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मानसून में द‍िल्‍ली को पानी-पानी होने से बचाने के लिए MCD ने तैयार क‍िया एक्‍शन प्‍लान, जानें क्‍या है खास - mcd action plan for rainy season

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 29, 2024, 4:43 PM IST

MCD action plan for rainy season: बरसात में दिल्ली को जलभराव से बचाने के लिए एमसीडी ने एक्शन प्लान तैयार किया है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से..

दिल्ली नगर निगम
दिल्ली नगर निगम (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम ने आगामी बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए एक व्यापक मानसून कार्य योजना तैयार की है. कार्य योजना में मुख्य रूप से नालों की समय पर सफाई, जलभराव वाले हॉटस्पॉट की पहचान और जलभराव की घटनाओं की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनाने और टीमों के गठन जैसे प्रमुख बिंदुओं पर विशेष बल दिया जाएगा. इसमें विभिन्न विभागों के बीच समन्वय भी सुनिश्चित किया जाएगा.

डिस्लिटिंग कार्य: निगम अधिकारियों ने बताया कि MCD मानसून आने से पहले अपने अधिकार क्षेत्र के सभी नालों की सफाई के लक्ष्य को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है. निगम ने गाद निकालने का 70 प्रतिशत काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और 15 जून से पहले प्रथम चरण में गाद निकालने का काम पूरा करने की तैयारी कर ली है. अधिकांश नालों से गाद निकालने का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से किया जा रहा है. इस काम में एजेंसियां ​​गाद निकालने के लिए खुदाई करने वाली मशीनों/जेसीबी, पोकलेन, मैनुअल लेबर का इस्तेमाल करती हैं और परिवहन की गई गाद को एसएलएफ साइट्स पर भेजा जाता है.

कंट्रोल रूम की स्थापना: मानसून के दौरान मुख्यालय स्तर के साथ सभी 12 क्षेत्रों में कंट्रोल रूम चालू रहते हैं. उपायुक्त सहित सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को बारिश के दौरान सतर्क रहने और संसाधनों उपलब्ध कराने व कर्मचारियों की तैनाती के संबंध में तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

वार्ड स्तर पर जोनल टीमों का गठन: वार्ड स्तर पर टीमें गठित की गई हैं, जिनमें जेई इंचार्ज, बेलदार और वार्ड के मेट शामिल हैं. जेई स्टोर पर शिफ्ट में पर्याप्त मैनपावर उपलब्ध रहेगी, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में जलभराव की समस्या से निपटा जा सके. वहीं सभी जोनों द्वारा विस्तृत ड्यूटी रोस्टर तैयार किया गया है और शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए मशीनरी के साथ आवश्यक स्टाफ तैनात किया गया है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में पानी की बर्बादी पर लगेगा ₹2000 का जुर्माना, सरकार का बड़ा ऐलान

स्थायी और अस्थायी पंपों की स्थिति: मानसून के मौसम में सभी स्थायी पंपिंग स्टेशनों पर 24x7 स्टाफ उपलब्ध रहेगा. कुल स्थायी पंप 72 और अस्थायी पंप की संख्या 465 है. प्रत्येक निगम स्टोर पर टीमें बनाई गई है, जिनके पास अपने क्षेत्र में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त पंप हैं. मानसून शुरू होने से पहले पंपों का रखरखाव और पंपिंग स्टेशनों पर संपवेल की सफाई का काम पूरा कर लिया गया है. निगम अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली नगर निगम मानसून के मौसम की शुरुआत से पहले नालों की सफाई का काम पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और अपने अधिकार क्षेत्र में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- खानपुर में पानी की भारी समस्या, दिल्ली सरकार और विधायक के खिलाफ प्रदर्शन

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम ने आगामी बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए एक व्यापक मानसून कार्य योजना तैयार की है. कार्य योजना में मुख्य रूप से नालों की समय पर सफाई, जलभराव वाले हॉटस्पॉट की पहचान और जलभराव की घटनाओं की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनाने और टीमों के गठन जैसे प्रमुख बिंदुओं पर विशेष बल दिया जाएगा. इसमें विभिन्न विभागों के बीच समन्वय भी सुनिश्चित किया जाएगा.

डिस्लिटिंग कार्य: निगम अधिकारियों ने बताया कि MCD मानसून आने से पहले अपने अधिकार क्षेत्र के सभी नालों की सफाई के लक्ष्य को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है. निगम ने गाद निकालने का 70 प्रतिशत काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और 15 जून से पहले प्रथम चरण में गाद निकालने का काम पूरा करने की तैयारी कर ली है. अधिकांश नालों से गाद निकालने का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से किया जा रहा है. इस काम में एजेंसियां ​​गाद निकालने के लिए खुदाई करने वाली मशीनों/जेसीबी, पोकलेन, मैनुअल लेबर का इस्तेमाल करती हैं और परिवहन की गई गाद को एसएलएफ साइट्स पर भेजा जाता है.

कंट्रोल रूम की स्थापना: मानसून के दौरान मुख्यालय स्तर के साथ सभी 12 क्षेत्रों में कंट्रोल रूम चालू रहते हैं. उपायुक्त सहित सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को बारिश के दौरान सतर्क रहने और संसाधनों उपलब्ध कराने व कर्मचारियों की तैनाती के संबंध में तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

वार्ड स्तर पर जोनल टीमों का गठन: वार्ड स्तर पर टीमें गठित की गई हैं, जिनमें जेई इंचार्ज, बेलदार और वार्ड के मेट शामिल हैं. जेई स्टोर पर शिफ्ट में पर्याप्त मैनपावर उपलब्ध रहेगी, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में जलभराव की समस्या से निपटा जा सके. वहीं सभी जोनों द्वारा विस्तृत ड्यूटी रोस्टर तैयार किया गया है और शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए मशीनरी के साथ आवश्यक स्टाफ तैनात किया गया है.

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स्थायी और अस्थायी पंपों की स्थिति: मानसून के मौसम में सभी स्थायी पंपिंग स्टेशनों पर 24x7 स्टाफ उपलब्ध रहेगा. कुल स्थायी पंप 72 और अस्थायी पंप की संख्या 465 है. प्रत्येक निगम स्टोर पर टीमें बनाई गई है, जिनके पास अपने क्षेत्र में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त पंप हैं. मानसून शुरू होने से पहले पंपों का रखरखाव और पंपिंग स्टेशनों पर संपवेल की सफाई का काम पूरा कर लिया गया है. निगम अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली नगर निगम मानसून के मौसम की शुरुआत से पहले नालों की सफाई का काम पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और अपने अधिकार क्षेत्र में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं.

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