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हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में नलों में लगेंगे मीटर, जितना खर्च होगा पानी उतना आएगा बिल - Meter on tap in Himachal

Meter on tap: अपनी आर्थिक सेहत सुधारने के लिए सुक्खू सरकार लगातार कड़े फैसले ले रही है. अब सरकार हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के मीटर लगाने की योजना बना रही है. डिटेल में पढ़ें खबर...

हिमाचल में नलों में लगेंगे मीटर
हिमाचल में नलों में लगेंगे मीटर (ETV Bharat कॉन्सेप्ट इमेज)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 19, 2024, 8:48 PM IST

शिमला: हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में अब जितना पानी खर्च होगा लोगों को अब बिल भी उतना ही आएगा. इसके लिए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के मीटर लगाने की योजना बना रही है. इसके सिरे चढ़ते ही ग्रामीण क्षेत्रों में जल विभाग मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर देगा.

इन दिनों प्रदेश सरकार अपनी आर्थिक सेहत को सुधारने के लिए लगातार कड़े फैसले ले रही है. सुक्खू सरकार ने बिजली के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त पानी की सुविधा भी कुछ शर्तों के साथ बंद कर दी है जिसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे होटलों से अब किलोलीटर के हिसाब से पानी का बिल वसूले जाने का भी निर्णय लिया गया है.

हिमाचल में 60 फीसदी होटल ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे हैं जिनकी सालाना आय लाखों में है लेकिन पूर्व में भाजपा सरकार ने ऐसे होटलों को भी मुफ्त पानी की सुविधा दी थी जिसे अब वापस लिया गया है.

शिमला सहित सोलन और कुल्लू जैसे पर्यटन स्थलों में बड़ी संख्या में होटल खुले हैं, जिनसे अब सरकार किलोलीटर के हिसाब से पानी के बिल वसूलेगी. इन होटलों में पानी के बिलों से सरकार को जो आय होगी, उसे पेयजल की क्वालिटी सुधारने पर खर्च किया जाएगा.

गरीबों को जारी रहेगी सुविधा

ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार ने साधन संपन्न लोगों से पानी का 100 रुपये मासिक बिल वसूलने का निर्णय लिया है. सालाना 50 हजार रुपये की आय वाले गरीब परिवारों सहित विधवाओं, एकल नारी व दिव्यांगों को पहले की तरह निशुल्क पानी की सुविधा जारी रहेगी. साधन संपन्न लोगों से 100 रुपये मासिक बिल वसूला जाएगा. जल शक्ति विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं से साधन संपन्न वर्ग से मासिक जल बिल प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है.

वित्तीय स्थिति से जूझ रही सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने मुफ्त पानी योजना को गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों, एकल महिलाओं, विधवाओं और दिव्यांग व्यक्तियों जैसी चुनिंदा श्रेणियों तक सीमित करने का निर्णय लिया है.

होमस्टे और ढाबों से व्यावसायिक दर पर वसूला जाएगा बिल

प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित होने वाले होटल, होम स्टे और ढाबों से भी व्यावसायिक दर से पानी के बिल वसूले जाने का निर्णय लिया है. जल विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में 20 लाख से अधिक जल कनेक्शनों का डेटा एकत्रित किया है, जिससे पता चला है कि इनमें से 50 फीसदी उपभोक्ताओं के पास कई कनेक्शन हैं.

ऐसे में अब हर कनेक्शन पर 100 रुपये मासिक बिल लिया जाएगा. बता दें कि हिमाचल में साल 2019 में जेजेएम स्कीम लॉन्च हुई थी. इससे पहले प्रदेश में 8 लाख से अधिक पानी के कनेक्शन थे, लेकिन प्रदेश में जेजेएम लॉन्च होने के बाद इस स्कीम के तहत 5 सालों में 10 लाख से अधिक घरों में पानी के नल लगाए गए. ऐसे में अब प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 20 लाख घरों में लोग नल से जल की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: विश्व फोटोग्राफी दिवस पर देखें हिमाचल की ये खूबसूरत तस्वीरें, आपका दिल जीत लेंगी ये फोटो

शिमला: हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में अब जितना पानी खर्च होगा लोगों को अब बिल भी उतना ही आएगा. इसके लिए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के मीटर लगाने की योजना बना रही है. इसके सिरे चढ़ते ही ग्रामीण क्षेत्रों में जल विभाग मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर देगा.

इन दिनों प्रदेश सरकार अपनी आर्थिक सेहत को सुधारने के लिए लगातार कड़े फैसले ले रही है. सुक्खू सरकार ने बिजली के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त पानी की सुविधा भी कुछ शर्तों के साथ बंद कर दी है जिसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे होटलों से अब किलोलीटर के हिसाब से पानी का बिल वसूले जाने का भी निर्णय लिया गया है.

हिमाचल में 60 फीसदी होटल ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे हैं जिनकी सालाना आय लाखों में है लेकिन पूर्व में भाजपा सरकार ने ऐसे होटलों को भी मुफ्त पानी की सुविधा दी थी जिसे अब वापस लिया गया है.

शिमला सहित सोलन और कुल्लू जैसे पर्यटन स्थलों में बड़ी संख्या में होटल खुले हैं, जिनसे अब सरकार किलोलीटर के हिसाब से पानी के बिल वसूलेगी. इन होटलों में पानी के बिलों से सरकार को जो आय होगी, उसे पेयजल की क्वालिटी सुधारने पर खर्च किया जाएगा.

गरीबों को जारी रहेगी सुविधा

ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार ने साधन संपन्न लोगों से पानी का 100 रुपये मासिक बिल वसूलने का निर्णय लिया है. सालाना 50 हजार रुपये की आय वाले गरीब परिवारों सहित विधवाओं, एकल नारी व दिव्यांगों को पहले की तरह निशुल्क पानी की सुविधा जारी रहेगी. साधन संपन्न लोगों से 100 रुपये मासिक बिल वसूला जाएगा. जल शक्ति विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं से साधन संपन्न वर्ग से मासिक जल बिल प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है.

वित्तीय स्थिति से जूझ रही सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने मुफ्त पानी योजना को गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों, एकल महिलाओं, विधवाओं और दिव्यांग व्यक्तियों जैसी चुनिंदा श्रेणियों तक सीमित करने का निर्णय लिया है.

होमस्टे और ढाबों से व्यावसायिक दर पर वसूला जाएगा बिल

प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित होने वाले होटल, होम स्टे और ढाबों से भी व्यावसायिक दर से पानी के बिल वसूले जाने का निर्णय लिया है. जल विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में 20 लाख से अधिक जल कनेक्शनों का डेटा एकत्रित किया है, जिससे पता चला है कि इनमें से 50 फीसदी उपभोक्ताओं के पास कई कनेक्शन हैं.

ऐसे में अब हर कनेक्शन पर 100 रुपये मासिक बिल लिया जाएगा. बता दें कि हिमाचल में साल 2019 में जेजेएम स्कीम लॉन्च हुई थी. इससे पहले प्रदेश में 8 लाख से अधिक पानी के कनेक्शन थे, लेकिन प्रदेश में जेजेएम लॉन्च होने के बाद इस स्कीम के तहत 5 सालों में 10 लाख से अधिक घरों में पानी के नल लगाए गए. ऐसे में अब प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 20 लाख घरों में लोग नल से जल की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं.

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