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चीन में आगरा के मर्चेंट नेवी अफसर की मौत, बुजुर्ग मां-पत्नी और बच्चे कर रहे 13 दिन से शव आने का इंतजार - Merchant Navy officer dies in China

ताजनगरी के एक मर्चेंट नेवी अफसर की चीन में मौत हो गई. इस घटना के 13 दिन बीतने के बाद भी उसका शव अभी तक चीन में ही है. मृत अफसर की बुजुर्ग मां, पत्नी और बच्चे बेहद परेशान हैं.

ताजनगरी के मर्चेंट नेवी अफसर की चीन में मौत हो गई.
ताजनगरी के मर्चेंट नेवी अफसर की चीन में मौत हो गई. (photo credit etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 25, 2024, 7:04 PM IST

ताजनगरी के मर्चेंट नेवी अफसर की चीन में मौत हो गई. (video credit etv bharat)

आगरा : ताजनगरी के एक मर्चेंट नेवी अफसर की चीन में मौत हो गई. इस घटना के 13 दिन बीतने के बाद भी उसका शव अभी तक चीन में ही है. मृत अफसर की बुजुर्ग मां, पत्नी और बच्चे बेहद परेशान हैं. उन्होंने मर्वेंट नेवी अफसर का शव भारत लाने के लिए पीएम मोदी और विदेशी मंत्री को ट्वीट कर मदद की गुहार लगाई है. मगर अभी तक उन्हें न कोई मदद मिली और न ही कोई आश्वासन. मर्चेंट नेवी अफसर का शव जल्द से जल्द भारत आए. ताकि वे उसे आखिरी बार देख सकें और अंतिम संस्कार कर सकें. रोते हुए घरवाले हर तरह से प्रयास कर रहे हैं कि किसी तरह पार्थिव शरीर भारत आ जाए.

सीने में दर्द की हुई थी शिकायत

शाहगंज थाना क्षेत्र की चाणक्य पुरी में साईं धाम रेजीडेंसी निवासी 49 वर्षीय अनिल कुमार मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर थे. शिक्षिका पत्नी अंजुलता ने बताया कि, अनिल कुमार एमवीजीएच नाइटिंगेल में मुख्य अभियंता थे. उनका जहाज ड्राईडॉकिंग के लिए चीन के झेजियांग प्रांत के झोउशान शहर में था. बीती 11/12 जून की देर रात्रि अनिल की तबियत बिगड़ी तो उन्हें झोउशान अस्पताल में भर्ती कराया गया. रातभर उपचार के बाद सुबह पति अनिल कुमार को अस्पताल से छुटटी मिल गई. मगर, उसी दिन दोपहर में अनिल के सीने में दिक्कत हुई तो उन्हें दोबारा अस्पताल भर्ती कराया. इलाज के दौरान अनिल की मौत हो गई.

मां, पत्नी और बच्चों का रो-रोकर हाल बेहाल

परिवार में पत्नी अंजुलता, बुजुर्ग सास रामकिशोरी श्रीवास्तव और दो बच्चे हैं. सभी का रो-रोकर बुरा हाल है. दोनों बच्चे मां और दादी से लिपटकर रोते हैं. अंजुलता ने बताया कि मैं पति की कंपनी, भारतीय दूतावास और अन्य अधिकारियों से लगातार संपर्क कर रही हूं. सबसे पति का शव भारत जल्द से जल्द भेजने के लिए गुहार लगा रही हूं, मगर कोई मदद नहीं मिलती दिख रही है. चीन में रहने वाली भारतीय नम्रता उपाध्याय ने भी चीनी अधिकारियों और भारतीय दूतावास से संपर्क किया. वे भी अपने स्तर से खूब भागदौड़ कर रही हैं. विदेश मंत्रालय के समक्ष भा इस मामले को उठाया है. जबकि आगरा में बुजुर्ग मां और पत्नी बेहद कठिन समय से गुजर रहे हैं. उन पर दुःखों का पहाड़ टूटा है. 12 दिन बीत गए, मगर कहीं से कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है.

दूतावास की ढिलाई से लग रहा समय

अंजुलता बताती हैं कि अनिल की कंपनी के अधिकारियों से भी निरंतर संपर्क कर रहे हैं. कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि पार्थिव देह शीघ्र भारत भेजने में हर संभव प्रयास किया जा रहा है, लेकिन चीन स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी ढिलाई बरत रहे हैं. जिसकी वजह से अनिल कुमार का शव भारत लाने में 25 से 30 दिन लग सकते हैं. अंजुलता ने इस मामले में पीएम मोदी से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है.

डॉ. एसके अरेला भी प्रयासों में जुटे

रिटायर्ड आयकर अधिकारी डॉ. एसके अरेला भी अपने स्तर से मर्चेंट नेवी अफसर अनिल कुमार का शव भारत लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने भी वित्त मंत्रालय में अपने संपर्कों के माध्यम से विदेश मंत्रालय को पूरी जानकारी दी है. उन्होंने भारतीय दूतावास के धनराज पूनिया से भी बात की है. उन्होंने भी मदद का आश्वासन दिया है.

