नई दिल्ली: दिल्ली में सर्दी शुरू होते ही प्रदूषण तेजी से बढ़ने लगा है. दिल्ली नगर निगम ने इससे निपटने के लिए हर जोन को 20 लाख रुपए आवंटित किए. यह राशि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सभी 12 जोनों में वितरित की जाएगी.
निगम अधिकारियों ने बताया कि इस राशि का उपयोग धूल प्रदूषण को कम करने के लिए मशीनरी, मानव संसाधन बढ़ाने के लिए किया जाएगा. साथ ही पानी का छिड़काव करने वाले वाहनों के ड्राइवरों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. इस फंड का उपयोग करके सभी जोन अपने-अपने क्षेत्र में पूरी दक्षता के साथ एंटी-स्मॉग गन का संचालन सुनिश्चित करेंगे.
प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत निगम एंटी-स्मॉग गन, वाटर स्प्रिंकलर में इस्तेमाल के लिए डस्ट सप्रेसेंट्स खरीदेगा और इसके समुचित प्रयोग को सुनिश्चित किया जाएगा. निगम ने निर्माण और मलबा स्थलों को विनियमित करने के लिए सख्त कदम उठाने का फैसला किया. इसके अतिरिक्त, सभी जोनल उपायुक्त अपने क्षेत्र में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रयास करेंगे.
एमसीडी ने सभी ज़ोनल उपायुक्तों सहित कर्मचारियों को आदेश दिए हैं कि जिन चीजों से वायु प्रदूषण फैल रहा है, उन पर लगाम लगाई जाए. एएसआई/जेई और मेंटेनेंस टीमों द्वारा दिए गए प्रमाणपत्रों और निरीक्षणों की सख्त निगरानी की जाए. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए की सभी निर्माण साइटों पर धूल नियंत्रण उपायों का पालन किया जा रहा है या नहीं.
एमसीडी अधिकारियों के मुताबिक, वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिए गठित निरीक्षण टीमें निर्माण और विध्वंस कचरा (सीएंडडी वेस्ट) और कचरा जलाने से संबंधित उल्लंघनों को रोकने के लिए प्रतिदिन निरीक्षण करें. टीमों को आवश्यकता के अनुसार समायोजित किया जा सकता है, लेकिन प्रत्येक टीम सक्रिय रूप से निगरानी करेगी और उल्लंघन करने वालों को चालान भी जारी होगा. पीडब्ल्यूडी की सभी सड़कों की साप्ताहिक आधार पर गहन सफाई की जाएगी, ताकि धूल प्रदूषण कम हो.
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