़ें-

प्रवासी मजदूरों को मतदान कराने की कोशिश में जुटा दुमका जिला प्रशासन, की गई है विशेष तैयारी - Lok Sabha Election 2024

राजद प्रत्याशी ममता भुइयां ने चलाया जनसंपर्क अभियान, कहा- पानी और पलायन सबसे बड़ा मुद्दा - Lok Sabha Election 2024

प्रत्याशियों का इंतजार कर रहे दूरस्थ इलाकों के ग्रामीण, कई मुद्दों को लेकर खुश तो कई से हैं नाराज - Lok Sabha election 2024

पलामू की महिलाएं सुखाड़ और पलायन को मानती हैं चुनावी मुद्दा, कहा- क्षेत्र में उपलब्ध होना चाहिए रोजगार - Lok Sabha Election 2024

पलामू सीट पर पलायन और रोजगार बना चुनावी मुद्दा, प्रवासी मजदूरों के लिए चर्चित है यह इलाका - Lok Sabha Election 2024

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.