जयपुर. हेरिटेज नगर निगम में भले ही कांग्रेस का बोर्ड हो, महापौर भी भले ही कांग्रेस की हो, लेकिन अब उनका झुकाव बीजेपी विधायकों और विधायक प्रत्याशियों की ओर ज्यादा देखने को मिल रहा है. हालांकि, बीजेपी नेताओं के साथ महापौर की ये नजदीकियां बीजेपी पार्षदों को रास नहीं आ रही. वो महापौर को बर्खास्त करने की मांग भी उठा चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होने के कारण मंगलवार को ये पार्षद बीजेपी शहर अध्यक्ष राघव शर्मा के दरवाजे पर जा पहुंचे. यहां तकरीबन आधे घंटे तक पार्षदों ने अपनी पीड़ा शहर अध्यक्ष के सामने रखी. इसके बाद राघव शर्मा ने सभी शंकाओं को प्रदेश नेतृत्व के सामने रख समाधान निकालने की बात कही.
राघव शर्मा ने बताया कि हेरिटेज निगम के पार्षदों के मन में क्या व्यथा है, उसकी जानकारी लेने के लिए मीटिंग बुलाई. बड़े नेताओं और प्रदेश नेतृत्व से चर्चा करके उनकी व्यथा सुनने के बाद उसका संगठनात्मक हित में क्या समाधान निकल सकता है, उस पर मंत्रणा की गई है. साथ ही अगले साल निगम का चुनाव है. ऐसे में वातावरण बने, विकास के काम हो, जनता ने जिस कसौटी पर उन्हें चुनकर भेजा है, उस पर को खरा उतरने का प्रयास करें और फिर जनता को चुनाव में जवाब दे सकें. उन्होंने कहा कि हेरिटेज निगम में 3 साल से कांग्रेस का बोर्ड है. कांग्रेस की सरकार थी, इस कारण से काम में अवरोध थे, लेकिन अब बीजेपी सरकार बनने के बाद विकास के कार्य निर्वाध गति से आगे चल पाएंगे, इसके लिए मंथन बैठक थी.
उन्होंने कहा कि जहां तक महापौर मुनेश गुर्जर का सवाल है तो ये संगठन का आंतरिक विषय है. प्रदेश नेतृत्व से इस पर चर्चा की जाएगी और किन बिंदुओं पर चर्चा करनी है, उन पर बात कर ली गई है. हेरिटेज निगम से जुड़ी सारी शंकाओं का समाधान प्रदेश नेतृत्व के साथ बैठकर निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश नेतृत्व से तीन-चार बिंदुओं पर चर्चा करेंगे और प्रदेश नेतृत्व आगे क्या गाइडलाइन देता है, उस पर कार्रवाई करेंगे.
हालांकि, इस दौरान भी बीजेपी के सभी 42 पार्षद एकजुट नहीं हो सके यहां शहर अध्यक्ष से चर्चा के दौरान केवल 27 पार्षद ही मौजूद रहे. ऐसे में चर्चा यह भी है कि बीजेपी में महापौर पद के दावेदारों की कमी होने और जो दावेदार हैं, उन पर एक मत नहीं होने के चलते फिलहाल महापौर मुनेश गुर्जर की राहत की सांस ले रही हैं. 27 जुलाई को होने वाली बीजेपी जिला कार्यसमिति की बैठक में जरूर उन पर कोई फैसला आ सकता है.