प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज में सोमवार को महाकुंभ में अखाड़ों के लिए जमीन आवंटन मामले में अखाड़ों और कुंभ प्रशासन के बीच बैठक हुई. इसमें सभी अखाड़ों के संत मौजूद रहे. जमीन आवंटन को लेकर अखाड़ों की कुछ मांगे थीं. जैसे जमीन को इस बार थोड़ा बढ़ाकर देने के साथ ही शिविर को इस बार और अच्छे तरीके से तैयार करने आदि को प्रशासन के सामने रखा गया. जिसे प्रशासन ने स्वीकार कर लिया. बता दें कि इससे पहले मेला प्रशासन ने मेले में जमीन दिखाने के लिए बैठक बुलाई थी, जिसमें अखाड़े आपस मे भिड़ गए थे, लेकिन इस बार सभी ने एक साथ सहमति बनाई है. इसी के साथ भूमि आवंटन शुरू हो गया है.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्रपुरी का कहना है कि हमारी प्रशासन से जो मांग थी, वह मान ली गई है. हमने जमीन बढ़ाने की मांग की थी, उसे पर सहमति बनी है. अब हम लोग अपनी जमीन पर जाएंगे और निशान लगाएंगे. अखाड़े के विवाद पर कहा कि हम आज 12 अखाड़े यहां पर उपस्थित हुए हैं, जो अखाड़े नहीं आए हैं, वह भी हमारे भाई हैं. हमारी वार्ता हुई है. हम सब एक हैं और जल्दी हम लोग एक साथ होंगे. हमारा कोई भेदभाव नहीं है.
वहीं, यमुना पुरी जी महाराज का कहना है की हम लोग सनातन को बढ़ाने का काम कर रहे हैं और हम लोग लोगों ने मिलकर सहमति बनाई है. हम लोग इस बार अपने शिविरों को कुछ अच्छा बनाने की मांग की थी. इस पर प्रशासन ने सहमति जताई है.
जमीन लेने के साथ गाड़ा खूंटा और झंडी
वहीं, महाकुम्भ मेले में जमीन लेने के साथ अखाड़ों की तरफ से वहां पर उसी जमीन में खूंटा गाड़ दिया. इसी के साथ कुछ अखाड़ों ने अपनी चिन्हित की गई. जमीन पर झंडे भी लगा दिए हैं. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि जमीन मिलने के बाद उन्होंने उस भूमि पर खूंटे गाड़ दिए हैं. खूंटे गाड़ने के साथ ही यह तय हो गया कि वही स्थान उनका है. जहां पर वो अब पूरे महाकुम्भ मेले के दौरान डेरा डालेंगे.
दूसरी तरफ पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत यमुना पुरी ने बताया कि आज पहले दिन साधु संतों के अखाड़ों को जमीन आवंटित कर दी गयी है. उन्होंने बताया कि अखाड़ों में जो भी मतभेद है लेकिन मनभेद नहीं हैं. अंदर से सभी एक हैं. जमीन बंटवारे के मुद्दे पर सभी अखाड़े एक हैं. सोमवार को सन्यासियों के 10 अखाड़ों को भूमि वितरित की गयी है, जबकि वैरागियों के तीन अखाड़ों को भूमि वितरित की जाएगी. अखाड़ों को दो दिन भूमि वितरित करने के बाद महामंडलेश्वर और अन्य संस्थाओं व तीर्थ पुरोहितों को जमीन आवंटित की जाएगी.
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