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बालाजी मंदिर के महंत ने अयोध्या में किए रामलला के दर्शन, बोले- सनातनी संस्कृति का प्रतीक है राम मंदिर - Mehndipur Balaji

दौसा के मेहंदीपुर बालाजी के पीठाधीश्वर महंत नरेशपुरी महाराज ने अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन किए. उन्होंने मंदिर में भगवान राम को चांदी का छत्र और मुकुट भेंट किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भगवान राम सनातनी संस्कृति का प्रतीक हैं.

बालाजी मंदिर के महंत ने अयोध्या में किए रामलला के दर्शन
बालाजी मंदिर के महंत ने अयोध्या में किए रामलला के दर्शन
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 1, 2024, 4:11 PM IST

दौसा. जिले के प्रसिद्ध तीर्थस्थल सिद्धपीठ मेहंदीपुर बालाजी के पीठाधीश्वर महंत डॉक्टर नरेशपुरी महाराज सोमवार को अयोध्या धाम पहुंचे. यहां उन्होंने बालाजी महाराज के आराध्य देव भगवान राम के दर्शन किए और राम लाल की आरती में भी शामिल हुए. इस अवसर पर महंत नरेशपुरी महाराज ने कहा कि 500 वर्षों से राम भक्त अपने भगवान के दर्शनों के लिए ललायित थे. भगवान राम देश-विदेश में रहने वाले सभी सनातनियों के हृदय में वास करते हैं. भगवान राम सनातनी संस्कृति का प्रतीक हैं.

पुरातन परंपराओं की ओर फिर से लौटें : उन्होंने आगे कहा कि आज जब सनातन समाज की युवा पीढ़ी अपसंस्कृति की शिकार हो रही है. ऐसे में भगवान राम का मंदिर युवा पीढ़ी को सही रास्ते पर लाने का भव्य आध्यात्मिक पर्याय बनेगा. व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में भी सनातन समाज के लोग बहुत से संस्कारों से विमुख हो रहे हैं. उन्होंने आह्वान किया कि हम अपनी पुरातन परंपराओं की ओर फिर से लौटें. इसके लिए जरूरी है कि सनातन संस्कृति और संस्कारों के प्रति झुकाव नए सिरे से जागृत किया जाए. अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर के माध्यम से पूरे सनातन समाज को एक सूत्र में फिर से पिरोया जा सकता है.

भगवान राम को चांदी का छत्र और मुकुट भेंट किया
भगवान राम को चांदी का छत्र और मुकुट भेंट किया

पढे़ं. चेचक की देवी है शीतला माता, चाकसू में आमेर राजवंश ने बनाया था मंदिर, लगाते हैं बास्योड़ा पर पहला भोग

शबरी भंडारे का संचालन : बता दें कि, दौसा के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बालाजी मंदिर ट्रस्ट की ओर से अयोध्या में राम मंदिर के शुभारंभ अवसर पर शबरी भंडारे का आयोजन किया गया था. ऐसे में 25 जनवरी से 25 फरवरी तक चले भंडारे में 8 लाख से अधिक लोगों ने निशुल्क भोजन प्रसादी का आनंद लिया था. वहीं, बालाजी मंदिर ट्रस्ट पिछले कई वर्षों से लगातार सामाजिक सरोकार के कार्यों में बढ़-चढ़कर अपनी भगीदारी निभाता आ रहा है. इसमें निशुल्क बालिका शिक्षा, निशुल्क अस्पताल, निशुल्क लंगर व्यवस्था सहित सामूहिक विवाह सम्मेलनों में बालाजी मंदिर ट्रस्ट अपनी अहम भूमिका निभाता है.

महंत महाराज ने भगवान राम के बाल भोग में पंचमेवा, फल और मेवा, मिष्ठान का भोग लगाया. इसके बाद भगवान राम को चांदी का छत्र और मुकुट भेंट किया. इस दौरान राम मंदिर में मौजूद राम और हनुमान भक्तों ने श्रीराम और बालाजी महाराज के जयकारे लगाए गए, जिससे राम नगरी धर्ममय हो गई. इस दौरान राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट के सचिव चंपत राय, विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी राजेंद्र, पंकज, उमाशंकर और राम मंदिर पुजारियों ने बालाजी मंदिर के पीठाधीश्वर महंत नरेशपुरी महाराज को राम नामी दुपट्टा ओढ़ाकर उनका भव्य स्वागत किया. साथ ही भगवान राम की प्रसादी और स्मृति चिह्न भेंट की गई. इसके बाद अयोध्या के कारसेवा पुरम में सैकड़ों राम भक्तों ने पीठाधीश्वर महंत डॉक्टर नरेशपुरी महाराज का भव्य स्वागत किया.

