नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम की वेबसाइट करीब एक हफ्ते से ठप पड़ी है. इसके कारण ऑनलाइन संपत्ति कर का भुगतान नहीं हो पा रहा है. निगम का संपत्ति कर जमा करने के लिए लोग दफ्तर के चक्कर काटने के लिए मजबूर है. निगम की वेबसाइट पर ऑनलाइन सर्विसेज की विंडो खुल ही नहीं रही है. कभी-कभी मुश्किल से विंडो खुल भी रही है तो इसके आगे प्रॉपर्टी टैक्स की विंडो नॉट रिचेबल बता रही है. हालांकि निगम ने इसको दुरुस्त करने के लिए 15 अप्रैल तक का वक्त मांगा था. सोमवार को भी वेबसाइट बंद रही.
सिविक सेंटर में समस्याएं लेकर पहुंचे नागरिकों ने बताया निगम की वेबसाइट आए दिन बंद पड़ जाती है, जिस वहज से निगम सेवाओं का सुचारु रूप से लाभ नहीं मिल पा रहा. निगम के आईटी डिपार्टमेंट पर हर महीने लाखों रुपये खर्च हो रहे, जबकि इसकी ऑनलाइन सेवाएं बेहद लचर बनी हैं. एमसीडी की वेबसाइट का सर्वर धीमा रहता है.
निगम अधिकारियों की मानें तो दिल्ली में करीब 55 लाख संपत्तियां हैं. जिनमें से करीब 80 फ़ीसदी संपत्ति अनधिकृत कॉलोनी में है. जबकि 20 फ़ीसदी 11 लाख नियमित कॉलोनी में है, जिससे एमसीडी को संपत्ति कर मिलता है. पिछले वित्त वर्ष में नगर निगम को करीब 23,00 करोड़ रुपये संपत्तिकर के रूप में हासिल हुए थे. नगर निगम ने मौजूदा वित्त वर्ष में करीब 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा संपत्ति कर अर्जित करने का लक्ष्य रखा है.
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लोगों की शिकायत है कि जिओ टैगिंग करने की वेबसाइट भी अधिकतर बंद रहती है. जिसके कारण लोग अपनी संपत्ति को टैग नहीं कर पा रहे हैं निगम के नियम के अनुसार 30 अप्रैल तक जिन लोगों की संपत्तियां जियो टैग नहीं रहेगी उनका संपत्ति कर का एक मुश्त भुगतान पर मिलने 10 फीसदी की छूट नहीं दी जाएगी. पहले लोगों को एकमुश्त संपत्तिकर भुगतान करने पर 15 फीसदी की छूट दी जाती थी. इस साल संपत्तिकर के भुगतान के लिए नागरिकों के लिए हर साल लाई जाने वाली आम माफी योजना भी नहीं लाई गई. इस योजना के माध्यम से भारी संख्या में संपत्तिकर जमा होता था.अब देखने वाली बात होगी कि निगम में से कितने दिन में दुरुस्त कर पता है ताकि लोगों को सहूलियत मिल सके।
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