मंडी: कारगिल युद्ध के 25 साल बीत जाने के बाद पाकिस्तान ने सार्वजनिक तौर पर इस युद्ध में अपनी प्रत्यक्ष भागीदारी की बात को कबूल किया है. रक्षा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असमी मुनीर ने इस बात को कबूल किया है कि कारगिल युद्ध में पाकिस्तान की प्रत्यक्ष भूमिका थी और इस युद्ध में उनके कई जवान मारे गए थे.
बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान इस युद्ध में अपनी भूमिका को झूठलाता रहा और हमेशा इसे कश्मीरी उग्रवाद और मुजाहिद्दीन द्वारा किया गया हमला बताता रहा लेकिन अब 25 वर्षों में पहली बार पाकिस्तान ने अपनी भूमिका को कबूला है.
पाकिस्तान के इस कबूलनामे पर शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता जीएल बत्रा ने मंडी में अपनी प्रतिक्रिया दी. जीएल बत्रा ने कहा "पाकिस्तान 25 वर्षों तक जिस बात को झूठलाता रहा आज उसे कबूल किया है. ऐसे में अब यह स्पष्ट हो गया कि पाकिस्तान ने शिमला समझौते का उल्लंघन किया है, इसलिए पाकिस्तान के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ लॉ के तहत जो भी कार्रवाई बनती है वो की जानी चाहिए."
जीएल बत्रा ने कहा "कारगिल युद्ध जनरल परवेज मुर्शरफ की बहुत बड़ी गलती थी. उन्होंने अपने सैकड़ों लोगों को तो मरवाया ही लेकिन भारत के रणबांकुरों को भी जीत का परचम लहराने के लिए शहादत देनी पड़ी. पाकिस्तान ने तो उस वक्त अपने जवानों के शवों को लेने तक से इनकार कर दिया था. इस युद्ध में कई बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया, कई माताएं-बहनें विध्वा हो गई और कई बुजुर्गों के नौजवान बच्चे शहीद हो गए. पाकिस्तान की गलती के कारण जो घटित हुआ है वैसा भविष्य में फिर कभी न हो, इसके लिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करना बेहद जरूरी है."
बता दें कि शहीद कैप्टन सौरभ कालिया के परिजन भी उनके बेटे के साथ पाकिस्तान आर्मी द्वारा की गई बर्बरता को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट में न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं. जीएल बत्रा ने कहा "शहीद सौरभ कालिया का परिवार 25 वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की बर्बरता को लेकर जो लड़ाई लड़ रहा है उसमें भी अब जल्द न्याय मिलने की राह आसान होने वाली है क्योंकि पाकिस्तान ने अपने गुनाहों को कबूल कर लिया है."