नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल के प्रत्याशी लोगों से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली के महरौली इलाके के रहवासी नेताओं से नाराज हैं. महरौली इलाके में कुछ महीने पहले डीडीए द्वारा दशकों पुरानी दरगाह और आसपास में बने सैकड़ों घरों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था. उस वक्त महरौली इलाके की गलियों में दिल्ली पुलिस के जवानों की भारी तैनाती की गई थी. ईटीवी भारत की टीम ने लोगों से बात की.
इलाके की महिलाओं ने बताया कि हमारे पास क्या मुद्दे होंगे, हमारा तो घर ही तोड़ दिया गया है. जो जनप्रतिनिधि हमारे हित की बात करेगा और हमारे घरों को बनाने की बात करेगा, हम उन्हें ही वोट करेंगे. एक महिला ने कहा कि हमारे मकान तोड़े गए, लेकिन कोई भी नेता हमारे दुख में शामिल नहीं हुआ. अब जब चुनाव का वक्त है तो नेता फिर से हमारे पास वोट मांगने आएंगे, लेकिन हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम इस बार मतदान नहीं करेंगे.
महरौली के रहने वाले मोहम्मद आफताब ने बताया कि डीडीए के द्वारा बुलडोजर की कार्रवाई के दौरान मेरा भी घर तोड़ा गया था. उन्होंने कहा कि आप आवास योजना की बात करते हैं, लेकिन यहां तो गरीबों के घरों को ही गिरा दिया और उनके आसियानों को उनसे छीन लिया. उन्होंने कहा कि तमाम सरकारें गरीबों के हित की बात करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. 600 साल पुरानी मस्जिद और दरगाह को तोड़ दिया. किसी को कानों कान खबर नहीं होने दी. उन्होंने कहा कि मुद्दे तो साफ है बेरोजगारी, शिक्षा,स्वास्थ्य जो यह सब सुविधाें देंगे उसे मतदान करेंगे.
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