नई दिल्ली: राजधानी में मानसून की शुरुआत हो चुकी है और पिछले वर्ष की तरह इस बार भी यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति न पैदा हो, इसके लिए दिल्ली सरकार सतर्क है. दिल्ली में बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने विभिन्न विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें अधिकारियों ने बाढ़ की स्थिति से निपटने की पूरी कार्य योजना बताई. साथ ही ईस्ट दिल्ली ऑफिस में फ्लड कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां से यमुना नदी में जलस्तर और मौसम पर नजर रखी जा रही है. मीटिंग में रेलवे, फ्लड, पीडब्ल्यूडी, एनडीएमसी एवं एनडीआरफ समेत अन्य विभाग के अधिकारी शामिल हुए.
बैठक में मंत्री आतिशी ने कहा कि पिछले साल यमुना नदी में 70 साल में सबसे अधिक जलस्तर रिकॉर्ड किया गया था. उस वक्त जलस्तर 208.66 मीटर तक चला गया था. इसके कारण यमुना नदी के आसपास के इलाकों के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. ऐसे में इस बार दिल्ली सरकार पहले से तैयारी कर रही है. ऐसे में अगर बाढ़ आने की जरा भी संभावना रहेगी, तो उससे निपटने की तैयारी की जाएगी.
बनाया गया कंट्रोल रूम: वहीं, यमुना नदी में पानी की स्थिति पर नजर रखने के लिए ईस्ट दिल्ली डीएम ऑफिस में फ्लड कंट्रोल रूम बनाया गया है. इस कंट्रोल रूम में दिल्ली के सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे. यह कंट्रोल रूम लगातार हरियाणा इरिगेशन डिपार्टमेंट के संपर्क में है और हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से कितना पानी दिल्ली के लिए रिलीज हो रहा है. इस पर भी नजर रखी जा रही है. साथ ही यमुना नदी में किन-किन इलाकों से पानी आता है और वहां पर मौसम की स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है, जिससे यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने की स्थिति का पता लगाया जा सके.
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स्कूलों में बनाए जाएंगे रिलीफ कैम्प: हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली के विभिन्न विभागों की टीम का काम शुरू हो जाएगा. ऐसे स्थान जहां पर बाढ़ आने की संभावना रहेगी, वहां पर मुनादी कराई जाएगी. यदि लोगों को विस्थापित किया जाएगा तो उनके लिए रिलीफ कैंप भी लगाए जाएंगे. बाढ़ के दौरान राहत और बचाव कर में प्रयोग होने वाले उपकरण किस स्थिति में हैं, इस पर भी चर्चा की गई.
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