कुचामनसिटी: राजस्थान के भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज को केंद्र में ओबीसी आरक्षण देने की मांग को लेकर विश्व जाट महासभा के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के नाम बुधवार को कुचामनसिटी के उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा.
विश्व जाट महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष परसाराम बुगालिया ने बताया कि इसी मांग को लेकर सितंबर 2021 को जब जाटों ने चक्का जाम का ऐलान किया था तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी का आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश पत्र लिखा था, लेकिन अभी तक दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं दिया गया है.
पढ़ें: संजना जाटव बोलीं - भरतपुर की जनता ने लड़ा चुनाव, अब जाटों के आरक्षण की आवाज करूंगी बुलंद
राज्य की ओबीसी जातियों को केन्द्र में भी जोड़ें: इस मामले में राजस्थान सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने भी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को धौलपुर एवं भरतपुर के जाट समुदाय को केंद्रीय पिछड़ा वर्गकी सूची में सम्मिलित किया जाने की रिपोर्ट भेजी थी, फिर भी उनहें इस सूची में नहीं जोड़ा गया. ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य की लिस्ट में जो ओबीसी जातियां हैं, जिनको केंद्रीय लिस्ट में जोड़ा जाए ताकि उनको भी केंद्र से मिलने वाले आरक्षण का लाभ मिल सके. मांगें नहीं पूरी होने की स्थिति में जाट समाज धरना प्रदर्शन और आंदोलन करेगा. इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार की होगी.