मसूरी: मजदूर संघ मसूरी के कार्यालय में आज एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर 23 से 25 जुलाई तक शहीद स्थल पर सरकार और मसूरी पालिका प्रशासन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन का निर्णय लिया गया. साथ ही पदाधिकारियों ने कहा कि अगर तब भी सरकार और पालिका प्रशासन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है, तो वह एक उग्र आंदोलन करने के लिए रणनीति बनाएंगे.
बता दें कि मजदूर संघ मसूरी द्वारा क्षेत्र में साइकिल रिक्शा को ई-रिक्शा में तब्दील किए जाने, मसूरी एमडीडीए पार्किंग को मजदूर संघ को पूर्व की भांति दिए जाने और शिफन कोर्ट के करीब 84 परिवारों की आवास बनाए जाने की मांग की जा रही है.
मजदूर संघ मसूरी के अध्यक्ष रणवीर सिंह और महामंत्री संजय टम्टा ने बताया कि पिछले कई समय से मसूरी के 121 रिक्शा चालक साइकिल रिक्शा को ई-रिक्शा में तब्दील किए जाने की मांग कर रहे हैं. कई रिक्शा चालक बुजुर्ग हो चुके हैं, जिनको विस्थापित किए जाने की मांग की जा रही है, लेकिन इस ओर न तो प्रशासन और ना ही पालिका ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी द्वारा मसूरी में गोल्फ कार्ट चलाई जाने की बात की जा रही है, लेकिन गोल्फ कार्ट को लेकर कभी भी रिक्शा चालकों से वार्ता नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि मजदूर उन्मूलन के तहत कई सालों से अपर माल रोड में एमडीडीए पार्किंग मजदूर संघ को दी जाती थी, लेकिन इस बार षड्यंत्र के तहत पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता द्वारा एमडीडीए पार्किंग व्यक्ति विशेष के नाम पर कर दी गई, जिसका वह विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि शिफन कोर्ट से बेघर किए गए 84 परिवारों का आज तक आवास नहीं बन पाया है, जबकि हंस फाउंडेशन से पैसा स्वीकृत होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और क्षेत्रीय विधायक गणेश जोशी द्वारा लक्ष्मण पुरी के पास आईडीएच में भूमि पूजन भी किया गया है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि अभी तक आईडीएच में शिफन कोर्ट के बेघर लोगों के लिये आवास बनाए जाने के लिए एक ईट नहीं लगी है. ऐसे में अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर मसूरी के 121 रिक्शा चालक और मजदूर संगठन के लोग शहीद स्थल पर सरकार और पालिका प्रशासन के खिलाफ धरना देंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार और पालिका प्रशासन की होगी.
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