नई दिल्ली/ गाजियाबाद: परिवार नियोजन को लेकर गाजियाबाद में महिलाएं काफी जागरूक है. वहीं, बात अगर पुरुषों की बात करें तो गाजियाबाद में पुरुष परिवार नियोजन को लेकर कम जागरूक नजर आ रहे हैं. दो महीने में गाजियाबाद में केवल एक पुरुष ने नसबंदी कराई है. जबकि, महिलाओं की नसबंदी की संख्या काफी अधिक है.
डिप्टी सीएमओ डॉ रविंद्र कुमार ने बताया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में मई तक महिला नसबंदी का लक्ष्य 493 था. जबकि इस अवधि में आठ पुरुषों की नसबंदी का लक्ष्य प्राप्त हुआ था. 469 महिलाओं की नसबंदी सफलता पूर्वक हो चुकी है, जो लक्ष्य का 95 प्रतिशत से अधिक है. हालांकि, इस अवधि में आठ के सापेक्ष केवल एक पुरुष ने ही नसबंदी कराई है. हालांकि, लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है.
मौजूदा समय में बरसात के चलते लोग सर्जरी करने से बचते हैं. डॉ रविंद्र कुमार के मुताबिक, संयुक्त अस्पताल, एमएमजी अस्पताल में पुरुषों की नसबंदी करने के लिए ट्रेंड सर्जन हैं. जिले में फ्रंटलाइन वर्कर्स आशा वर्कर है. आशा वर्कर के लिए महिलाओं को परिवार नियोजन के बारे में समझाना ज्यादा मुश्किल नहीं होता. जबकि, आशा वर्कर के लिए पुरुषों को नसबंदी के बारे में समझाना और इसके महत्व बताने में झिझक महसूस होती है.
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मौजूदा समय में गाजियाबाद में संचारी रोग अभियान समेत कई अभियान संचालित हो रहे हैं. अभियान के तहत फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स लोगों के बीच जाते हैं. स्वास्थ्य विभाग ने फ्रंटलाइन वर्कर्स को निर्देशित किया है कि अभियान के दौरान लोगों को परिवार नियोजन के बारे में भी जागरूक करें ताकि महिलाएं और पुरुष न सिर्फ परिवार नियोजन की महत्व को समझ सके बल्कि इस पर अमल भी करें.
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