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Melioidosis Disease : मिट्टी से फैलने वाली इस घातक बीमारी की जोधपुर में दस्तक, जानें लक्षण-बचाव और इलाज

मेलियोइडोसिस एक खतरनाक जीवाणु जनित रोग जोधपुर में पाया गया है, जो मिट्टी से फैलता है. सावधानी और इलाज से इससे बचा जा सकता है.

MELIOIDOSIS IN JODHPUR
मेलियोइडोसिस बीमारी को लेकर विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ कलेक्टर ने की चर्चा (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 17 hours ago

जोधपुर : जिले में मिट्टी से फैलने वाली गंभीर बीमारी मेलियोइडोसिस ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है. पिछले एक साल में इस बीमारी के चार मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक मरीज की मौत हो चुकी है और एक का इलाज जोधपुर एम्स में चल रहा है. जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने इस स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ बैठक कर आवश्यक कदम उठाने और जन जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. मंगलवार को बैठक में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज और एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हुए.

क्या है मेलियोइडोसिस ? : मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रभु प्रकाश के अनुसार मेलियोइडोसिस एक जीवाणु जनित रोग है, जिसे व्हिटमोर रोग भी कहा जाता है. यह रोग बर्कहोल्डरिया स्यूडोमैलेई नामक बैक्टीरिया से फैलता है. यह बैक्टीरिया ज्यादा बारिश वाले क्षेत्रों में मिट्टी, गंदे पानी या संक्रमित हवा के जरिए शरीर में प्रवेश करता है, जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, जैसे मधुमेह, किडनी रोग या अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग, वे इसकी चपेट में जल्दी आ सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- डीग में पैर पसार रहा डिप्थीरिया, 7 बच्चों की मौत, अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग

लक्षण और बचाव : डॉ. प्रभु प्रकाश के अनुसार इस बीमारी के लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द, मवाद और निमोनिया प्रमुख हैं. समय पर इलाज न मिलने पर यह हड्डियों में मवाद उत्पन्न कर सकती है और रक्त में बैक्टीरिया फैलने से यकृत और तिल्ली को नुकसान पहुंचा सकती है.

बचाव के तरीके

  • गंदे पानी और मिट्टी के सीधे संपर्क से बचें.
  • हाथों और पैरों को साबुन या डिटर्जेंट से अच्छी तरह धोएं.
  • मिट्टी में काम करते समय दस्ताने पहनें.
  • स्वच्छता का ध्यान रखें और शारीरिक लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

इसे भी पढ़ें- चिकित्सकों का दावा, एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा यूज खतरनाक, बीमारियों पर असर हुआ कम

जोधपुर में स्थिति : एम्स जोधपुर के मेडिसिन विभाग के सह आचार्य डॉ. दुर्गाशंकर मीणा के अनुसार एम्स में चार मामले सामने आए हैं. इनमें दो मरीज जोधपुर से और एक-एक पाली व जालोर से हैं. एक महिला मरीज की मौत हो चुकी है, जबकि एक अन्य मरीज का इलाज जारी है. डॉ. मीणा ने बताया कि यह बीमारी यदि समय पर नहीं पहचानी गई तो गंभीर संक्रमण हड्डियों और अन्य अंगों को प्रभावित कर सकता है. जोधपुर में एक मरीज के फेफड़ों में संक्रमण से हड्डियों में मवाद भर गया था.

प्रशासन की तैयारियां : जिला कलेक्टर ने बैठक में इस बीमारी से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने और जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज में इस बीमारी की जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, लेकिन साफ-सफाई और बचाव के निर्देशों का पालन करें. यह बीमारी भारत के कुछ क्षेत्रों, जैसे मणिपाल, केरल, कर्नाटक, उड़ीसा और भोपाल में पहले भी देखी जा चुकी है. समय पर पहचान और इलाज से इस पर काबू पाया जा सकता है.

जोधपुर : जिले में मिट्टी से फैलने वाली गंभीर बीमारी मेलियोइडोसिस ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है. पिछले एक साल में इस बीमारी के चार मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक मरीज की मौत हो चुकी है और एक का इलाज जोधपुर एम्स में चल रहा है. जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने इस स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ बैठक कर आवश्यक कदम उठाने और जन जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. मंगलवार को बैठक में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज और एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हुए.

क्या है मेलियोइडोसिस ? : मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रभु प्रकाश के अनुसार मेलियोइडोसिस एक जीवाणु जनित रोग है, जिसे व्हिटमोर रोग भी कहा जाता है. यह रोग बर्कहोल्डरिया स्यूडोमैलेई नामक बैक्टीरिया से फैलता है. यह बैक्टीरिया ज्यादा बारिश वाले क्षेत्रों में मिट्टी, गंदे पानी या संक्रमित हवा के जरिए शरीर में प्रवेश करता है, जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, जैसे मधुमेह, किडनी रोग या अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग, वे इसकी चपेट में जल्दी आ सकते हैं.

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लक्षण और बचाव : डॉ. प्रभु प्रकाश के अनुसार इस बीमारी के लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द, मवाद और निमोनिया प्रमुख हैं. समय पर इलाज न मिलने पर यह हड्डियों में मवाद उत्पन्न कर सकती है और रक्त में बैक्टीरिया फैलने से यकृत और तिल्ली को नुकसान पहुंचा सकती है.

बचाव के तरीके

  • गंदे पानी और मिट्टी के सीधे संपर्क से बचें.
  • हाथों और पैरों को साबुन या डिटर्जेंट से अच्छी तरह धोएं.
  • मिट्टी में काम करते समय दस्ताने पहनें.
  • स्वच्छता का ध्यान रखें और शारीरिक लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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जोधपुर में स्थिति : एम्स जोधपुर के मेडिसिन विभाग के सह आचार्य डॉ. दुर्गाशंकर मीणा के अनुसार एम्स में चार मामले सामने आए हैं. इनमें दो मरीज जोधपुर से और एक-एक पाली व जालोर से हैं. एक महिला मरीज की मौत हो चुकी है, जबकि एक अन्य मरीज का इलाज जारी है. डॉ. मीणा ने बताया कि यह बीमारी यदि समय पर नहीं पहचानी गई तो गंभीर संक्रमण हड्डियों और अन्य अंगों को प्रभावित कर सकता है. जोधपुर में एक मरीज के फेफड़ों में संक्रमण से हड्डियों में मवाद भर गया था.

प्रशासन की तैयारियां : जिला कलेक्टर ने बैठक में इस बीमारी से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने और जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज में इस बीमारी की जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, लेकिन साफ-सफाई और बचाव के निर्देशों का पालन करें. यह बीमारी भारत के कुछ क्षेत्रों, जैसे मणिपाल, केरल, कर्नाटक, उड़ीसा और भोपाल में पहले भी देखी जा चुकी है. समय पर पहचान और इलाज से इस पर काबू पाया जा सकता है.

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