जोधपुर. महापौर उत्तर कुंती परिहार ने शनिवार को नगर निगम उत्तर का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया. महापौर की ओर से सदन के पटल पर रखे गए करीब 727 करोड़ 90 लाख रुपए के बजट को ध्वनि मत से पारित किया गया. इस दौरान दोनों विधायकों ने नगर निगम बोर्ड को आश्वस्त किया कि शहर के विकास के लिए वह सदैव तत्पर रहेंगे. साथ ही राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर शहर के विकास में अपना सहयोग करेंगे. हालांकि, इस दौरान एक बार फिर भ्रष्टाचार पर बात हुई. इस पर सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी ने महापौर पर तंज कसते हुए कहा कि 'आप झांसी की रानी की तरह निगम चला रही हैं.'
उन्होंने कहा कि 'आप विषम परिस्थितियों में निगम चला रहीं हैं. आप पर बहुत दबाव है. आपको विपक्ष की जरूरत नहीं, क्योंकि यह काम तो आपके अपने पार्षद ही पूरा कर रहे हैं.' विधायक ने कहा कि सब बातों के साथ आम जनता में यह धारणा बन गई है कि शहर के दोनों नगर निगम भ्रष्टाचार के अड्डे हैं. हम सबको मिलकर इसे सुधारना होगा.
ये निर्णय लिए गए : बजट बैठक में महापौर ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में प्रति वार्ड में पार्षद कोटे से 30 लाख रुपए के विकास कार्य करवाए जाएंगे. मकराना मामला स्थित तुरजी का झालरा एक विश्व विख्यात पर्यटन स्थल है. इस स्थान पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में देसी-विदेशी सैलानी आते हैं. इस पर्यटक स्थल को पीपीपी मॉडल पर दिए जाने के लिए अध्ययन करवाया जा रहा है. नगर निगम के हित को ध्यान में रखते हुए इस स्थल को पीपीपी मॉडल पर उपयोग में लिया जाएगा. महापौर ने बताया कि शहर की चार दिवारी के मध्य स्थित भवनों को एकरूपता की दृष्टि से ब्लू करने का निर्णय लिया गया था.
अधिकारी सिर्फ अपनी स्कीम में लगे हैं : जोधपुर शहर विधायक अतुल भंसाली ने कहा कि नगर निगम उत्तर का एक कार्यालय शहर के अंदर होना जरूरी है. इसके लिए विधायक कोष से फंड जारी किया जाएगा. पूर्ववर्ती सरकार ने जो घोषणाएं की थी, उनके लिए हमारे अधिकारियों ने भी सरकार से पत्राचार तक नहीं किया. सभी अधिकारी एक ही बात सोचते हैं. उन्हें जनता से कोई लेना देना नहीं है.
रात को दुकानें खुलवाई : भंसाली ने कहा कि पूरे टूरिस्ट सीजन में हमने प्रशासन से भीतरी शहर में दुकानें रात 1 बजे तक खुलवाई, क्योंकि टूरिस्ट रात को घूमते हैं. इससे शहर को व्यापार मिलता है. 'पहले 10 बजे बाद वसूली शुरू हो जाती थी, हमने इसे रोका. हम जो भी काम हाथ में लेंगे वो पूरे होंगे.' विधायक ने ऑटो चालकों पर लगाम लगाने के लिए प्रीपेड मीटर लगाने की बात कही.
हमे गधा कहते हैं, टेंडर करें : बैठक में विधायक अतुल भंसाली ने कहा कि भीतरी शहर में निर्माण सामग्री पहुंचाने के लिए गधों का प्रयोग होता है. सफाई में भी होता है. लोग आकर कहते हैं कि 'गधे नहीं हैं, हमारे जैन समाज में भंसालियों को गधा कहा जाता है. मैंने कहा कि मैं तो एक हूं. साथ चल सकता हूं, लेकिन गधों की नौबत क्यों आई. लोगों ने अवैध निर्माण कर रास्ते छोटे कर दिए. अब गधों के टेंडर के लिए अधिकारी को फोन करना पड़ता है.'