राजगढ़: नीट परीक्षा के रिजल्ट के बाद मध्य प्रदेश में एडमिशन के लिए 31 अगस्त से 4 सितंबर तक की तिथि निर्धारित की गई है. चयनित छात्र-छात्राएं कॉलेजों में जाकर प्रवेश की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं. वहीं कई छात्र-छात्राओं के पास जरूरी डॉक्यूमेंट नहीं होने की वजह से परेशान भी होना पड़ रहा है. ऐसे ही राजगढ़ के छात्र को एक डॉक्यूमेंट न होने की वजह से उसे अगले दिन प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के लिए बुलाया गया.
स्कॉलरशिप के लिए आईटीआर ले जाना न भूले
मामला राजगढ़ का है. यहां मोहम्मद सुफियान नाम के एक छात्र ने इस साल नीट की परीक्षा में हिस्सा लिया था. उसने एग्जाम में 565 नंबर प्राप्त किए. उसे देवास जिले में स्थित अमलतास मेडिकल कॉलेज में सीट अलॉट हुई. 31 अगस्त से 4 सितंबर के बीच कॉलेज में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया. मोहम्मद रिपोर्टिंग के पहले ही दिन अपने परिजन के साथ देवास स्थित मेडिकल कॉलेज पहुंच गया.
जहां उसकी प्रवेश की प्रक्रिया कराई जा रही थी, लेकिन छात्र के पास उसके पिता का लेटेस्ट आईटीआर डॉक्यूमेंट नहीं था. जिस वजह से उसके एडमिशन की प्रक्रिया नहीं पूरी हो सकी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह ओबीसी वर्ग से है और उसको स्कॉलरशिप मिलनी है. जिस वजह से आईटीआर डॉक्यूमेंट अनिवार्य हो जाता है. प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसको अगले दिन बुलाया गया.
'पिता का आईटीआर संबंधित दस्तावेज के साथ संलग्न करना आवश्यक'
इस मामले की जानकारी देते हुए कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि, "स्कॉलरशिप प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को अपने पिता का आईटीआर, संबंधित दस्तावेज के साथ संलग्न करना आवश्यक है, क्योंकि शासन संबंधित व्यक्ति को वेरिफाई करेगा कि वह छात्र स्कॉलरशिप पाने योग्य है या नहीं." मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के साथ-साथ स्कॉलरशिप प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं इस बात का विशेष ध्यान रखे कि वे अपने तमाम दस्तावेज के साथ साथ अपने पिता का आईटीआर कंप्यूटेशन के साथ अपने दस्तावेज के साथ जरूर संलग्न करें, ताकि वे परेशानी से बच सके.