अलवर. नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो अदालत नंबर-1 के विशिष्ठ न्यायाधीश जगेंद्र अग्रवाल ने रिश्ते में मामा लगने वाले एक व्यक्ति को 20 साल की सजा और 25 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. मामला लक्ष्मणगढ़ थाना इलाके का है.
विशिष्ठ अभियोजक रोशन दीन खान ने बताया कि आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग से उसकी मां के मौसी के लड़के ने 22 दिसंबर, 2022 को दुष्कर्म किया. रिश्ते में मामा लगने वाला यह व्यक्ति पीड़ित बच्ची के घर आया. बच्ची का पिता सत्संग में गया था. घर पर नाबालिग, उसकी मां और दो भाई थे. एक भाई की तबीयत खराब होने पर वह इंजेक्शन लगवा कर सो गया. पीड़ित बच्ची की मां को पैरालिस है.
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बालिका ने मामा को रोटी खिलाकर अंदर वाले कमरे में बैड पर सुला दिया. बच्ची बाहर वाले कमरे में दो भाइयों के पास नीचे चटाई पर सो गई. मां एक अन्य कमरे में सो गई. रात करीब 2 बजे मामा ने चटाई पर सो रही बच्ची से दुष्कर्म किया. बच्ची की आंख खुलने पर उसने मां और भाइयों को जगाया. इस बीच आरोपी मौका पाकर भाग गया. भागते समय वह अपनी बाइक को छोड़ गया. घटना का पता लगने पर रात को पिता भी सत्संग से आ गया. नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में लक्ष्मणगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया.
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12 गवाहों के बयान और 16 दस्तावेजी साक्ष्य किए पेश: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में पुलिस की ओर से 12 गवाहों के अदालत में बयान दर्ज कराए गए गए. केस से संबंधित 16 दस्तावेज पेश किए गए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ठ न्यायाधीश जगेंद्र अग्रवाल ने मामा को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है.