श्रीनगर: राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में तीन राज्यों के संकाय सदस्यों का तीन दिवसीय बेसिक कोर्स इन मेडिकल एजुकेशन (बीसीएमई) प्रशिक्षण संपंन हुआ. जिसमें पहुंचे संकाय सदस्यों ने प्रशिक्षण को अभूतपूर्व बताते हुए कहा ऐसे प्रशिक्षण मेडिकल एजुकेशन में नये-नये बदलाव लायेगा. एमबीबीएस पढ़ाई कराने में नये तौर-तरीके से सुविधा मिलेगी. साथ ही छात्रों सीखने के नये अनुभव प्राप्त होंगे. प्रशिक्षण के समापन अवसर पर हिमाचल, यूपी और उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों से पहुंचे संकाय सदस्यों को सम्मानित किया गया.
प्रशिक्षण के समापन अवसर पर एनएमसी के ऑब्जर्वर प्रो. विनय शर्मा ने प्रशिक्षण बेहतर ढ़ग से संचालित करने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन की सराहना की. उन्होंने कहा बीसीएमई के नए पाठ्यक्रम के सभी पहलुओं पर व्यापक रूप से कार्य होगा और चिकित्सा शिक्षा में शिक्षकों को एमबीबीएस छात्रों को नई टेक्निक से पढ़ाकर छात्रों को मेडिकल शिक्षा में दक्ष बना सकेंगे. उन्होंने प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने वाले सभी संकाय सदस्यों द्वारा अपनी भूमिका पूरे मनोयोग से निभाने की प्रशंसा करते हुए बधाई दी.
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीएमएस रावत ने प्रशिक्षण को विभिन्न पहलुओं को कवर करने के लिए संरचित एक व्यावहारिक बताया. उन्होंने कहा सामग्री में लक्ष्यों, दक्षताओं, विशिष्ट शिक्षण उद्देश्यों, शिक्षण सीखने के तरीकों, मूल्यांकन और शैक्षिक नेटवर्किंग का समग्र दृष्टिकोण शामिल था, जो चिकित्सा शिक्षा में मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा यह प्रशिक्षण एमबीबीएस छात्रों व चिकित्सा शिक्षा में किये जाने वाले नये बदलावों और कौशल मूल्यांकन जैसे कई नई अवधारणाओं में अच्छे परिणाम देने में सफल रहेगा.
प्रशिक्षण में डर्मेटोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो दीपक डिमरी, ब्लड बैंक विभागाध्यक्ष प्रो. दीपा हटवाल, फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष एव कॉर्डिनेटर एमईयू प्रो किगशुक लाहौन, बायोकेमेस्ट्री विभागाध्यक्ष प्रो कैलाश गैरोला, प्रो अनिल द्विवेदी, फोरेंसिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ निरंजन गुंजन, एसो. प्रो. पैथोलाजी डॉ पवन बट्ट, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नियति ऐरन अन्य विषय विशेषज्ञ रहे. जिनके द्वारा प्रशिक्षण में बीसीएमई के सभी बिंदुओं को स्पष्ट और व्यवस्थित रूप से प्रस्तुतीकरण किया.