दौसा. जिले के प्रसिद्ध तीर्थस्थल सिद्धपीठ मेहंदीपुर बालाजी के पीठाधीश्वर महंत डॉक्टर नरेशपुरी महाराज सोमवार को अयोध्या धाम पहुंचे. यहां उन्होंने बालाजी महाराज के आराध्य देव भगवान राम के दर्शन किए और राम लाल की आरती में भी शामिल हुए. इस अवसर पर महंत नरेशपुरी महाराज ने कहा कि 500 वर्षों से राम भक्त अपने भगवान के दर्शनों के लिए ललायित थे. भगवान राम देश-विदेश में रहने वाले सभी सनातनियों के हृदय में वास करते हैं. भगवान राम सनातनी संस्कृति का प्रतीक हैं.

पुरातन परंपराओं की ओर फिर से लौटें : उन्होंने आगे कहा कि आज जब सनातन समाज की युवा पीढ़ी अपसंस्कृति की शिकार हो रही है. ऐसे में भगवान राम का मंदिर युवा पीढ़ी को सही रास्ते पर लाने का भव्य आध्यात्मिक पर्याय बनेगा. व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में भी सनातन समाज के लोग बहुत से संस्कारों से विमुख हो रहे हैं. उन्होंने आह्वान किया कि हम अपनी पुरातन परंपराओं की ओर फिर से लौटें. इसके लिए जरूरी है कि सनातन संस्कृति और संस्कारों के प्रति झुकाव नए सिरे से जागृत किया जाए. अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर के माध्यम से पूरे सनातन समाज को एक सूत्र में फिर से पिरोया जा सकता है.

भगवान राम को चांदी का छत्र और मुकुट भेंट किया
भगवान राम को चांदी का छत्र और मुकुट भेंट किया

पढे़ं. चेचक की देवी है शीतला माता, चाकसू में आमेर राजवंश ने बनाया था मंदिर, लगाते हैं बास्योड़ा पर पहला भोग

शबरी भंडारे का संचालन : बता दें कि, दौसा के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बालाजी मंदिर ट्रस्ट की ओर से अयोध्या में राम मंदिर के शुभारंभ अवसर पर शबरी भंडारे का आयोजन किया गया था. ऐसे में 25 जनवरी से 25 फरवरी तक चले भंडारे में 8 लाख से अधिक लोगों ने निशुल्क भोजन प्रसादी का आनंद लिया था. वहीं, बालाजी मंदिर ट्रस्ट पिछले कई वर्षों से लगातार सामाजिक सरोकार के कार्यों में बढ़-चढ़कर अपनी भगीदारी निभाता आ रहा है. इसमें निशुल्क बालिका शिक्षा, निशुल्क अस्पताल, निशुल्क लंगर व्यवस्था सहित सामूहिक विवाह सम्मेलनों में बालाजी मंदिर ट्रस्ट अपनी अहम भूमिका निभाता है.

महंत महाराज ने भगवान राम के बाल भोग में पंचमेवा, फल और मेवा, मिष्ठान का भोग लगाया. इसके बाद भगवान राम को चांदी का छत्र और मुकुट भेंट किया. इस दौरान राम मंदिर में मौजूद राम और हनुमान भक्तों ने श्रीराम और बालाजी महाराज के जयकारे लगाए गए, जिससे राम नगरी धर्ममय हो गई. इस दौरान राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट के सचिव चंपत राय, विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी राजेंद्र, पंकज, उमाशंकर और राम मंदिर पुजारियों ने बालाजी मंदिर के पीठाधीश्वर महंत नरेशपुरी महाराज को राम नामी दुपट्टा ओढ़ाकर उनका भव्य स्वागत किया. साथ ही भगवान राम की प्रसादी और स्मृति चिह्न भेंट की गई. इसके बाद अयोध्या के कारसेवा पुरम में सैकड़ों राम भक्तों ने पीठाधीश्वर महंत डॉक्टर नरेशपुरी महाराज का भव्य स्वागत किया.

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