बलौदाबाजार: गांव के लोगों का पलायन रोकने और उन्हें गांव में रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना शुरू की गई. इस योजना के अंतर्गत कम से कम 100 दिनों का रोजगार ग्रामीणों को दिया जाता है. लेकिन सरपंच और जिम्मेदारों की लापरवाही से मनरेगा में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. ऐसा ही मामला बलौदाबाजर में सामने आया.
बिना अनुमति जेसीबी से खुदाई: पूरा मामला बलौदाबाजार जिले के पलारी तहसील अंतर्गत ग्राम संडी मुड़पार का है. इस गांव में पंचायत की तरफ से गांव के निजी तालाब में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत मिट्टी निकालने का काम करवाया जा रहा है. इसके अलावा उसी निजी तालाब के आधे हिस्से में नियम विरुद्ध जेसीबी से भी खुदाई करवाकर मिट्टी निजी उपयोग के लिए हाइवा से निकाली जा रही है. निजी जेसीबी से निकाली जाने वाली मिट्टी को पंचायत के उपयोग में नहीं लाया जा रहा है. जबकि नियम यह है तालाब के लिए खोदी जानी वाली मिट्टी तालाब के मेढ़ में डाली जानी है. मनरेगा के तहत इस निजी तालाब में 60 दिनों का काम पूरा हो चुका है.
8 अप्रैल से रोजगार गारंटी का काम शुरू हुआ. तीन हफ्ते का काम पूरा हो चुका है. बीच में जेसीबी से काम बंद होने पर भी काम कराया गया था. निजी तालाब में मिट्टी खुदाई का काम चल रहा है. -माधुरी साहू, रोजगार सहायक, मुड़पार
जनपद CEO ने किया नोटिस जारी: मनरेगा में मशीनों से काम करवाने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई और इसकी शिकायत जनपद पंचायत में की. जिसके बाद जनपद पंचायत सीईओ ने सरपंच और रोजगार सहायक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा.
मुड़पार पंचायत के ग्रामीणों ने मौखिक शिकायत की है. हमने सरपंच सचिव और रोजगार सहायक को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब देने को कहा है. -रोहित कुमार नायक, सीईओ, जनपद पंचायत पलारी
एक तरफ सरकार गांव में होने वाले विकास कार्य में ग्रामीणों को मनरेगा के तहत काम कराकर रोजगार के साधन उपलब्ध करा रही है तो दूसरी तरफ सरपंच मनमानी कर मनरेगा के तहत होने वाले कामों को मशीनों से करवा कर मजदूरों का हक मार रहे हैं.