गढ़वा: केंद्र की मोदी सरकार मनरेगा को खत्म करना चाहती है, केंद्र की सरकार इसकी क्रियान्वयन में जटिलता कर रही है जिससे मजदूरों के हक और अधिकारों का हनन हो रहा है. यह बात कांग्रेस के टॉप नेताओं ने झारखंड के गढ़वा के रंका में आयोजित मनरेगा के जनसुनवाई में कही है. मनरेगा की इस जनसुनवाई में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, कांग्रेस नेता कन्हैया, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक रामेश्वर उरांव, रामचंद्र सिंह, पूर्व विधायक बंधु तिर्की, सोशल एक्टिविस्ट ज्यां द्रेज समेत कई दिग्गजों ने भाग लिया था.
दरअसल, राहुल गांधी की भारत छोड़ो न्याय यात्रा 14 और 15 फरवरी को पलामू और गढ़वा में आयोजित होने वाली थी. गढ़वा के रंका में मनरेगा को लेकर जनसुनवाई निर्धारित की गई थी, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस के नेता इसमें भाग लेने वाले थे. भारत जोड़ो न्याय यात्रा गढ़वा और पलामू में स्थगित होने के बाद कांग्रेस नेताओं ने जनसुनवाई में भाग लिया.
मनरेगा जनसुनवाई का आयोजन नरेगा संघर्ष मोर्चा और झारखंड नरेगा वाच द्वारा किया गया था. इस जनसुनवाई में झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों के मनरेगा मजदूरों ने भाग लिया. जनसुनवाई में बोलते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि मनरेगा को लागू करने में काफी संघर्ष करना पड़ा था. मौजूदा केंद्र की सरकार पारदर्शिता के नाम पर मनरेगा के क्रियान्वयन में अनावश्यक जटिलता को ला रही है जिससे मजदूरों का नुकसान हो रहा है.
उन्होंने कहा कि राजस्थान के बाद झारखंड दूसरा राज्य हो सकता है जहां शहरी रोजगार गारंटी लागू करने की संभावना है. सोशल एक्टिविस्ट और अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने मनरेगा से मजदूरों के जीवन में हुए बदलाव के बारे में कई जानकारियां साझा कीं.
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