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पिछले चार महीने में उत्तराखंड में बनी 35 दवाओं के सैंपल हुए फेल, अलर्ट जारी - Medicine Samples Failed

Medicine Samples Failed in Uttarakhand उत्तराखंड में एक बार फिर केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन की जांच में देशभर की 31 कंपनियों की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं. जिसमें उत्तराखंड की पांच दवाइयों के सैंपल हैं. वहीं दवाइयों के सैंपल फेल होने पर उत्तराखंड ड्रग्स कंट्रोल विभाग को पत्र लिखकर अलर्ट जारी किया गया है.

Food Safety and Drug Administration
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 23, 2024, 3:05 PM IST

देहरादून: प्रदेश में स्थित फार्मा कंपनियों के दावाओं के सैंपल लगातार फेल हो रहे हैं. जिसके चलते प्रदेश में मौजूद फार्मा कंपनियों में बन रही दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने लगे हैं. दरअसल, देश भर में फार्मा कंपनियों की ओर से बनाई जा रही दवाइयां की गुणवत्ता और मानकों को लेकर केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन लगातार सैंपल लेकर जांच कर रही है. इसी क्रम में जून महीने में केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन ने तमाम फार्मा कंपनियों की दावों का सैंपल लिया था. जिसकी जांच करने के बाद दावा मानक नियंत्रण संगठन ने रिपोर्ट जारी कर दिया है. वहीं जांच में उत्तराखंड में निर्मित पांच दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं.

जारी रिपोर्ट के अनुसार देश के तमाम राज्यों में निर्मित 31 दवाओं की गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी है. जिसके चलते दवा मानक नियंत्रण संगठन ने अलर्ट जारी किया है. साथ ही राज्यों के ड्रग्स कंट्रोलर को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. जिसको देखते हुए उत्तराखंड के ड्रग्स कंट्रोलर ताजबेर सिंह ने जिन फार्मा कंपनियों की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उस बैच की दवाओं को बाजार से वापिस मांगने के निर्देश दिए हैं. ये दवाइयां उत्तराखंड में स्थित कई फार्मा कंपनियों में बनाए गए हैं. जिन फार्मा कंपनियों के दवाइयों का सैंपल फेल हुए हैं वो फार्मा कंपनियां रुड़की, हरिद्वार और काशीपुर में स्थित हैं.

उत्तराखंड की बात करें तो पिछले चार महीने से लगातार हर महीने उत्तराखंड राज्य में निर्मित दवाओं की गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतर रही हैं. दरअसल, मार्च महीने में उत्तराखंड में निर्मित 10 दवाओं के सैंपल फेल हुए थे. इसी तरह अप्रैल महीने में 10 फार्मा कंपनियों की 12 दवाई के सैंपल फेल हुए थे. मई महीने में उत्तराखंड में निर्मित 8 दवाओं के सैंपल फेल हुए थे. वहीं, जून महीने में उत्तराखंड में निर्मित 5 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं. यानी पिछले चार महीने में 35 दवाओं के सैंपल फेल हुए.

उत्तराखंड में निर्मित इन दवाओं के सैंपल हुए फेल- क्लिक कर यहां देखें पूरी रिपोर्ट-

  • ग्लेनसमिथ लैब्स प्राइवेट लिमिटेड की इसोमेप्राजोल गैस्ट्रो-रेसिस्टेंट टैबलेट्स 40 एमजी का सैंपल फेल हुए हैं. ये मेडिसिन रुड़की स्थित स्काईमैप फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड में निर्मित की गई है.
  • रुड़की स्थित फ्रांसिस रेमडीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड में निर्मितरैनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड टेबलेट्स 150 एमजी का सैंपल फेल हुआ है.
  • हरिद्वार स्थित ओमेगा फार्मा की निर्मित ट्रेनेक्सामिक एसिड टेबलेट्स 500 एमजी का सैंपल फेल हुआ है.
  • काशीपुर स्थित एग्रोन रेमेडीज प्राइवेट लिमिटेड की निर्मित पैंटोप्रजोल गैस्ट्रो-रेसिस्टेंट टैबलेट्स 40 एमजी का सैंपल फेल हुआ है.
  • रुड़की स्थित एप्पल फॉर्मुलेशंस प्राइवेट लिमिटेड की निर्मित एटोरिकॉक्सीब टेबलेट्स 90 एमजी का सैंपल फेल हुआ है.

