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आज के श्रवण कुमार; 4 पोतों ने दादा-दादी को पालकी में बिठा हरिद्वार दर्शन कराए, 190KM कंधे पर लादकर चले - Kanwar Yatra 2024

यूपी के मेरठ में कांवड़ के अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. जिले के चार युवकों ने अपने दादा और दादी को पालकी में बैठाकर हरिद्वार दर्शन कराकर लौटे हैं.

सावन के श्रवण कुमार
सावन के श्रवण कुमार (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 30, 2024, 3:13 PM IST

Updated : Jul 30, 2024, 7:15 PM IST

मेरठः कावड़ यात्रा के दौरान अनोखे कावड़ नज़र आ रहे है. ऐसे में एक युवक ने दादा-दादी अपने कांधे पर बैठा कर कांवड़ यात्रा पर निकला है. मेरठ के 4 पोतों ने अपने दादा-दादी को यात्रा कराई है. देखते ही लोग बोले- ये इस युग के 'श्रवण कुमार' को देखकर प्रसंशा कर रहे हैं. जो भी कोई इन्हें देखता है, फोटो लेने से नहीं चूकता.

मेरठ, मवाना हस्तिनापुर थानाबक्षेत्र के गांव अकबरपुर गढ़ी प्रतापनगर निवासी सचिन अपने 3 और भाइयों के साथ बुजुर्ग दादा, दादी को पालकी में बैठाकर हरिद्वार में दर्शन करवाकर गंगाजल लेकर आए हैं. पोतों के एक कांधे पर 85 साल के दादा प्रेमचंद और दूसरे कांधे पर 83 साल की दादी समुंद्री हैं. दोनों कहते हैं कि इच्छा थी कि कांवड़ लेकर आएं. लेकिन ला नहीं सके, अब पोतों ने इच्छा पूरी कर दी. कहते हैं अब कोई इच्छा बाकी नहीं रही, भगवान हमारे परिवार को खुश रखें.

सचिन कश्यप ने अपने भाई अनिल, सुनील राहुल सावन के श्रावण के पवित्र महीने में अपनी दादी एवं दादा प्रेमचंद को दूसरी बार कांवड़ से तीर्थ कराने का संकल्प लिया था. इसके बाद सचिन अपने तीन भाइयों संग मिलकर दादा, दादी को कांवड़ यात्रा पर लेकर गए. हरिद्वार, हरि की पैड़ी से गंगाजल लिया. इसके बाद 190 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके घर लौटे हैं.

मेरठः कावड़ यात्रा के दौरान अनोखे कावड़ नज़र आ रहे है. ऐसे में एक युवक ने दादा-दादी अपने कांधे पर बैठा कर कांवड़ यात्रा पर निकला है. मेरठ के 4 पोतों ने अपने दादा-दादी को यात्रा कराई है. देखते ही लोग बोले- ये इस युग के 'श्रवण कुमार' को देखकर प्रसंशा कर रहे हैं. जो भी कोई इन्हें देखता है, फोटो लेने से नहीं चूकता.

मेरठ, मवाना हस्तिनापुर थानाबक्षेत्र के गांव अकबरपुर गढ़ी प्रतापनगर निवासी सचिन अपने 3 और भाइयों के साथ बुजुर्ग दादा, दादी को पालकी में बैठाकर हरिद्वार में दर्शन करवाकर गंगाजल लेकर आए हैं. पोतों के एक कांधे पर 85 साल के दादा प्रेमचंद और दूसरे कांधे पर 83 साल की दादी समुंद्री हैं. दोनों कहते हैं कि इच्छा थी कि कांवड़ लेकर आएं. लेकिन ला नहीं सके, अब पोतों ने इच्छा पूरी कर दी. कहते हैं अब कोई इच्छा बाकी नहीं रही, भगवान हमारे परिवार को खुश रखें.

सचिन कश्यप ने अपने भाई अनिल, सुनील राहुल सावन के श्रावण के पवित्र महीने में अपनी दादी एवं दादा प्रेमचंद को दूसरी बार कांवड़ से तीर्थ कराने का संकल्प लिया था. इसके बाद सचिन अपने तीन भाइयों संग मिलकर दादा, दादी को कांवड़ यात्रा पर लेकर गए. हरिद्वार, हरि की पैड़ी से गंगाजल लिया. इसके बाद 190 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके घर लौटे हैं.

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Last Updated : Jul 30, 2024, 7:15 PM IST
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