यह भी पढ़ें :न्याय की लड़ाई में वर्दी वालों से हार गया वर्दीवाला; होमगार्ड ने सुसाइड नोट में लिखा-पुलिस से पंगा लेने की मैंने भूल की - home guard suicide note

ताजनगरी के मर्चेंट नेवी अफसर की चीन में मौत हो गई. (video credit etv bharat)

आगरा : ताजनगरी के एक मर्चेंट नेवी अफसर की चीन में मौत हो गई. इस घटना के 13 दिन बीतने के बाद भी उसका शव अभी तक चीन में ही है. मृत अफसर की बुजुर्ग मां, पत्नी और बच्चे बेहद परेशान हैं. उन्होंने मर्वेंट नेवी अफसर का शव भारत लाने के लिए पीएम मोदी और विदेशी मंत्री को ट्वीट कर मदद की गुहार लगाई है. मगर अभी तक उन्हें न कोई मदद मिली और न ही कोई आश्वासन. मर्चेंट नेवी अफसर का शव जल्द से जल्द भारत आए. ताकि वे उसे आखिरी बार देख सकें और अंतिम संस्कार कर सकें. रोते हुए घरवाले हर तरह से प्रयास कर रहे हैं कि किसी तरह पार्थिव शरीर भारत आ जाए.

सीने में दर्द की हुई थी शिकायत

शाहगंज थाना क्षेत्र की चाणक्य पुरी में साईं धाम रेजीडेंसी निवासी 49 वर्षीय अनिल कुमार मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर थे. शिक्षिका पत्नी अंजुलता ने बताया कि, अनिल कुमार एमवीजीएच नाइटिंगेल में मुख्य अभियंता थे. उनका जहाज ड्राईडॉकिंग के लिए चीन के झेजियांग प्रांत के झोउशान शहर में था. बीती 11/12 जून की देर रात्रि अनिल की तबियत बिगड़ी तो उन्हें झोउशान अस्पताल में भर्ती कराया गया. रातभर उपचार के बाद सुबह पति अनिल कुमार को अस्पताल से छुटटी मिल गई. मगर, उसी दिन दोपहर में अनिल के सीने में दिक्कत हुई तो उन्हें दोबारा अस्पताल भर्ती कराया. इलाज के दौरान अनिल की मौत हो गई.

मां, पत्नी और बच्चों का रो-रोकर हाल बेहाल

परिवार में पत्नी अंजुलता, बुजुर्ग सास रामकिशोरी श्रीवास्तव और दो बच्चे हैं. सभी का रो-रोकर बुरा हाल है. दोनों बच्चे मां और दादी से लिपटकर रोते हैं. अंजुलता ने बताया कि मैं पति की कंपनी, भारतीय दूतावास और अन्य अधिकारियों से लगातार संपर्क कर रही हूं. सबसे पति का शव भारत जल्द से जल्द भेजने के लिए गुहार लगा रही हूं, मगर कोई मदद नहीं मिलती दिख रही है. चीन में रहने वाली भारतीय नम्रता उपाध्याय ने भी चीनी अधिकारियों और भारतीय दूतावास से संपर्क किया. वे भी अपने स्तर से खूब भागदौड़ कर रही हैं. विदेश मंत्रालय के समक्ष भा इस मामले को उठाया है. जबकि आगरा में बुजुर्ग मां और पत्नी बेहद कठिन समय से गुजर रहे हैं. उन पर दुःखों का पहाड़ टूटा है. 12 दिन बीत गए, मगर कहीं से कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है.

दूतावास की ढिलाई से लग रहा समय

अंजुलता बताती हैं कि अनिल की कंपनी के अधिकारियों से भी निरंतर संपर्क कर रहे हैं. कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि पार्थिव देह शीघ्र भारत भेजने में हर संभव प्रयास किया जा रहा है, लेकिन चीन स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी ढिलाई बरत रहे हैं. जिसकी वजह से अनिल कुमार का शव भारत लाने में 25 से 30 दिन लग सकते हैं. अंजुलता ने इस मामले में पीएम मोदी से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है.

डॉ. एसके अरेला भी प्रयासों में जुटे

रिटायर्ड आयकर अधिकारी डॉ. एसके अरेला भी अपने स्तर से मर्चेंट नेवी अफसर अनिल कुमार का शव भारत लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने भी वित्त मंत्रालय में अपने संपर्कों के माध्यम से विदेश मंत्रालय को पूरी जानकारी दी है. उन्होंने भारतीय दूतावास के धनराज पूनिया से भी बात की है. उन्होंने भी मदद का आश्वासन दिया है.

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