पढ़ें-उत्तराखंड की 10 फार्मा कंपनियों की 12 दवाइयों के सैंपल फेल, ड्रग्स कंट्रोलर ने उत्पाद लाइसेंस किए निरस्त

देहरादून: प्रदेश में स्थित फार्मा कंपनियों के दावाओं के सैंपल लगातार फेल हो रहे हैं. जिसके चलते प्रदेश में मौजूद फार्मा कंपनियों में बन रही दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने लगे हैं. दरअसल, देश भर में फार्मा कंपनियों की ओर से बनाई जा रही दवाइयां की गुणवत्ता और मानकों को लेकर केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन लगातार सैंपल लेकर जांच कर रही है. इसी क्रम में जून महीने में केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन ने तमाम फार्मा कंपनियों की दावों का सैंपल लिया था. जिसकी जांच करने के बाद दावा मानक नियंत्रण संगठन ने रिपोर्ट जारी कर दिया है. वहीं जांच में उत्तराखंड में निर्मित पांच दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं.

जारी रिपोर्ट के अनुसार देश के तमाम राज्यों में निर्मित 31 दवाओं की गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी है. जिसके चलते दवा मानक नियंत्रण संगठन ने अलर्ट जारी किया है. साथ ही राज्यों के ड्रग्स कंट्रोलर को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. जिसको देखते हुए उत्तराखंड के ड्रग्स कंट्रोलर ताजबेर सिंह ने जिन फार्मा कंपनियों की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उस बैच की दवाओं को बाजार से वापिस मांगने के निर्देश दिए हैं. ये दवाइयां उत्तराखंड में स्थित कई फार्मा कंपनियों में बनाए गए हैं. जिन फार्मा कंपनियों के दवाइयों का सैंपल फेल हुए हैं वो फार्मा कंपनियां रुड़की, हरिद्वार और काशीपुर में स्थित हैं.

उत्तराखंड की बात करें तो पिछले चार महीने से लगातार हर महीने उत्तराखंड राज्य में निर्मित दवाओं की गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतर रही हैं. दरअसल, मार्च महीने में उत्तराखंड में निर्मित 10 दवाओं के सैंपल फेल हुए थे. इसी तरह अप्रैल महीने में 10 फार्मा कंपनियों की 12 दवाई के सैंपल फेल हुए थे. मई महीने में उत्तराखंड में निर्मित 8 दवाओं के सैंपल फेल हुए थे. वहीं, जून महीने में उत्तराखंड में निर्मित 5 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं. यानी पिछले चार महीने में 35 दवाओं के सैंपल फेल हुए.

उत्तराखंड में निर्मित इन दवाओं के सैंपल हुए फेल- क्लिक कर यहां देखें पूरी रिपोर्ट-

  • ग्लेनसमिथ लैब्स प्राइवेट लिमिटेड की इसोमेप्राजोल गैस्ट्रो-रेसिस्टेंट टैबलेट्स 40 एमजी का सैंपल फेल हुए हैं. ये मेडिसिन रुड़की स्थित स्काईमैप फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड में निर्मित की गई है.
  • रुड़की स्थित फ्रांसिस रेमडीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड में निर्मितरैनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड टेबलेट्स 150 एमजी का सैंपल फेल हुआ है.
  • हरिद्वार स्थित ओमेगा फार्मा की निर्मित ट्रेनेक्सामिक एसिड टेबलेट्स 500 एमजी का सैंपल फेल हुआ है.
  • काशीपुर स्थित एग्रोन रेमेडीज प्राइवेट लिमिटेड की निर्मित पैंटोप्रजोल गैस्ट्रो-रेसिस्टेंट टैबलेट्स 40 एमजी का सैंपल फेल हुआ है.
  • रुड़की स्थित एप्पल फॉर्मुलेशंस प्राइवेट लिमिटेड की निर्मित एटोरिकॉक्सीब टेबलेट्स 90 एमजी का सैंपल फेल हुआ है.

पढ़ें-उत्तराखंड की 10 फार्मा कंपनियों की 12 दवाइयों के सैंपल फेल, ड्रग्स कंट्रोलर ने उत्पाद लाइसेंस किए निरस्त

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